रांची: राजधानी रांची में कोरोना संक्रमण के बढ़ते मामलों के बीच अब मानवीय संवेदनाएं भी लगातार दम तोड़ रही हैं. ताजा मामला रांची के सुखदेव नगर थाना क्षेत्र के शिवपुरी का है. जहां एक कोरोना पॉजिटिव पाए गए बैंककर्मी को अपार्टमेंट के लोगों ने सोसायटी से बाहर निकाल दिया. बैंककर्मी घंटों सड़क के किनारे बैठकर ही एंबुलेंस का इंतजार करता रहा.
रांची के एक्सिस बैंक के बरियातू शाखा में कार्यरत बैंककर्मी को कोरोना पॉजिटिव होने की जितनी तकलीफ नहीं हुई उससे ज्यादा दिल को ठेस उसके आस पास के रहने वाले लोगों से हुई. बैंककर्मी को पिछले 3 दिनों से सर्दी-खांसी और बुखार आ रहा था, जिसके बाद उसने एक प्राइवेट लैब में अपना कोरोना जांच करवाया. शुक्रवार की सुबह लैब से उसे यह फोन करके जानकारी दी गई कि वह पॉजिटिव है और उसे अस्पताल में भर्ती होना होगा. फोन आने के बाद बैंककर्मी खासा परेशान हुआ और वह सबसे पहले रिम्स अस्पताल गया, लेकिन वहां जगह नहीं होने की वजह से वह सीसीएल गया. लेकिन वहां भी उसे जगह नहीं मिली.
एम्बुलेंस का घंटों करता रहा इंताजार,पर कोई वाहन नहीं आया
थक हारकर बैंककर्मी अपने आपको अपने ही घर में कॉरेंटाइन होने का सोच घर पहुंचा. थोड़ी देर तक वह अपने घर में भी रहा, लेकिन इसी बीच अपार्टमेंट के लोगों को इसकी सूचना मिल गई. आनन-फानन में सोसायटी के लोगों ने बैंककर्मी को अपार्टमेंट से बाहर जाने की हिदायत दे दी. बैंककर्मी लोगों को यह समझाता रह गया कि अब सरकार ने नया नियम बनाया है कि वह घर में भी क्वॉरेंटाइन हो सकता है. लेकिन लोग नहीं माने. आखिरकार गार्ड के जरिए उसे अपार्टमेंट से बाहर कर दिया गया. जिसके बाद लगभग 4 घंटे तक एंबुलेंस के इंतजार में बैंककर्मी अपार्टमेंट के बाहर बैठा रहा, लेकिन एंबुलेंस नहीं पहुंचा.
आख़िरकार निजी वाहन से गया निजी अस्पताल
अपार्टमेंट के बाहर थक हारकर बैठे बैंककर्मी ने अपने एक दोस्त के माध्यम से एक निजी अस्पताल में भर्ती करवाने के लिए मिन्नत की. जिसके बाद उसके दोस्त ने उसकी मदद करते हुए उसे एक निजी वाहन से ही एक निजी अस्पताल पहुंचा दिया. जहां कोरोना संक्रमित मरीजों का इलाज हो रहा है.