Thursday, May 9, 2024
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यूनिसेफ और एनएसएस के संयुक्त सौजन्य से होम आइसोलेशन तकनीक विषयक वेबीनार आयोजित

धैर्य और संयम से काम लें : डॉ.कामिनी कुमार

रांची : विश्वविद्यालय की राष्ट्रीय सेवा योजना (एनएसएस) इकाई एवं यूनीसेफ(झारखंड) के संयुक्त तत्वावधान में कोविड-19 महामारी से उत्पन्न संकट के मद्देनजर होम आइसोलेशन तकनीक विषय पर एकदिवसीय वेबिनार का आयोजन किया गया। इस मौके पर वेबिनार की मुख्य अतिथि रांची विश्वविद्यालय की कुलपति डॉ.कामिनी कुमार ने कहा कि कोविड-19 के इस कठिन दौर में धैर्य और संयम से काम लेने की आवश्यकता है. स्वास्थ्य मंत्रालय से दिए गए नियमों का पालन करने पर बल दिया. उन्होंने 15 से 20 मिनट योग और प्राणायाम प्रतिदिन करने की सलाह दी. उन्होंने एनएसएस के स्वयंसेवकों को सलाह देते हुए कहा कि कोरोना से बचाव के लिए जागरूकता फैलाएं. स्वयं को स्वस्थ रखें तभी समाज स्वस्थ रह पाएगा.
एनएसएस ,गुवाहाटी के क्षेत्रीय निदेशक दीपक कुमार ने कहा कि वर्तमान चैलेंज को अपॉर्चुनिटी में बदलना होगा. एनएसएस के कार्यकर्ता के रूप में ऑनलाइन कितनी सेवा दे सकते हैं यह महत्वपूर्ण है. एक या दो मिनट का वीडियो बनाकर यूट्यूब पर, सोशल मीडिया पर डालें. व्हाट्सएप पर जागरूकता अभियान चलाएं. उन्होंने कहा कि सकारात्मक विचार संप्रेषित करने में यह इसकी महत्वपूर्ण भूमिका है. टीकाकरण जागरूकता अभियान भी एनएसएस के कार्यकर्ताओं को चलाना आवश्यक है. वेबीनार में यूनीसेफ की कम्युनिकेशन पदाधिकारी आस्था अलंग ने कहा कि जो रोगी उतने गंभीर नहीं हैं, चिकित्सकों ने उन्हें घर पर अलग रहने और दवाएं लेने की सलाह दी है, तथा स्वस्थ आहार लेने की बात कही है, इसका पालन करना चाहिए. उन्होंने कहा कि कोविड 19 में होम आइसोलेशन पर केंद्रित यह वेबिनार एनएसएस के स्वयंसेवकों को जागृत करेगा.
राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन झारखंड और यूनिसेफ की तरफ से डॉ. वनेश माथुर ने प्रेजेंटेशन के माध्यम से बताया कि घर पर इलाज से कोविड-19 के मरीज को क्या फायदे हैं. उन्होंने कहा कि अस्पताल से लगने वाले इंफेक्शन से पेशेंट बच सकता है और समुदाय के लोग सुरक्षित रहेंगे. जब पेशेंट होम आइसोलेशन में रहेगा तब ज्यादा अच्छी देखभाल हो सकती है. लेकिन आइसोलेशन में तभी रहें, जब डॉक्टर की सलाह आपको मिले. उन्होंने झारखंड सरकार के स्वसुरक्षा एन आई सी डॉट इन वेबसाइट की जानकारी दी और कहा कि उसके लिए इस साइट से कंसल्ट कर सकते हैं. 104 टोल फ्री नंबर है जहां मेडिकल एडवाइस के लिए कॉल कर सकते हैं. वेबीनार में एनएसएस, पटना के क्षेत्रीय निदेशक पीयूष परांजपे ने कहा कि रांची विश्वविद्यालय का यह प्रयास सराहनीय है. उन्होंने कहा कि डरना नहीं लड़ना है और इसी माध्यम से कोविड-19 को हराना है.
कार्यक्रम में यूनिसेफ से आस्था अलंग, एचआरडीसी, राँची विश्वविद्यालय के निदेशक डॉ. ज्योति कुमार, डी एस डब्ल्यू डॉ. राजकुमार शर्मा, डॉ. कमल कुमार बोस , डॉ. कुमारी उर्वशी, डॉ.सुषमा एक्का, डॉ. भारती द्विवेदी, डॉ. सुब्रतो सिन्हा, डॉ. हेमंत कुमार, प्रो. अपर्णा मिश्रा, अनुभव चक्रवर्ती, डॉ. प्रियंका सिंह सहित कुल 55 कार्यक्रम पदाधिकारी एवं 270 स्वयंसेवकों की उपस्थिति आर यू के विभिन्न महाविद्यालयों एवं विश्वविद्यालय विभागों की रही।
कार्यक्रम का संचालन एवं धन्यवाद ज्ञापन एन एस एस , राँची विश्वविद्यालय के कार्यक्रम समन्वयक डॉ. ब्रजेश कुमार ने किया। एनएसएस के कार्यकर्ताओं राहुल साहू ,संदीप, रश्मि , फलक फातिमा,दिवाकर इत्यादि ने अपने सवालों से होम आइसोलेशन इन कोविड-19 को समझने की कोशिश की.उनके सवालों के जवाब वनेश माथुर ने दिए। कार्यक्रम के अंत में डॉ. ब्रजेश कुमार  ने यह घोषणा की कि राज्य के सभी विश्वविद्यालयों ने एक स्ट्रेस मैनेजमेंट सेल का निर्माण किया है जिसके तहत हेल्पलाइन नंबर जारी किए गए हैं.
     

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