Sunday, May 5, 2024
HomeBIHARराजपा को मिल रहा जनसमर्थन, बख़्तियारपुर विधानसभा चुनाव दिलचस्प मोड़ पर जाने...

राजपा को मिल रहा जनसमर्थन, बख़्तियारपुर विधानसभा चुनाव दिलचस्प मोड़ पर जाने की संभावना

राजपा यदि सवर्णों को एकजुट करने में कामयाब हो जाती है ,तो बख्तियारपुर विधानसभा में बड़ी उलटफेर होने की प्रबल संभावना बन जाएगी।

बख़्तियारपुर ब्यूरो:

राष्ट्रीय जनलोक पार्टी (राजपा) के लिए बख़्तियारपुर विधानसभा में राह आसान होता दिख रहा है । हालांकि 1980 के बाद अभी तक इस विधानसभा क्षेत्र से गैर यादव विधायक नहीं चुने गए हैं ।राष्ट्रीय जनलोक पार्टी (राजपा) को राजपूत समर्थित राजनीतिक दल माना जा रहा है ।लेकिन राष्ट्रीय अध्यक्ष शेर सिंह राणा का कहना है कि – राजपा कोई जाति विशेष आधारित पार्टी नहीं है ।राजपा में सभी जातियों का स्वागत है ।समाज के कोई भी व्यक्ति जो सत्ता के द्वारा छले गए हैं ,हमारे साथ आ सकते हैं ।राणा का कहना है कि राजपा हर भारतीय के अधिकार के लिए लड़ाई लड़ रही है ।सभी को अपना अधिकार पाने के लिए आगे आना चाहिए ।चाहे वह किसी जाति के भी हों ।

इससे इनकार नहीं किया जा सकता है कि बिहार की राजनीति में जातिगत समीकरण की अहम भूमिका रही है ।इस मायने में भी बिहार की कई सीटों पर सवर्णो का सीधे सीधे प्रभाव देखा जाता रहा है ।जहां तक बख़्तियारपुर विधानसभा की बात है 1980 से पहले इस सीट से ग़ैर यादव विधायक चुने जा चुके हैं ।लेकिन 1980 से लेकर अभी तक यहां से यादव विधायक चुने जाते रहे हैं ।बख्तियारपुर विधानसभा यादव बहुल क्षेत्र है । यादव जाति का वोट प्रतिशत ज्यादा होने के कारण राजनीतिक दल यहां से यादव जाति के ही उम्मीदवार को टिकट देने में प्राथमिकता देती आयी है । वर्तमान में भारतीय जनता पार्टी के विधायक रणविजय सिंह उर्फ़ लल्लु मुखिया भी यादव जाति से ही आते हैं । भाजपा की केंद्रीय लहर और उम्मीदवार के यादव जाति से होने के कारण भाजपा उम्मीदवार जीत हासिल करने में कामयाब रहे ।

लेकिन इस बार एनडीए गठबंधन में शामिल जेडीयू के मुखिया और बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से नाराज चल रहे सवर्ण जाति के वोटर विकल्प की तलाश में है ।जिसका लाभ राजपा को मिलता दिखाई दे रहा है। सवर्णों में स्थानीय विधायक को लेकर भी काफी नाराजगी है ।भाजपा के ग्रामीण और नगरीय क्षेत्र के जमीनी कार्यकर्ताओं में भी आपसी मतभेद बढ़ता ही जा रहा है ।जिसका खामियाजा चुनाव में भाजपा को भुगतना पड़ सकता है । यदि भाजपा के सवर्ण वोट बैंक इससे अलग हो जाते हैं तो फिर बख्तियारपुर विधानसभा में उलटफेर के लिए प्रभावशाली सवर्णों के वोट नहीं मिलने पर वर्तमान विधायक की मुश्किलें बढ़ सकती है ।

