Sunday, May 5, 2024
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प्रोफेशनल कांग्रेस का प्रतिनिधिमंडल मिला कृषि मंत्री से

सौंपा आठ सूत्री ज्ञापन

रांची : झारखंड प्रदेश प्रोफेशनल कांग्रेस कमिटी के अध्यक्ष आदित्य विक्रम जायसवाल के नेतृत्व में एक प्रतिनिधिमंडल शनिवार को नेपाल हाउस स्थित सचिवालय में कृषि एवं सहकारिता मंत्री बादल पत्रलेख से मिलकर एक ज्ञापन सौंपा। इस मौके पर कृष्णा सहाय, अमरजीत सिंह, राहुल रॉय, राजीव चौरसिया, आयुष अग्रवाल उपस्थित थे।
श्री जायसवाल ने कृषि मंत्री को अवगत कराया कि झारखंड में कृषि स्नातक के छात्र-छात्राओं की बेरोजगारी दिन-ब-दिन बढ़ रही है। झारखंड में किसानों को नई तकनीक की जानकारी नहीं होने के कारण पैदावार में लगातार गिरावट हो रही है। झारखंड में जिलावार अलग-अलग फसल की खेती की जा सकती है एवं कृषि कार्यों में अव्वल नंबर का राज्य बनाया जा सकता है, वहीं, आधुनिक कृषि तकनीकी की कमी के कारण किसान एक फसल पर आश्रित है। ऐसे में किसानों की आय में बढ़ोतरी करना एक चुनौती है।
श्री जायसवाल ने कहा कि झारखंड को कृषि में निर्भरता एवं सरकार की योजनाओं को सुचारू रूप से आगे बढ़ाने के लिए प्रखंड व जिला स्तर पर कृषि वैज्ञानिक एवं तकनीकी लोगों का होना जरूरी है।
श्री जायसवाल ने कृषि मंत्री को कृषि स्नातक बेरोजगार छात्रों के प्रति ध्यान निम्न बिन्दुओं पर आकर्षित कराया।

  1. झारखंड में कृषि विभाग में प्रखण्ड स्तर, जिला स्तर के स्वीकृत पद 5565 है, परन्तु कार्यरत केवल 1652 है।
  2. झारखण्ड राज्य के स्थापना के बाद विगत् 20 वर्षों से कृषि विभाग में किसी प्रकार की बहाली नहीं हुई है।
  3. वर्ष 2015 में प्रखण्ड कृषि पदाधिकारी के 194 पदों में बहाली प्रक्रिया झारखण्ड कर्मचारी चयन आयोग द्वारा शुरू किया गया था, परन्तु किसी कारण इसपर रोक लगा दिया गया एवं 5 साल बाद भी इसकी प्रक्रिया दोबारा शुरू नहीं की गई। 260 प्रखण्डों में 95 प्रतिशत प्रखण्डों में प्रखण्ड कृषि पदाधिकारी का पद खाली है।
  4. 2015-16 में झारखण्ड लोकसेवा आयोग, जेपीएससी (विज्ञापन संख्या-03/2015) द्वारा झारखण्ड कृषि सेवा वर्ग-2 (सहायक कृषि निदेशक) के 143 पदों पर बहाली प्रक्रिया शुरू की गई थी मगर आज तक इस पद की परीक्षा नहीं हो पाया है।
  5. झारखण्ड में जिला कृषि पदाधिकारी, जिला उद्यान पदाधिकारी, प्रखण्ड कृषि पदाधिकारी, सहायक अनुसंधान पदाधिकारी, पौद्या संरक्षण निरीक्षक एवं समकक्ष पदें आज भी रिक्त है।
  6. बिरसा कृषि विश्वविद्यालय, कांके, रांची के अन्तर्गत 16 कृषि विज्ञान केन्द्र आते हैं, जिसमें अलग-अलग विभाग के 8 स्पेशलिस्ट का होना अनिवार्य होता है, लेकिन अभी कृषि विज्ञानं केन्द्र में मात्रा 1-2 स्पेशलिस्ट ही कार्यरत है। अगर रोस्टर के अनुसार बहाली प्रक्रिया की जाये तो काफी कृषि स्नातक छात्र एवं छात्राओं को रोजगार का अवसर प्राप्त होगा।
  7. बिरसा कृषि विश्वविद्यालय, कांके, राॅंची के अन्तर्गत 16 कृषि विज्ञान केन्द्र आते हैं जिसमें विभिनन पद होते हैं जैसे-फार्म मैनेजर, लैब तकनीशियन, तकनीकी सहायक, इत्यादि लेकिन पिछले 19 वर्षों से ये सारे पद अभी भी रिक्त है एवं इनसे बहाली प्रक्रिया शुरू तो की मगर कृषि नीति एवं स्थानीयता नीति लागु नहीं होने के कारण रद्द कर दिया गया।
  8. बिरसा कृषि विश्वविद्यालय, कांके, राॅंची के अन्तर्गत 6 अलग-अलग काॅलेज का निर्माण किया गया है लेकिन वहां पढ़ाने के लिए प्रोफेसर की कमी को दूर करने के लिए सहायक प्राध्यापक की बहाली करना भी जरूरी है जिसमें रोस्टर एवं स्थानीयता को मध्य नजर में रखकर किया जाये ताकि झारखण्ड के कृषि छात्रों का इसका लाभ मिला सके।

श्री जायसवाल ने मंत्री से निवेदन किया है कि कृषि स्नातकों एवं राज्य के हित में उपरोक्त बिन्दुओं पर बिरसा कृषि विश्वविद्यालय, झारखण्ड लोक सेवा आयेाग, झारखण्ड कर्मचारी चयन आयोग एवं कृषि विभाग को आवश्यक निर्देश देने का कष्ट करेंगे।

कृषि एवं सहकारिता मंत्री बादल पत्रलेख ने सभी बातों को गंभीरतापूर्वक लिया। विभागीय सचिव को सकारात्मक पहल का निर्देश दिया।

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