Saturday, May 4, 2024
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एचईसी की बदहाली के लिए भाजपा जिम्मेदार : सुबोधकांत सहाय

भारी उद्योग मंत्री प्रकाश जावड़ेकर से की एचईसी को बचाने की अपील

  • देश के उद्योगों का मदर प्लांट है एचईसी
  • कार्यशील पूंजी के लिए राज्य सरकार को भी पहल करने की सलाह
    रांची। एशिया प्रसिद्ध कारखाना और झारखंड का गौरव भारी अभियंत्रण निगम (एचईसी) की बदहाली के लिए भाजपा जिम्मेदार है। पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी बाजपेयी के शासनकाल से लेकर वर्तमान में नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली भाजपानीत केंद्र सरकार देश के सार्वजनिक उपक्रमों के प्रति उदासीन रवैया अपनाती रही है। एक-एक कर सभी सार्वजनिक उपक्रमों की बेचने की भाजपा द्वारा साजिश रची जा रही है। उक्त बातें पूर्व केंद्रीय मंत्री सुबोध कांत सहाय ने कांग्रेस भवन में आयोजित संवाददाता सम्मेलन में कही। उन्होंने कहा कि चंद पूंजीपतियों को लाभ पहुंचाने के उद्देश्य से सार्वजनिक उपक्रमों का निजीकरण किया जा रहा है।
    संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए श्री सहाय ने कहा कि एचईसी कारखाना का आधुनिकीकरण भाजपा की गलत नीतियों के कारण बाजपेयी सरकार से लेकर मोदी सरकार तक नहीं हो पाया। केंद्र की भाजपानीत सरकार की मंशा हमेशा एचईसी को बंद करने की रही है। वहीं, दूसरी तरफ एचईसी को बचाने के लिए मैं सदैव प्रयासरत रहा हूं और अंतिम दम तक प्रयास करता रहूंगा। उन्होंने कहा कि वर्तमान में एचईसी में लगभग पांच हजार मजूदर स्थायी एवं अस्थायी रूप में कार्यरत हैं। लगभग डेढ़ लाख की आबादी का टाउनशिप है। एचईसी में अफसरों का पांच महीनों का वेतन तथा मजदूरों को चार महीनों का वेतन नहीं मिला है। वर्तमान समय में एचईसी के पास लगभग दो हजार करोड़ रूपए का कार्यादेश है। लेकिन क्रियाशील पूंजी नहीं होने के कारण काम नहीं हो रहा है। एचईसी में विगत 19 महीनों से भेल के चेयरमैन को एचईसी के चेयरमैन का अतिरिक्त प्रभार दिया गया है। वे 19 महीने में सिर्फ चार बार ही एचईसी मुख्यालय स्थित कार्यालय में आये हैं।
    श्री सहाय ने कहा कि एचईसी झारखंड का गौरव है। यह देश में स्थापित उद्योगों का मदर प्लांट है। उन्होंने कहा कि वर्ष 2004 में जब यूपीए सरकार थी और मैं मंत्री था तो विशेष पैकेज देकर फिर से जिंदा करने का प्रयास किया था।
    श्री सहाय ने कहा कि भारी उद्योग मंत्री, भारत सरकार श्री जावेडकर से फोन पर बात कर एचईसी की वस्तु स्थिति से अवगत कराया और कहा कि झारखंड और देश की अस्मिता के लिए एचईसी का चालू रहना अनिवार्य है। उन्होंने कहा कि एचईसी को वर्किंग कैपिटल के लिए अगर भारत सरकार के द्वारा लैटर ऑफ कंफर्ट बैंकों दिया जाता है, तो एचईसी का जो वर्क आॅडर है, उसे पूरा किया जा सकता है।
    उन्होंने कहा कि एचईसी की जमीन को बेचकर नहीं, बल्कि लीज पर देकर भी पैसे की उगाही की जा सकती है। श्री सहाय ने कहा कि भारी उद्योग मंत्री ने यह आश्वस्त किया कि एचईसी के सवाल पर मंत्रालय में अविलंब बैठक बुलाएंगे तथा आपके द्वारा उठाये बिन्दुओं पर अविलंब कोई निर्णय लेंगे। उन्होंने कैबिनेट मंत्री अर्जुन मुंडा से भी आग्रह किया है कि केंद्रीय मंत्रिमंडल में प्रतिनिधित्व करने के नाते झारखंड की अस्मिता की रक्षा हेतु एचईसी को बचाने के लिए अपना पक्ष रखें।
    श्री सहाय ने राज्य सरकार से भी आग्रह किया है कि इस पर संज्ञान लेते हुए एचईसी को पुनर्जीवित करने की दिशा में सकारात्मक पहल करें। प्रेस वार्ता में खिजरी के विधायक राजेश कश्यप, श्रमिक नेता राणा संग्राम सिंह, कांग्रेस के प्रवक्ता डॉ. राजेश कुमार गुप्ता छोटू, रांची महानगर कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष सुरेंद्र सिंह सहित अन्य मौजूद थे।
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