Monday, April 29, 2024
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आत्म अनुशासन और आत्मसंयम जरूरी : सुबोधकांत सहाय

संदर्भ : कोरोनावायरस के खिलाफ जंग

रांची/मुंबई : पूर्व केंद्रीय मंत्री सुबोधकांत सहाय ने कहा है कि वैश्विक महामारी कोरोनावायरस के प्रकोप से बचने के लिए आत्म अनुशासन और आत्मसंयम जरूरी है। उन्होंने कहा कि इस समय मानव समाज विषम परिस्थितियों से गुजर रहा है। संपूर्ण मानवता एक गंभीर आपदा से जूझ रही है। चहुंओर आशंका और उदासी का माहौल है। ऐसा प्रतीत हो रहा है कि कोविड-19 महामारी से निपटने में मनुष्य असहाय हो गया है। संकट की इस घड़ी में हम धैर्य और संयम बरतते हुए ही कोरोनावायरस के विरुद्ध जंग जीतने में सफल हो सकते हैं। यह आत्मसंयम बरतने का समय है। कोरोना के खिलाफ छिड़ी जंग में हम दिशा-निर्देशों का अनुपालन करते हुए, सतर्कता बरतते हुए और अनुशासित रहकर ही सफलता पा सकते हैं। हमारे देश में जिस तेजी से इसका संक्रमण बढ़ रहा है, चिंतनीय है।
जब कोरोना का प्रकोप देश के विभिन्न राज्यों में बढ़ता जा रहा था, तब झारखंड की जनता विशेष सतर्कता
बरतते हुए स्वयं को सुरक्षित महसूस कर रही थी। इस महामारी के खिलाफ जंग में झारखंडवासियों के हौसले बुलंद थे। सतर्कता और जागरुकता के बलबूते झारखंड में कोरोना पांव नहीं पसार सका था। लेकिन अब दो मामला प्रकाश में आने पर झारखंडवासी भी हतप्रभ हैं। बहरहाल, इस महामारी से निपटने को झारखंडवासियों का दृढ़संकल्प और एकजुटता काबिले-तारीफ है।
श्री सहाय ने कहा कि विभिन्न राज्यों से झारखंड आए काफी संख्या में लोग जांच से कतरा रहे हैं। यह बुद्धिमानी नहीं है। अपने स्वास्थ्य की स्थिति को छुपा कर हम अपने परिवार और समाज के लोगों को खतरे में डालेंगे। इसलिए सभी लोगों को जागरूक होते हुए वास्तविकता से सरकार, प्रशासन और स्वास्थ्य विभाग को अवगत कराना चाहिए। इस मामले में जनप्रतिनिधियों की भी भूमिका काफी महत्वपूर्ण है। उन्हें गांव-घर में लौटने वाले मजदूरों व अन्य लोगों के बारे में संबंधित विभागों को सूचित करना चाहिए। हमें यह ध्यान रखना चाहिए कि एक छोटी सी भूल खतरनाक साबित हो सकती है।
श्री सहाय ने कहा कि केंद्र व राज्य सरकारों को उन वंचित लोगों के लिए भी ठोस कदम उठाने की आवश्यकता है, जिनके पास न तो काम-धंधा है और न खाने-पीने के साधन। एक अदद आशियाने को तरसते और हाशिए पर रहने को विवश लोग लाॅकडाउन में भावनात्मक असुरक्षा से जूझ रहे हैं। ऐसे में केंद्र व राज्य सरकारों का दायित्व है कि वह भोजन से वंचित गरीबों को मुफ्त भोजन-पानी मुहैया कराने की मुकम्मल व्यवस्था करे। साथ ही ऐसी आपदा के समय समस्त संसाधनों के सदुपयोग से देशवासियों के जीवन की रक्षा पूरी गरिमा के साथ सुनिश्चित करें। उन्होंने कहा कि कोरोना के विरूद्ध जंग में आमजन के अलावा चिकित्साकर्मियों, पुलिस-प्रशासन, गैर सरकारी संगठन, समाज के हर वर्ग के सामाजिक कार्यकर्ताओं की भूमिका सराहनीय है। इस त्रासदी से निपटने और मानवता की रक्षा के लिए दानदाताओं का आगे आना प्रशंसनीय कदम है। उन्होंने ऐसे संकट की घड़ी में आमजन को संयमित रहते हुए इस वैश्विक महामारी के खिलाफ लड़ाई में सहभागिता निभाने की अपील की।

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