रांची। सिंह मोड़, विकास नगर स्थित गायत्री परिवार प्रज्ञा मंडल गृह परिसर में आज पारिवारिक गायत्री हवन-यज्ञ संपन्न हुआ।
इसमें गुरु ईश वंदना से प्रारम्भ होकर 33 कोटि देव आवाहन नमन वंदन ,स्वासतिवाचन उपरांत हवन-यज्ञ हुआ।
इस अवसर पर एक नव दम्पत्ति के सफल वैवाहिक कार्य एवं उनके गायत्री शक्तिपीठ से जुड़ने, उसकी उपासना, साधना एवं परिवार संस्थान की योजनाओं पर चर्चा के साथ उनके सुखमय-जीवन एवं उज्ज्वल भविष्य के लिए ईश्वरीय चेतना के प्रति धन्यवाद करने तथा उनके सुखद ,स्वस्थ शरीर एवं निरोग जीवन हेतु वंदना व प्रार्थना सहित मंगलकामनाएं की गई। इस उपलक्ष्य में गायत्री हवन यज्ञ व पूजन-अर्चना आयोजित किया गया।
इस बीच अखिल विश्व गायत्री परिवार संस्थान शान्तिकुंज हरिद्वार के तत्वावधान में चलाए जा रहे गृहे-गृहे गायत्री यज्ञ उपासना और ग्रामे ग्रामे हवन यज्ञ कार्यक्रमों के तहत गुरुदेव श्री के लिखित , प्रकाशित साहित्य और सद् विचारों पर प्रकाश डाला गया।
इस दरम्यान गायत्री की नारी शक्ति व उसकी उपासना साधना पद्धति पर विशेष ध्यान देते हुए नारी रुप में मान्यता पर चर्चाएं हुईं।
ऋषि मुनियों द्वारा गायत्री शक्ति के नारी स्वरुप एवं उसके रहस्य पर प्रकाश डाला गया है। गायत्री भी एक प्रकार की ईश्वरीय चेतना है उसे शास्त्रों में भी उसे जननी और माता कहकर ही संबोधित किया गया है । यह सुनकर, पढ़ कर कुछ कौतूहल अवश्य होता है ,पर उसमें गलत कुछ भी नहीं है। इसलिए ऋषियों एवं शास्त्रकारों ने उसे आद्य शक्ति मानकर माता का स्वरूप दिया है। माता स्वरूप मानकर गायत्री उपासना कुछ सरल अवश्य हो जाती है।गायत्री महामंत्र भारतीय तत्वज्ञान एवं अध्यात्म विद्या का मूलभूत आधार है।
गायत्री शब्द का नामकरण उसके क्रियाकलाप एवं स्वभाव को ध्यान में रखकर ही किया गया है।
कहा गया है कि जगत जननी प्रकृति है और जगत का पिता पुरुष है। जगत में पिता से 100 गुना महत्व माता का है।
परम पिता से महिमामयी माता अधिक उदार,अधिक करुणा पूर्ण,अधिक वात्सल्य युक्त हैं।
आगे चर्चाएं हुईं कि आधुनिक शोध के अनुसार परिवार में सुसंस्कृति , शुद्धिकरण ,परिष्करण
यज्ञीय वातावरण हेतु बलिवैश्व प्रकिया अपनाने के लिए शांतिकुंज संस्थान के अनुसार कहा गया है कि
बलिवैश्व गायत्री महायज्ञ घर घर आध्यात्मिक वातावरण बनवाएं , बलिवैश्व प्रकिया अपनाएं।
चर्चा उपरांत
गायत्री महामंत्र के सस्वर पाठ करते हुए गायत्री एवं महामृत्युंजय महामंत्रों के साथ साथ अन्य महत्वपूर्ण
विशिष्ट मंत्रों से यज्ञाहुतियां दीं गयीं। साथ ही उस नवदम्पत्ति विपुल कुमार और स्वेच्छा रानी के अतिरिक्त शालू गुप्ता के जन्मदिन पर हार्दिक शुभकामनाएं करते हुए उनके जन्मदिन उपलक्ष्य पर मंत्र आहुतियां दी गई।
फिर भारतीय राष्ट्रीय सीमा सुरक्षा तथा सुरक्षा सैनिक बलों की सुरक्षा ,शहीदों के प्रति संवेदना प्रगट करते हुए उनकी दिवंगत आत्मा की शांति के लिए तथा कोरोनावायरस महामारी संक्रमण से बचाव हेतु शान्तिकुंज के अनुसार प्रेषित वैदिक मंत्रों से यज्ञाहुतियां देकर सबके लिए मंगलमय जीवन और उज्ज्वल भविष्य की मंगलकामनाएं एवं वंदना प्रार्थना की गईं।
यह जानकारी जय नारायण प्रसाद ने दी।
गायत्री शक्ति पर चर्चा आयोजित
Sourceनवल किशोर सिंह