Sunday, April 28, 2024
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बजट सत्र के पांचवें दिन दूसरी पाली में विपक्ष ने किया वॉकआउट

मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने कहा, अपने में ही किसी को नेता प्रतिपक्ष चुनकर सदन चलने दें

रांची : झारखंड विधानसभा के बजट सत्र के पांचवें दिन दूसरी पाली भी हंगामेदार रही। दोपहर दो बजे के बाद सदन की कार्यवाही शुरू होते ही विपक्षी सदस्य कांग्रेस विधायक इरफान अंसारी को सदन से बर्खास्त करने की मांग को लेकर फिर वेल में आ गये और हंगामा शुरू कर दिया। अपराह्न 2 बजकर 28 मिनट पर पूरा विपक्ष वॉक आउट कर गया। सदन को सुचारू रूप से चलने देने के लिए सीएम हेमंत सोरेन ने भी विपक्ष से अपील की। उन्होंने कहा कि नेता प्रतिपक्ष का मसला विचाराधीन है, तब तक शांति से सदन को चलने दें, फिलहाल, अपने में से ही किसी को नेता प्रतिपक्ष चुनकर सदन को चलने दें। इस पर विपक्ष के सारे विधायक वेल में आ गये और नारेबाजी शुरू कर दी। नारेबाजी करते हुए सारे विधायक सदन से बाहर चले गये। वहीं, स्पीकर ने कहा कि न्याय की प्रक्रिया में आप सभी लोग खुद बाधक बन रहे हैं। ऐसे में कैसे न्या‍य मिलेगा। हमलोग देख रहे हैं, थोडा समय दीजिए। इस बीच विपक्ष के सदस्य इरफान अंसारी को बर्खास्त करने की भी मांग करने लगे।

वरिष्ठ विधायकों की सीट आगे कर दें : सीपी सिंह

सदन की दूसरी पाली शुरू होते ही विधायक सीपी सिंह ने विधायकों के सीट आंवटन का मामला उठाया। उन्होंने कहा कि तीन बार के विधायक राजेंद्र सिंह, केदार हाजरा, कोचे मुंडा को पीछे की सीट आवंटित की गई है, जो सही नहीं है। उनकी सीटें आगे होने चाहिए। उन्होंने अध्यक्ष से सीट आवंटन की व्यवस्था दुरूस्त करने की मांग की।

जब तक मान्यता नहीं तब तक वर्तमान व्यवस्था को ही मान कर चलें : आलमगीर आलम


हो हंगामे के बीच विधायक आलमगीर आलम ने कहा कि‍ जब तक नेता प्रतिपक्ष पर कोई निर्णय नहीं हो जाता तब तक जो वर्तमान व्यवस्था है, उसे मानिये और सदन को शांतिपूर्वक चलने दीजिए।

घोषणा और वास्तविकता से परे है बजट : सुदेश


विपक्ष की गैरमौजूदगी में बजट पर चर्चा शुरू हुई। विधायक सुदेश महतो ने बजट पर बातें रखीं। उन्होंने बजट में कई सारी खामियां बतायीं। उन्होंने कहा कि‍ वित्त मंत्री की बजट घोषणा और वास्तविकता से एकदम परे है। सरकार ने कहा कि राज्य के पांच लाख युवाओं को नौकरी देंगे नहीं तो भत्ता देंगे वो भी सालाना। सत्ता पक्ष के सारे विधायक कैलकुलेट कर लें और बता दें कि एक बेरोजगार को महीने में कितना मिलेगा। झारखंड में 24 लाख गरीबी रेखा के नीचे जीवन बसर करने वाले लोग हैं। इसमें 12 लाख परिवारों को रोजी रोटी और पेट पालना ही नहीं है, उनके उत्थान के बारे में भी सोचना होगा। यह बजट जल्दबाजी में तैयार किया गया है। उन्होंने वित्त मंत्री से आग्रह भी किया कि बजट का आकलन कर लें। उन्होंने कहा कि‍ बजट में स्वास्थ्य, शिक्षा और कल्याण आदि के क्षेत्र में सरकार को विशेष विचार करना चाहिए।

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