रांची। पीड़ित मानवता की सेवा सबसे बड़ा मानव धर्म है। गरीबों और जरूरतमंदों की सेवा ईश्वर की सेवा के समान है। उक्त बातें शहर के लोकप्रिय सामाजिक कार्यकर्ता व रांची जिला दुर्गा पूजा समिति के संयोजक मुनचुन राय ने कही। उन्होंने कहा कि नि:स्वार्थ भाव से की गई मानव सेवा से सुखद अनुभूति होती है। इससे मानव जीवन का उद्देश्य सफल होता है।
श्री राय ने कहा कि वैश्विक महामारी कोरोना की दूसरी लहर ने मानव जीवन की लय को छिन्न-भिन्न करके रख दिया है। इससे आम जनजीवन भी अस्त-व्यस्त हो गया है। कोरोना संक्रमण काल के दौरान खासकर मध्यम और निम्न आय वर्गीय लोगों के समक्ष आर्थिक समस्या एक बड़ी चुनौती बन कर सामने आ गयी है। खासकर ऐसे परिवारों के सामने, जिन्होंने इस विपदा में अपने परिजनों को खो दिया है।
कोरोना से पीड़ित मरीजों और उनके परिजनों की पीड़ा को देखते हुए श्री राय ऐसे लोगों की हर संभव सहायता करने के लिए एक जांबाज़ कोरोना योद्धा के रूप में डटे हैं। वैश्विक महामारी कोरोना से बचाव के मद्देनजर लागू लॉकडाउन के दौरान पिछले वर्ष भी पीड़ितों की सहायता में वे काफी तत्परता से सेवारत रहा करते थे।
इस वर्ष भी कोरोना के दूसरी लहर में अपने सहयोगियों संग गरीबों, लाचारों और जरूरतमंदों की हर संभव सहायता में जुटे हैं। कोरोना संक्रमित मरीजों के इलाज में सहयोग करना, उनके परिजनों को भोजन या खाद्यान्न की जरूरतें पूरी करना, उन्हें आवश्यक दवाइयां, ऑक्सीजन सिलेंडर आदि उपलब्ध कराना उनकी दिनचर्या में शुमार रहता है। श्री राय कहते हैं कि आपदा काल में लोगों की सहायता करना से बड़ा कोई धर्म नहीं है। उन्होंने इस दिशा में सामाजिक संगठनों के कार्यों की सराहना करते हुए कहा कि ऐसे संकटकाल में स्वयंसेवी संगठनों की भूमिका काफी सराहनीय है। श्री राय ने राजनीतिक दलों से भी आपदा के समय दलगत राजनीति से ऊपर उठकर पीड़ित मानवता की सेवा करने में आगे आने की अपील की।
गरीबों और जरूरतमंदों की सेवा सबसे बड़ा मानव धर्म: मुनचुन राय
Sourceनवल किशोर सिंह