झारखंड की राजधानी रांची में सैंपल जांच के लिए तो पहले से ही जांच केंद्रों के बाहर हर दिन लोगों की कतार लग रही है, अब श्मशान के बाहर मृतकों का शव जलाने के लिए पहुंची एंबुलेंस की भी कतार भी देखी जा रही है। रविवार को कुछ इसी तरह का दृश्य हरमू मुक्तिधाम स्थित शवदाह गृह बाहर दिखी। हुआ यूं कि यहां शवों को जलाने के लिए लगाई गईं दोनों मशीनें अचानक खराब हो गईं। इस वजह से कोरोना से मृत लोगों को लेकर पहुंची कई एंबुलेंस को इंतजार करने के लिए कहा गया। देखते ही देखते शवदाह गृह के बाहर कई एंबुलेंस कतारबद्ध हो गई। आपको बता दें कि, रविवार को यहां 10 शवों को दाह-संस्कार के लिए एंबुलेंस से लाया गया था। दो शव जलने के बाद ही मशीन में खराबी आ गयी। शवदाह गृह की दोनों भट्ठी खराब हो गयी। उससे पूरा हिट नहीं निकल रहा था। दो शव जलाने के बाद जब तीसरा शव डाला गया तो वह फंस गया। इस वजह से देर शाम तक यहां एंबुलेंस की कतार लगी रही। इसके बाद जिला प्रशासन और रांची नगर निगम की ओर से शवों को जलाने के लिए विकल्प व्यवस्था पर विचार किया जाने लगा। मशीन खराब होते ही शमशान स्थल की सफाई और सेनेटाइजेशन का काम शुरू कर दिया गया। बता दें कि पिछले साल भी कोरोना से मृत लोगों का यहां जिला प्रशासन की ओर से अंतिम संस्कार किया गया था।
भट्ठी खराब होने के बाद परिजन भी परेशान थे और वह किसी तरह अंतिम संस्कार करने का दबाब प्रशासन पर बना रहे थे। शवदाह गृह के बाहर दस एंबुलेंस खड़ी थीं। शवदाहगृह का संचालन करने वाली मारवाड़ी सहायक समिति के अनुसार मशीन का मेंटनेंस पांच अप्रैल को किया गया था। इसके बाद से सब कुछ बेहतर तरीके से चल रहा था। अभी भी स्थानीय तकनीशियन से खराबी दूर कराने का प्रयास किया जा रहा है। साथ ही दिल्ली से तकनीशियन को बुलाया गया है। सोमवार को तकनी़शियन के आने के बाद खराबी दूर किए जाने की उम्मीद है। हरमू में गैस से चलने वाले शवदाहगृह की खराबी के बाद रांची नगर निगम ने शवों के जलाने की वैकल्पिक व्यवस्था घाघरा स्वर्णरेखा घाट पर है। रविवार को देर रात तक इस घाट पर 12 शवों को जलाया गया। निगम की ओर से आठ ट्रैक्टर लकड़ी की व्यवस्था भी की गयी। श्मशान घाट पर प्रकाश का इंतजाम भी किया गया। इस पूरी प्रक्रिया का नेतृत्व रांची नगर निगम के अपर नगर आयुक्त राजेश कुमार ने किया। इस टीम में उप नगर आयुक्त कुंवर सिंह पाहन,नगर प्रबंधक विजेंद्र कुमार, सहायक अभियंता सौरभ केसरी, जोनल सुपरवाइजर, बीरेंद्र कुमार, खुलेश्वर प्रमाणिक, अनिल कुमार गुप्ता एवं भंडार पाल, ओमकार पांडे मौजूद रहे।