रांची। इंडियन यूनियन मुस्लिम लीग झारखंड प्रदेश कमिटी ने फादर स्टेन स्वामी के निधन पर शोक व्यक्त किया है। उन्हें श्रद्धांजलि देते हुए प्रदेश अध्यक्ष अशरफ हुसैन ने कहा कि कितना दुर्भाग्यपूर्ण है कि एक व्यक्ति जिसने जीवन भर गरीबों व आदिवासियों की सेवा की, उनके हक और अधिकार के लिए अपनी पूरी जिंदगी लगा दी। मानव अधिकारों की आवाज बने, उन्हें मृत्यु की घड़ी में भी न्याय एवं मानव अधिकारों से वंचित रखा गया।
प्रदेश उपाध्यक्ष शहाबुद्दीन ने कहा कि फादर स्टेन स्वामी की जेल में मौत की खबर चौंकाने वाली है। यह मानवाधिकारों के लिए शहादत है। स्टेन स्वामी पिछले 50 सालों से झारखंड के आदिवासी इलाकों में काम कर रहे थे। जब निजी कंपनियां विकास के नाम पर झारखंड के प्राकृतिक संसाधनों को लूट रही थी, उस समय आदिवासी और दलितों के लिए आवाज उठाते रहे। झारखंड में जब बीजेपी शासित रघुवर दास से यह सब देखा न गया, तब सरकार के इशारे पर राष्ट्र विरोधी कानून के तहत एनआईए द्वारा झूठा मुकदमा दायर करवा कर उन्हें सलाखों के पीछे डाल दिया गया। हद तो तब हो गई जब केंद्र सरकार भी इस साजिश में शामिल हो गई।
प्रदेश सचिव शानुल हक ने कहा कि दलितों, अन्य पिछड़े, अल्पसंख्यकों व उत्पीड़ित समुदाय के हितों के लिए आवाज उठाने वाले मानवाधिकार कार्यकर्ता को केंद्र सरकार के इशारे पर प्रताड़ित किया गया। सरकार ने एक सशक्त मानवाधिकार कार्यकर्ता को मौत के मुंह में धकेल दिया। क्या फादर स्टेन स्वामी के साथ की गई क्रूरता न्याय के लिए लड़ने वालों के लिए प्रशासन की खुली चेतावनी है ? देश की कितनी ही जेलों में और कितने निर्दोष, मानवाधिकार, सामाजिक कार्यकर्ता बिना मुकदमे का सामना किए रह रहे हैं। अदालत के सुझाव के बावजूद एक घातक बीमारी के इलाज से इनकार करने वाली सरकार और पुलिस की कार्रवाई अमानवीय और अप्राकृतिक है। इंडियन यूनियन मुस्लिम लीग झारखंड प्रदेश इस घटना की निंदा करती है।
समाज सरकारों से न्याय की अपेक्षा करता है। अगर नहीं दिया जा सकता तो लोकतंत्र और इंसानियत की क्या कीमत। शानुल हक़
ने कहा कि स्वामी की मौत मौजूदा केंद्र सरकार के नियत और नीति पर एक गहरा सवाल छोड़ गया है। इस अवसर पर प्रदेश उपाध्यक्ष
मोहम्मद शहाबुद्दीन सहित अन्य मौजूद थे।
इंडियन यूनियन मुस्लिम लीग ने फादर स्टेन स्वामी के निधन पर जताया शोक
भाजपा सरकार की साजिश के शिकार हुए स्टेन स्वामी : अशरफ हुसैन
Sourceनवल किशोर सिंह