Friday, May 10, 2024
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वन भूमि को अवैध रूप से ग्रामीणों को देने के नाम पर वनकर्मी और बिचौलिए ने वसूले पैसे ।

वन विभाग के कर्मी स्थानीय बिचौलियों के माध्यम से उस जगह पर रह रहे लोगों को जंगल की जमीन उनके नाम किये जाने का प्रलोभन देकर मोटी रकम वसूल लिया गया है।

भावनाथपुर से मृत्युंजय की रिपोर्ट

कैलान के सुरक्षित वन क्षेत्रों के जंगलो की अंधाधुंध कटाई कर लोग अपना आशियाना बना रहे है। जहाँ कभी हरे भरे जंगल हुआ करते थे , अब उस जंगल को वन विभाग के कर्मियों द्वारा बिचौलियों की मदद से कटवाकर अयोध्या नगर टोला बसा दिया गया है। इतना ही नहीं, वनकर्मी बिचौलियों की मदद से आदिवासी एवं कोरबा जाति के लोगो को जंगल काटकर जगंल की जमीन देने के नाम पर सभी लोगो से मोटी रकम की वसूली भी किया गया है ।
ग़ौरतलब है कि सरकार के निर्देश पर सामाजिक वानिकी से कैलान स्थित आयोध्या नगर टोला में 50 हेक्टेयर में पौधोरोपन किया गया है। पौधोरोपण हेतु जंगल की जमीन मापी की गयी तो उस एरिया में दर्जनों लोगो द्वारा अवैध तरीके से जंगलो को काटकर खेती करते पाया गया। इसके बाद वन विभाग के कर्मी स्थानीय बिचौलियों के माध्यम से उस जगह पर रह रहे लोगों को जंगल की जमीन उनके नाम किये जाने का प्रलोभन देकर मोटी रकम वसूल लिया गया है।जिन लोगो से अवैध तरीके से पैसा की उगाही की गयी है, उनमे चंद्रावती देवी- 3 हजार, कमोदा देवी -2 हजार, लालती देवी -3 हजार, पानपति -3 हजार, बुद्धि नारायण कोरवा -2 हजार, रामप्रवेश कोरवा -3 हजार, अकलु भुंइया -2 हजार, मनकुरी देवी -2 हजार, रविन्द्र सिंह -1 हजार सहित कई अन्य लोगों का नाम शामिल है। जंगल की जमीन के एवज में पैसा देने वाले लोगो ने बताया कि जब जंगल के जमीन की मापी हो रही थी, तो गाँव के ही भोला कोरवा ने कहा कि तुम लोगो का जमीन बचाना है तो वन विभाग अधिकारीयों को पैसा देना होगा तभी जंगल की जमीन तुम लोगो के नाम होगा। जमीन अपने नाम पर किसी तरह हो जाये इसी कारण हम सभी भोला कोरवा को मई 2020 में पैसा दिये है।
पैसा उगाही किये जाने के आरोप पर भोला कोरवा ने बताया कि जंगल काटकर रह रहे लोगो की जमीन मापी करने पहुंचे अमीन को पैसा देने हेतु सामाजिक वानिकी के गार्ड कुंदन कुमार के कहने पर उपरोक्त व्यक्तियों से पैसा लिया गया है । जबकि इस मामले में गार्ड कुंदन कुमार ने पैसा लिये जाने के आरोप को बेबुनियाद बताया है।

इस संबंध में रेंजर अजीत सिंह ने कहा कि जंगल काटना अपराध है। अगर जंगल के जमीन पर लोगो को बसाने हेतु किसी के द्वारा पैसा लिया गया है, तो मामले की जांच कर दोषियों के विरुद्ध विभागीय कार्रवाई की जायेगी।

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