पटना:
आजकल साइबर अपराधी सीधे-सादे ग्रामीण युवाओं और बुजुर्गों को अपना शिकार बना रहे हैं। सेक्सटॉर्शन के रूप में वे आसानी से अपराध को अंजाम दे रहे हैं। साइबर बदमाशों का गैंग किसी को भी सेक्सटॉर्शन का शिकार बना ले रहा है। चाहे पुलिस अधिकारी हो या राजनेता या छात्र, सभी को साइबर बदमाशों ने कॉल करके सेक्सटॉर्शन का शिकार बनाया है। क्यूँकि ऐसे मामले में फँसे पीड़ित सामाजिक बदनामी के डर से मामले की शिकायत पुलिस में न कर अपराधियों को आसानी से पैसा दे देते हैं। अब कंकड़बाग के एक 72 साल के बुजुर्ग व रिटायर सरकारी कर्मी को इन लोगों ने सेक्सटॉर्शन का शिकार बनाया है।
अनजान विडीओ कॉल को रिसिव न करें
बुजुर्ग खाली समय में सोशल मीडिया पर अपना समय बिताते हैं और इसी दौरान उनके मोबाइल फोन पर किसी ने वीडियो कॉल किया। बुजुर्ग ने कॉल रिसीव कर लिया और उधर से एक नग्न युवती थी। साइबर बदमाशों ने इस क्षण का स्क्रीनशॉट निकाल लिया और फिर बुजुर्ग को रकम देने के लिए दबाव डालने लगा। अपराधियों ने स्क्रीनशॉट को सोशल मीडिया पर अपलोड करने की धमकी देकर 72 साल के बुजुर्ग को ब्लैकमेल करने लगे। यहां तक की साइबर अपराधियों ने उन्हें दिल्ली क्राइम ब्रांच की पुलिस बन कर फोन किया और रकम नहीं देने पर केस में फंसाने की धमकी दी। इसके बाद बुजुर्ग ने साइबर क्राइम सेल को पूरे मामले की जानकारी दी।साइबर क्राइम सेल के एक्सपर्ट ने उन्हें समझाया कि उन्हें रकम नहीं देना है और न ही उसकी धमकी पर ध्यान देना है। क्योंकि वे लोग सिर्फ़ धमकी देते हैं और उनका कुछ नहीं बिगाड़ सकते हैं।
अपराधी अश्लील सामग्री को सोशल मीडिया पर नहीं डाल सकते हैं
साइबर एक्सपर्ट दीपक कुमार ने बताया कि उनकी धमकियों से डरने की आवश्यकता नहीं है, क्योंकि वे लोग उस स्क्रीन शॉट को सोशल मीडिया पर नहीं डाल सकते हैं। अगर वे डालेंगे तो संबंधित सोशल मीडिया खुद ही उनके अकाउंट को बंद कर देगी। साथ ही जो युवती वीडियो कॉल में दिखती है, वह वास्तविक नहीं होती है. वह महज एक वीडियो होती है, जिसे कैमरे के लेंस के आगे रख दिया जाता है, ताकि ऐसा लगे जैसे एक युवती सामने हैं. उन्होंने बताया कि इस संबंध में अगर कोई क्राइम ब्रांच का अधिकारी बन कर फोन करे तो भी ध्यान नहीं देना है, क्योंकि वह भी उसी गैंग का सदस्य होता है.