अभी जिस तरह से भाजपा से उसके समर्थक टूट रहे हैं , राजपा के लिए शुभ संकेत है ।राष्ट्रीय अध्यक्ष शेर सिंह राणा के बिहार आने के बाद जिस तरह से राणा को जनसमर्थन मिल रहा है ,यही बताता है कि मौजूदा नेतृत्व से जनता परेशान है ।क्षेत्र में जनता नेतृत्व परिवर्तन चाहती है ।ऐसे समय में यदि राजपा– नेतृत्व परिवर्तन की चाह लिए जनता को अपने खेमे में लाने में कामयाब हो जाती है , तो बड़ी उपलब्धि होगी ।

बख्तियारपुर विधानसभा अध्यक्ष पुरुषोत्तम सिंह उर्फ टनटन के कंधे पर राजपा को क्षेत्र में मजबूत करने की बड़ी जिम्मेदारी है ।जातिगत समीकरण में उलझे बख्तियारपुर की जनता को गोलबंद कर एक मंच पर लाने की चुनौती होगी ।पुरुषोत्तम का कहना है कि राजपा से जो लोग भी जुड़े हैं ,उनका कोई निजी स्वार्थ नहीं है ।राजपा समाज के अधिकार और सम्मान के लिए चुनाव लड़ रही है ।सभी कार्यकर्ता निःस्वार्थ भाव और पूरी लगन से एक निःस्वार्थ राष्ट्रीय राजनीतिक पार्टी में जुड़े हैं ।हमारा लक्ष्य सामाजिक अधिकार और सम्मान की रक्षा करना है। जीत हार तो होती रहेगी ।लेकिन हम अपने सामाजिक अधिकार और सम्मान को इन स्वार्थी नेताओं के सहारे नहीं छोड़ सकते ।बागडोर खुद संभालनी होगी ।जिसके लिए राजनीति में सक्रिय सहभागिता जरूरी है।

इधर राष्ट्रीय जनता दल (राजद) के पूर्व विधायक अनिरुद्ध यादव भी यहां के बहुसंख्यक जाति से ही आते हैं ।लेकिन राजद में टिकट को लेकर अंतरकलह ही राजद के वोट बैंक को नुकसान पहुंचा सकता है । पिछली बार बख्तियारपुर विधानसभा से चुनाव लड़ चुके जितेंद्र यादव भी राजद समर्थकों का एक अलग गुट बनाने का दावा कर रहे हैं जो अनिरुद्ध यादव के कट्टर विरोधी माने जाते हैं ।पूर्व विधायक से नाराज चल रहे राजद कार्यकर्ता किसी भी कीमत पर समझौते के लिए तैयार नहीं है ।तेजस्वी और तेजप्रताप राजद को संभालने और कार्यकर्ताओं में सामंजस्य स्थापित करने में विफल साबित हो रहे हैं ।यदि राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव की पहल पर या किसी भी तरह से पूर्व विधायक अनिरुद्ध यादव को टिकट दिया जाता है तो राजद का ही एक खेमा गले की हड्डी साबित होगा । जो राजद की जीत को मुश्किल हालात में ला सकते हैं ।

ऐसे में राजपा के लिए सवर्णों को गोलबंद करने का एक सुनहरा मौका मिला है ।राजपा यदि सवर्णों को एकजुट करने में कामयाब हो जाती है ,तो बख्तियारपुर विधानसभा में बड़ी उलटफेर होने की प्रबल संभावना बन जाएगी। हालांकि राजनीति में गहरी पैठ बना चुकी प्रदेश की ताकतवर पार्टी भाजपा और राजद इतनी आसानी से राजपा के लिए रास्ता नहीं छोड़ेंगे । कुल मिलाकर पिछली बार जितनी आसानी से मोदी के सहारे बख्तियारपुर विधानसभा चुनाव के परिणाम को अंजाम दिया गया था ,इस बार राह बड़ी कठिन दिखाई दे रही है । बख्तियारपुर विधानसभा चुनाव काफी दिलचस्प मोड़ तक पहुंचने की संभावना है।

dpadmin
dpadminhttp://www.deshpatra.com
news and latest happenings near you. The only news website with true and centreline news.Most of the news are related to bihar and jharkhand.
RELATED ARTICLES

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

- Advertisment -

Most Popular

Recent Comments