Sunday, April 28, 2024
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बिहार शराबबंदी : मौत के सौदागर स्प्रीट से बना रहे जहरीली शराब

शराब माफिया मुजफ्फरपुर से लेकर बंगाल और असम तक सक्रिय हैं। बिहार में जहरीली शराब तैयार होने में जिस स्प्रीट का उपयोग होता है, किशनगंज से ऐसे 35000 लीटर स्प्रीट लोड किये टैंकर को पुलिस ने ज़ब्त किया है।

किशनगंज:

बिहार का किशनगंज जिला जो पश्चिम बंगाल, नेपाल से सटा है और बांग्लादेश की सीमा के मुहाने पर स्थित होने के कारण शराब तस्करों का पसंदीदा जगह बन चुका है और तस्करी को लेकर सुर्खियों में बना रहता है। “चाहे पशु तस्करी हो, प्रदेश में शराब बंदी के बाद शराब तस्करी हो या फिर गांजे की तस्करी” तमाम तरह के ऐसे मादक पदार्थों की तस्करी जिले के रास्ते से होना आम बात हो गई है। दो दिन पहले ही भारी मात्रा में पुलिस ने गांजा को जब्त किया था और अब एक टैंकर स्प्रीट जिसमें 35000 लीटर स्प्रीट लोड था।

शराबबंदी के बाद भी प्रदेश में निर्मित हो रहे हैं अवैध शराब

एक साथ इतनी बड़ी मात्रा में स्प्रीट की जब्ती अपने आप में बहुत कुछ कह रही है। जिस इलाके में इसे पहुंचाया जाना था उस इलाके में आज भी बड़े पैमाने पर अवैध और जानलेवा शराब का निर्माण हो रहा है। गिरफ्तार चालक ने पहले महाराष्ट्र में इस खेप को अनलोड करने की बात कह पुलिस को गुमराह करने का प्रयास किया। लेकिन जब पुलिस ने सख्ती से पूछताछ की तब मुज़फ़्फ़रपुर में इस स्प्रीट के स्टॉक को पहुंचाने की बात चालक द्वारा कही गई है। जिससे साफ प्रतीत होता है कि बिहार में अवैध शराब का बहुत बड़ा रैकेट आज भी बदस्तूर जारी है।

माफियाओं पर लगानी होगी लगाम

अंतरराष्ट्रीय और अंतरराज्यीय सीमा पर बसे किशनगंज में तस्करी के दो मुख्य रुट हैं। पहला रूट है NH31 और दूसरा NH327E, दोनों ही रुट सीधे पश्चिम बंगाल से जुड़ी है। मुज़फ़्फ़रपुर में जहां इस स्प्रीट को पहुंचना था वहां बैठे माफियाओं पर पुलिस यदि कार्रवाई करे तो पूरे रैकेट को ध्वस्त किया जा सकता है। आमतौर पर तस्करी के वाहनों के चालक ही पुलिस की गिरफ्त में आ पाते हैं।

ज़ब्त हो चुकी है एक लाख लीटर शराब

किशनगंज के रास्ते हो रहे शराब तस्करी के आंकड़ों पर गौर करें तो पिछले साल जनवरी से लेकर अक्टूबर के बीच ही एक लाख लीटर से अधिक शराब की जब्ती हुई थी। जिसके बाद तत्कालीन पुलिस अधीक्षक कुमार आशीष को मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने उत्पाद पदक से सम्मानित भी किया था।

जहरीली शराब बनाने में काम आती है स्प्रीट

गोपालगंज और नालंदा जिलों में अभी हाल के दिनों में ही जहरीली शराब की वजह से कई मौतें हुई है। शराबबंदी के बाद शराब के अवैध कारोबार से जुड़े धंधेबाजों ने पहले शराब की तस्करी शुरू की लेकिन पुलिस और उत्पाद विभाग की बढ़ती दबिश के बाद इन माफियाओं ने स्प्रीट की तस्करी शुरू कर दी जिससे कच्चे और जहरीली शराब का कारोबार शुरू कर दिया है।

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