Thursday, May 9, 2024
HomeJHARKHANDहेमंत सरकार के चार साल: स्वास्थ्य क्षेत्र में आधारभूत संरचनाओं को मिली...

हेमंत सरकार के चार साल: स्वास्थ्य क्षेत्र में आधारभूत संरचनाओं को मिली गति

राज्यकर्मियों व पेंशनधारियों के स्वास्थ्य बीमा का निर्णय स्वागतयोग्य

मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के चार वर्षों का कार्यकाल: भाग-2

झारखंड के पांच लाख राज्यकर्मियों एवं पेंशनधारियों के स्वास्थ्य बीमा करने का राज्य सरकार का निर्णय स्वागतयोग्य है। झारखंड सरकार का यह महत्वपूर्ण कदम माना जा रहा है। इसके लिए राज्य सरकार ने बीमा कंपनियों के चयन की प्रक्रिया भी शुरू कर दी है।
विगत चार वर्षों के कार्यकाल के दौरान मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने स्वास्थ्य सेवाओं में सुधार के कई उल्लेखनीय कार्य किए हैं। इस दिशा में उनकी पहल का सकारात्मक परिणाम सामने आ रहा है।
वैश्विक महामारी कोरोना के बीच भी स्वास्थ्य संरचनाओं के विकास के प्रति मुख्यमंत्री सतत गंभीरता से जुटे रहे।
गौरतलब है कि हेमंत सोरेन सरकार के गठन के बाद के शुरुआती वर्ष कोरोना से निपटने में गुजर गए। इसके बावजूद सीमित संसाधनों में भी झारखंड सरकार ने पूरी मुस्तैदी के साथ वैश्विक संक्रमण कोरोना का सामना किया। आशंका के विपरीत झारखंड में अन्य राज्यों की तुलना में नुकसान कम हुआ। इस दौरान एक बात यह हुई कि कोरोना ने झारखंड सरकार को स्वास्थ्य के क्षेत्र में अपनी कमियों को आकलन करने और उन कमियों को दूर करने का अवसर भी दिया। राज्य सरकार ने कोरोना संक्रमण से निपटने के लिए पर्याप्त राशि का प्रावधान किया। वहीं, केंद्र सरकार से कोरोना के लिए पैकेज के तहत राज्य को अपेक्षित राशि भी प्राप्त हुई।
विगत चार वर्षों के कार्यकाल में स्वास्थ्य संबंधी आपदा से निपटने के लिए राज्य सरकार ने कई ऐसे कार्य किए जिसकी चहुंओर सराहना की जा रही है।

  • वैश्विक महामारी कोरोना से निपटने के लिए की गई मुकम्मल तैयारी विदित हो कि झारखंड में कोरोना जांच (आरटी पीसीआर जांच) के लिए एक लैब तक उपलब्ध नहीं थी।वहीं, 12 जिलों में इसकी स्थापना की गई। इसका श्रेय मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को जाता है। राजधानी रांची के रिम्स और दुमका के फूलो-झानो चिकित्सा महाविद्यालय में कोरोना जांच के लिए अत्याधुनिक कोबास मशीन लगी। पहली बार बच्चों की चिकित्सा के लिए आईसीयू, फील्ड हॉस्पिटल, ऑक्सीजन प्लांट आदि पर भी विशेष तौर पर काम किया गया। झारखंड में वर्तमान में आर्टिफिशियल लैब की संख्या 27 हो गई है और यह राज्य के 12 जिले में स्थापित है। रिम्स में भी मशीनें लगाई गई।वर्तमान में 510 पीडियाट्रिक आईसीयू और 510 प्रोजेक्ट एचडीयू संचालित है। ऑक्सीजन की कमी से निपटने के लिए भी केंद्र के सहयोग से झारखंड में कुल 122 प्लांट स्थापित किए गए हैं।
  • अस्पतालों में खाली पड़े चिकित्सकों और पैरामेडिकल कर्मियों की नियुक्ति का हुआ मार्ग प्रशस्त चार वर्षो के कार्यकाल में राज्य सरकार ने चिकित्सकों व पैरामेडिकल कर्मियों की नियुक्ति की दिशा में भी कदम बढ़ाया है। नियमावली का गठन और संशोधन भी किया गया। झारखंड सरकार ने रांची और बोकारो मेडिकल कॉलेज खोलने का निर्णय लिया है। यह भी राज्य सरकार की बड़ी उपलब्धि मानी जा रही है।
  • ग्रामीण क्षेत्रों में बुनियादी स्वास्थ्य सुविधाएं मुहैया कराने के प्रति भी राज्य सरकार ने गंभीरता से कदम उठाया है। अस्पतालों में चिकित्सकों और पैरामेडिकल कर्मियों की नियुक्ति पर्याप्त संख्या में करने और चिकित्सा उपकरण की उपलब्धता सुनिश्चित करने के प्रति भी हेमन्त सोरेन की सरकार द्वारा महत्वपूर्ण कदम उठाए गए हैं।
    कुल मिलाकर कहा जाए तो सूबे में स्वास्थ्य संरचनाओं को विकसित करने की दिशा में मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन द्वारा विगत चार वर्षों के कार्यकाल के दौरान जो कार्य किए गए, मील का पत्थर साबित हुए हैं। (जारी…)
RELATED ARTICLES

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

- Advertisment -

Most Popular

Recent Comments