ड्रग्स कंज्यूमर के रूप में भारत एक बड़ा देश बनता जा रहा है। नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो (NCB) ने भारत में अब तक की सबसे बड़ी ड्रग की खेप बरामद की है। एनसीबी ने सूचना के आधार पर छापेमारी करते हुए हजारों करोड़ की नशीली दवा लीसर्जिक एसिड डाईएथिलेमाइड (LSD) पकड़ी है। 6 ड्रग्स तस्करों को भी गिरफ्तार किया गया है। एनसीबी की इस छापेमारी में देशभर में फैले ड्रग रैकेट का खुलासा हुआ है।
एनसीबी ने प्रेस कॉफ्रेंस कर मीडिया को बताया कि पिछले दो दशक में ड्रग की इतने बड़े खेप की यह सबसे बड़ी बरामदगी है। DDG NCB ज्ञानेश्वर सिंह ने बताया कि आजकल यूथ और स्टूडेंट में LSD बहुत पॉपुलर नशा है और सेहत के लिए बहुत ख़तरनाक है। इसकी कमर्शियल क्वांटिटी 0.1 ग्राम है जिसे एक स्टैंप के आधे हिस्सा में लगाकर इस्तेमाल किया जाता है। ऐसे 5 स्टैंप से एक ब्लॉट बनता है। छापेमारी में 15 हजार ब्लॉट बरामद हुए हैं और 6 आरोपी गिरफ्तार किये गए हैं। इन तस्करों के तार देश के अलग-अलग राज्यों के साथ साथ विदेशों से भी जुड़े हैं। सभी गिरफ़्तार युवा हैं और पढ़े लिखे हैं।
डार्क नेट, क्रिप्टो करेंसी और फोरेन पोस्ट ऑफिस के जरिए इसकी तस्करी की जा रही थी। छापेमारी में 4 लाख कैश मिला है और 20 लाख रुपया एक के खाते में मिला है। उन्होंने बताया कि क्रिप्टो बैलेट की जांच चल रही है। सोशल मीडिया के जरिए ड्रग्स की मार्केटिंग की जाती थी। सौदा तय हो जाने के बाद कैश या ऑनलाइन पेमेंट लेकर पोस्ट ऑफिस के ज़रिये डिलीवरी दे जाती थी। इस पूरे तंत्र का मास्टरमाइंड जयपुर से पकड़ा गया, जो एक मल्टीनेश्नल कंपनी में काम करता है । इस मामले में सबसे पहले नोएडा के एक कॉलेज का छात्र (जो गोवा का रहने वाला है) पकड़ा गया था। उसने सिंडीकेट के बारे में पूरी जानकारी दी। फिर उसकी सूचना पर दिल्ली से एक लड़का और NCR से एक लड़की पकड़ी गई जो ग्रेजुएट है । इन सबकी निशानदेही पर पुणे से पोस्ट ऑफिस से एलएसडी बरामद की गई। फिर नोएडा से 2 लोग और केरला से 2 लोग पकड़े गए। DDG NCB ने बताया कि एलएसडी पोलैंड और नीदरलैंड से आता है और भारत इसका हब बनता जा रहा है। सोशल मीडिया के जरिए ये ग्रुप बनाकर अपने टारगेट खोजते थे।
बता दें कि ऑपरेशन समुद्रगुप्त नाम का विशेष ऑपरेशन फरवरी 2022 में शुरू किया गया था और अब तक 4,000 किलोग्राम से अधिक ड्रग्स जब्त की जा चुकी है।