देशपत्र डेस्क
रांची/खूंटी। कांग्रेस पार्टी के वरिष्ठ नेता व पूर्व केंद्रीय मंत्री सुबोधकांत सहाय सोमवार को खूंटी जिलांतर्गत अड़की प्रखंड के कुजियाम्बा गांव में आयोजित पुरान आदिवासी सरना समिति सरहुल महोत्सव में शामिल हुए। श्री सहाय ग्रामीणों संग मांदर की थाप पर खूब झूमे-थिरके।
इस अवसर पर बतौर मुख्य अतिथि अपने संबोधन में उन्होंने कहा कि मानव समुदाय के अस्तित्व के लिए प्रकृति से जुड़ाव जरूरी है। प्रकृति पर्व सरहुल हमें पर्यावरण संरक्षण का संदेश देता है। पर्यावरण के संरक्षण और संवर्धन के लिए हर इंसान को प्रयासरत रहने की आवश्यकता है। उन्होंने कहा कि सरहुल सामाजिक समरसता का भी प्रतीक है। प्रकृति प्रेमी आदिवासी समुदाय के लोग विशेष रूप से इस पर्व के मौके पर पर्यावरण संरक्षण करने का भी संकल्प लेते हैं और इसके लिए समाज के हर वर्ग के लोगों को जागरूक व प्रेरित भी करते हैं। यह स्वस्थ और समृद्ध समाज के लिए सराहनीय है।
गौरतलब है कि पूर्व केंद्रीय मंत्री सुबोधकांत सहाय के प्रयासों का ही प्रतिफल है कि उनके मंत्रित्व काल में आदिवासी समुदाय की उपजाति ‘पुरान’ को अनुसूचित जाति में शामिल किया जा सका। इसके लिए पुरान आदिवासी बहुल कुजियाम्बा ग्रामवासी श्री सहाय के प्रति आभारी हैं। विशेष रूप से सरहुल पर्व पर उन्हें अवश्य आमंत्रित करते हैं। इस मौके पर श्री सहाय के साथ कांग्रेस के वरिष्ठ नेता विनय सिन्हा दीपू, दीपक प्रसाद सहित अन्य शामिल थे।
सरहुल महोत्सव में हर्षोल्लास के साथ ग्रामवासियों ने भाग लिया और गर्मजोशी से श्री सहाय का स्वागत किया। सरहुल महोत्सव में काफी संख्या में ग्रामीण उपस्थित थे।