रांची : अखिल विश्व गायत्री परिवार, शांतिकुंज के तत्वावधान में आयोजित 108 कुंडीय गायत्री महायज्ञ एवं संस्कारोत्सव आयोजन के तीसरे दिन सोमवार को शामिल भक्तों ने प्रज्ञा गीत – संगीत के महा मधुर, आकर्षक एवं पथप्रदर्शक स्वर में खूब आनंद लिया।
हवन कर लो आज मौका है,
दो दिन की यह जिंदगी मिली है,
गुरु से मिले प्रखरता हमको ,
माता से करूणा की धार,
विकसित हो देवत्व हृदय में,
स्वर्ग धरा पर लेअवतार ।
हर नारी में देखी जिसने, प्रकट तुम्हारी छाया,
हे जगत जननी ,उसने ही तुम्हारा अनुपम दर्शन पाया। ऐसे अनेक प्रज्ञा गीतों से यज्ञशाला गुंजायमान हो उठा। दो पाली में सामान्य परिजनों ने सामूहिक दैवी शक्तियों की विशिष्ट मंत्रों से यज्ञाहुति दी । इसमें आज भी करीब 2500 भक्तों ने अपनी श्रद्धा निष्ठा से यज्ञाहुति दी।
इसमें कई संस्कारों में पुंसवन (गर्भस्थ शिशु का पूजन ) ,नामकरण,
विद्यारंभ संस्कार,मुंडन संस्कार, अन्नप्राशन संस्कार हुए ।दो पाली के बाद वैवाहिक कार्यक्रम में आदर्श विवाह भी दो सौ पचास से भी ज्यादा करीब तीन सौ युग्मों के हुए।
आज विवाह संस्कार महोत्सव लेकर बहुत भीड़ उपस्थित हुई थी, सभी अत्यंत उत्साहित थे। उन वैवाहिक दाम्पत्यों को गायत्री प्रज्ञा पीठ मंदिर समिति के सदस्यों में सच्चिदानन्द सिंह ,
जटा शंकर झा, सुरेन्द्र शर्मा, मनोज कुमार राय एवं पुजारी ने आशीर्वाद अभिसिंचन किया।
शाम में गायत्री महा दीप यज्ञ हुआ ,जिसमें दीपकों के माध्यम से यज्ञाहुतियां दीं गईं। 24000 हजार दीपकों की दीप मालाओं की सुन्दर साज सज्जा सिंगार का रूप बना कर दीप यज्ञ हुआ।
उक्त जानकारी मनोज कुमार राय व जय नारायण प्रसाद ने दी।