Thursday, May 16, 2024
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ज़िकित्ज़ा हेल्थकेयर ने बचाई छह लाख से अधिक लोगों की जान

चार साल की अवधि में निरंतर आपातकालीन स्वास्थ्य सेवाएं जारी है। 45 हजार कोविड संक्रमित मरीजों को मुहैया कराई सेवाएं।

रांची:

जिकित्जा हेल्थकेयर लिमिटेड पिछले चार वर्षों से झारखंड में अत्याधुनिक उपकरणों से लैस एम्बुलेंस, साधारण एम्बुलेंस और एनएचएआई एम्बुलेंस का संचालन कर रही है।इस संबंध में जिकित्जा हेल्थकेयर लिमिटेड के सीनियर वाइस प्रेसिडेंट सुमित बासु ने होटल कैपिटोल हिल में आयोजित प्रेस वार्ता में कहा कि खासकर कोरोना संक्रमण काल के दौरान कंपनी ने आपातकालीन चिकित्सा सेवा निर्विवाद रूप से जारी रखने मे अहम भूमिका निभाई।
गर्भवती महिलाओं को अस्पताल ले जाने के लिए हो या दुर्घटना में घायल लोगों को गोल्डन ऑवर के अंदर अस्पताल पहुँचाने की जवाबदारी हो, जिकित्ज़ा हेल्थकेयर लिमिटेड हमेशा से झारखंड के लोगों की सहायता के लिए उपस्थित रहा है।
उन्होंने बताया कि कंपनी ने झारखंड में अपनी सेवा के चार सफल वर्ष पूरे कर लिए हैं। इन चार सालों में 6,64,963 लोगों को आपातकालीन चिकित्सा सेवा प्रदान की गई है।
चार साल की यात्रा के बारे में श्री बासु ने कहा कि, “झारखंड में चार साल का सफर काफी अद्भुत और समृद्ध रहा है। उन्होंने झारखंड सरकार और राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के प्रति आभार व्यक्त किया।
उन्होंने कहा कि भविष्य में भी इसी प्रकार जनता की सेवा करने के लिए जिकित्जा हेल्थ केयर प्रतिबद्ध है। झारखंड में गर्भवती महिलाओं द्वारा सेवा का सर्वाधिक उपयोग किया गया । उन्होंने बताया कि चार सालों में 2.88 लाख गर्भवती महिलाओं को समय रहते अस्पताल पहुंचने में मदद की है। इसके अतिरिक्त एक लाख दुर्घटना के मामलों में भी सेवाएं प्रदान की है। झारखंड के सैकड़ों स्थानों से एंबुलेंस सुविधा के लिए रोज हजारों कॉल आते हैं और प्रयास रहता है कि प्रदेश के हर शहर हर गांव में लोगों को सेवा प्रदान की जाए।
श्री बासु ने कहा कि पूरे प्रदेश में 337 एंबुलेंस संचालित की जा रही है। जब भी किसी भी प्रकार की दुर्घटना होती है या स्वास्थ्य संबंधी आपात स्थिति होती है तो लोगों के मन में सबसे पहले 108 एंबुलेंस की सहायता लेने का विचार आता है। लोगों के लिए यह आपातकालीन स्वास्थ्य सेवा 24 घंटे उपलब्ध है। कंपनी द्वारा रांची में एक केंद्रीकृत कॉल सेंटर बनाया गया है जहां पर सभी कॉल आती है और घटनास्थल के निकटतम एंबुलेंस को घटनास्थल पर भेजा जाता है। कंपनी का यह कॉल सेंटर और प्रत्येक एंबुलेंस विश्वस्तरीय तकनीक व सुविधाओं से लैस है। यह निःशुल्क सेवा प्रदेश के प्रत्येक कोने में सुचारू रूप से संचालित करने के लिए 337 एंबुलेंस मौजूद है। जिनमें से 40 एएलएस एंबुलेंस हैं और 287 एंबुलेंस साधारण एंबुलेंस हैं। 10 एंबुलेंस प्रदेश में हाईवे पर होने वाली दुर्घटनाओं के लिए आरक्षित की गई हैं। उन्होंने बताया कि 108 ईएमआरएस एंबुलेंस सुविधा एक टोल फ्री हेल्पलाइन है। जिस पर दुर्घटना के समय अथवा गर्भवती महिलाओं की सहायता के लिए 24 घंटे कॉल किया जा सकता है।108 एंबुलेंस की टीम द्वारा प्रदेश में 45 हजार कोविड मरीजों को सेवा प्रदान की गई है।
उन्होंने कहा कि सहायता 2020 में जब देशव्यापी लॉकडाउन के कारण झारखंड के प्रवासी मजदूर और विद्यार्थी, जो की भारत के विभिन्न प्रदेशों में फंसे हुए थे, उनकी घर वापसी पर 108 एम्बुलेंस द्वारा रेलवे स्टेशनों पर उनकी मदद के लिए अपनी सेवाएं प्रदान की गयी। रांची रेलवे स्टेशन पर जब 4 हजार प्रवासी मज़दूर और विद्यार्थी वेल्लोर से रवाना हुई विशेष ट्रेन से झारखंड पहुँचे तब 108 एम्बुलेंस का इस्तेमाल आपातकालीन वाहन के रूप में किया गया। अपने इन सभी प्रयासों से ज़िकित्ज़ा हेल्थकेयर लिमिटेड ने झारखंड के लोगों की जीवन रक्षा और स्वास्थ्य संबंधी आपातकाल में जनसेवा के प्रति अपनी प्रतिबद्धता और लगन को साबित किया है और भविष्य में भी इसी प्रकार लोगों की सेवा करने के लिए समर्पित है। प्रेसवार्ता में जिकित्जा हेल्थकेयर लिमिटेड के सुशांत पांडा, अनुराग झा, सौरभ कुमार मौजूद थे।

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