रांची। अखिल विश्व गायत्री परिवार बागीचा टोली, दलादली (रातु शाखा) में हवन-यज्ञ कार्यक्रम आयोजित किया गया। गायत्री परिवार के सदस्य पद्माकर पाठक ने परिजनों को गायत्री मंत्र की उपासना साधना , युगानुकुल युग धर्म निर्वाह के लिए बताए गए गुरुदेव श्री के विचारों सूत्रों और मुख्य मुख्य बिन्दुओं पर प्रकाश डाला।
समाज में सबके साथ स्नेह सौहार्द , सद्भाव एवं सत् कार्य , सन्मार्ग पर चलने और जीवनशैली में सुसंस्कृति , सत्प्रवृत्ति की वृतियां बनाए रखने का गुरुवर श्री के विचारों को अपनाने का संकल्प कराया।
वीतुन नारायण पीठ सदस्य ने सभी उपस्थित परिजनों को वैदिक मंत्रों में गायत्री मंत्र के महत्व पर प्रकाश डाला।
उन्होंने कहा कि यह महामंत्र मानव जाति का समग्र कल्याण करने वाला मंत्र है।इस मंत्र के भावार्थ को समझने से ही इसकी महत्ता सहज ही स्पष्ट हो जाती है।
इससे गुरु कृपा पाने , भवसागर पार करने तथा अपने जीवन में सही पवित्रता का भाव , सन्मार्ग पर चलने का भाव जागृत करता है।
इसमें अपना कल्याण के साथ साथ मानव समाज का भी कल्याण निहित है।
नवीन जी ने दैवी योजना का प्रारुप गुरुवर श्री के सत् साहित्य प्रकाशन और उसके अध्ययन एवं पाठन, स्वाध्याय व चिन्तन मनन पर ध्यान केंद्रित कर
समझाया।
उन्होंने बताया कि उनमें स्वाध्याय का स्थान पर्याप्त ऊंचा और श्रेष्ठ है।
उन्होंने कहा कि
मन और जीवन की चिकित्सा करता स्वाध्याय है।
अच्छे विचार भी सही नीति के अभाव में निष्फल और निष्क्रिय हो जातें हैं।
अतः हमें सही विचार, विश्वास, भावनाओं , आस्थाओं , मान्यताओं और आग्रहों से समन्वित दृष्टिकोण को ठीक रखने की नीति तय करना वैचारिक आवश्यकता है। हमें अपने जीवन में स्वाध्याय के प्रति साहसिक मनोवृत्ति बना कर उस पर अहम स्थान देना चाहिए।
इन विषय वस्तुओं पर संक्षिप्त विवरण प्रस्तुत करते हुए एक कुंडीय गायत्री यज्ञ कर संपन्न किया गया।
इसके पूर्व भक्त सदस्यों ने आज एकादशी व्रत धारण कर मंत्र जप अनुष्ठान भी किया। ज्ञातव्य हो कि इस नव वर्ष की शुरुआत से
अखिल विश्व गायत्री परिवार संस्थान शान्तिकुंज के तत्वावधान में अनेक गायत्री प्रज्ञा परिवार, मंडलों द्वारा प्रत्येक महीने के दोनों पक्ष की एकादशी तिथि को अंतरराष्ट्रीय व राष्ट्रीय स्तर अनेक महत्वपूर्ण अनुष्ठान चलाया जा रहा है।
उसमें आज एकादशी दिन को व्रत धारण कर गायत्री मंत्र जप अनुष्ठान में रांची के कई परिवारों ने अनुष्ठान किया और भारतीय सीमाओं पर हुए शहीदों को भावभीनी श्रद्धांजलि अर्पित की गई तथा सर्वत्र मंगलमय शान्ति सद्भाव व सौहार्द के लिए प्रार्थना वंदना की गई। इस अवसर पर
नारायण प्रसाद गौड़, अर्जुन पाठक ,
बेबी देवी, कांता देवी ,बिमला , मालती, शीला, रामदुलारी,नीलम श्वेता , डाक्टर एन के नवीन ने सहयोग किया। उक्त जानकारी मीडिया सहायक जयनारायण प्रसाद और नारायण प्रसाद गौड़ ने दी।