अमरेन्द्र कुमार सिंह
गया । दक्षिण बिहार की एक मात्र अल्पसंख्यक महाविद्यालय मिर्ज़ा ग़ालिब में एक शानदार सांस्कृतिक कार्यक्रम के साथ जहां बीबीएम की पढ़ाई पूर्ण कर चुके पुराने छात्रों को बिदाई दी गई वहीं फ्रेशर छात्रों का उत्साह पूर्वक स्वागत किया गया.इस सम्पूर्ण कार्यक्रम का सफलतापूर्वक संचालन इसी संकाय की छात्राएं निशि शर्मा और प्रिया राज ने किया.इस अवसर पर महाविद्यालय के सचिव शबी आरफीन शमसी,प्राचार्य प्रो सरफ़राज़ खान, और उप प्राचार्य डा सुजाअत अली खान,बीबीएम इंचार्ज तहसीन अहमद समेत कई प्राध्यापक की भी उपस्थिति रही.अपने सम्बोधन में सचिव शबी आरफीन शमसी ने छात्रों को बताया कि इस गिरती हुई अर्थवयवस्था में बिजनेस की पढ़ाई कर चुके छात्रों से बेहतर उम्मीद की जा सकती है.जहां छात्र पढ़ाई कर नौकरी तलाशते हैं वहीं बीबीएम की पढ़ाई की वो महत्ता है कि ये छात्र दूसरों के लिए भी रोज़गार के रास्ते खोल सकते हैं.प्राचार्य डा शरफराज़ खान ने स्वीकारा कि बीबीएम की पढ़ाई के साथ कॉलेज का नाम ज़्यादा रौशन हुआ है.उप प्राचार्य डा सुजाअत अली खान ने माना कि पढ़ाई अगर दिल से की जाये तो हर विषय में अवसर है, लेकिन आज का दौर मैनेजमेंट की पढ़ाई को ज़्यादा मौका प्रदान करता है.उन्होंने कहा कि अच्छे कैरियर के लिए मास्टर डिग्री भी ज़रूर लेनी चाहिए।इस अवसर पर कॉलेज में एक शानदार सांस्कृतिक कार्यक्रम का भी आयोजन हुआ जिसमें संकाय के छात्र -छात्राओं ने अपनी प्रतिभा का शानदार प्रदर्शन किया।छात्राएं प्रिया और स्वाति ने जहां स्वागत गान गा कर लोगों को सम्मान दिया वहीं राजीव, मयूरी,आफरीन, रोहित,शुभम अल्फी आदि के नृत्य, गीत और लोक नाट्य काफ़ी पसंद किए गये.धन्यवाद ज्ञापन शुभम ने किया.इस मौके पर महाविद्याल के छात्र-छात्राओं के अलावा अफशां नाहिद, सरफराज़ खान, आयशा ज़मीर, शाहिद नदीम, काशिफ मंसूर बलदेव प्रसाद, गौतम सिंह,दानिश अहमद,और नौशाद करीम आदि की भी गरिमामई उपस्थिति अंत तक बनी रही।