रांची के मोराबादी में राष्ट्रीय खादी एवं सरस महोत्सव 2023-24 में कवयित्री सम्मेलन का आयोजन किया गया। इसमें डॉ सुरिन्दर कौर नीलम ने मधुर स्वर में “मोहब्बत का जल बरसाएं ऐसे बादल नहीं मिलते, घाव आंखों के भर जाएं, ऐसे काजल नहीं मिलते” सुन कर दर्शक झूम उठे। डॉ रजनी शर्मा ‘चंदा’ ने “यहां शहरों में लगा है दुनिया भर का मेला” और “हे राम विराजो अयोध्या नगरी में” सुना कर दर्शकों की तालियां बटोरी। पुष्पा सहाय ‘गिन्नी’ ने “खादी मेला की शान ही कुछ और है, अपनी रांची की बात ही कुछ और है” कि प्रस्तुति से सभी के मन को छू लिया। करुणा सिंह कल्पना ने “ए जान ! ये जान तुझपे निसार कर चुका हूं, मोहब्बत बेपनाह है मैं वफादार बन चुका हूं” सुनाया। बिंदु प्रसाद रिद्धिमा ने “जग रघुवर की बाट निहारे, आएंँगे प्रभु राम हमारे” सुना कर भक्ति मय माहौल कर दिया। रंगोली सिन्हा ने “धीरे-धीरे धरती पर आने लगी चांदनी, शारदीय गीत गुनगुनाने लगी चांदनी” सुना कर सभी के मन को मोह लिया। इस मौके पर रांची के राष्ट्रीय खादी एवं सरस महोत्सव में आए हुए श्रोताओं ने कवयित्री सम्मेलन का भरपूर आनंद लिया।