Wednesday, May 8, 2024
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देश का पहला हाइड्रोजन इंजन जमशेदपुर में बनेगा, हुआ MoU

354.28 करोड़ रुपए का होगा निवेश। उद्योग विभाग, झारखण्ड सरकार और टाटा कमींस प्रा.लि. (TCPL) ग्रीन एनर्जी सॉल्यूशन प्रा. लिमिटेड (TGESPL) के बीच MoU पर हस्ताक्षर हुआ।

झारखंड के मुख्यमंत्री हेमन्त सोरेन के प्रयास से जमशेदपुर में देश की पहली हाइड्रोजन ईंधन से जुड़े उद्योग की स्थापना होने जा रही है। शुक्रवार को प्रोजेक्ट भवन में 354.28 करोड़ रुपए के निवेश से संबंधित MoU कर इसका मार्ग प्रशस्त किया। उद्योग विभाग, झारखण्ड सरकार और टाटा कमींस प्रा.लि. (TCPL) ग्रीन एनर्जी सॉल्यूशन प्रा. लिमिटेड (TGESPL) के बीच MoU पर हस्ताक्षर हुआ। MoU पर हस्ताक्षर होने के उपरांत जमशेदपुर में देश की पहली हाइड्रोजन ईंधन से जुड़े उद्योग के स्थापना का मार्ग प्रशस्त होगा।

मुख्यमंत्री ने एक माह पूर्व दी थी MoU की स्वीकृति

मुख्यमंत्री ने 28 जुलाई 2023 को M/s Tata Motors Limited एवं M/s Cummins Inc., USA के संयुक्त उपक्रम M/s TCPL Green Energy Solutions Private Limited (TGESPL) द्वारा जमशेदपुर, पूर्वी सिंहभूम में Hydrogen Internal Combustion Engine, Fuel-agnostic Engine, Advance Chemistry Battery, H2 Fuel Cell तथा H2 Fuel delivery systems के निर्माण/उत्पादन के लिए ईकाई की स्थापना हेतु सिंगल विंडो क्लीयरेंस कमिटि एवं High Power Committee की स्वीकृति की प्रत्याशा में उक्त निवेश के प्रस्ताव पर M/s TGESPL के साथ MoU हस्ताक्षर करने के प्रस्ताव पर सहमति दी थी।

354.28 करोड़ रुपए का निवेश, नवीनतम तकनीक का होगा उपयोग

झारखण्ड औद्योगिक एवं निवेश प्रोत्साहन नीति 2021 के वर्गीकृत क्षेत्रवार बड़ी परियोजनाओं से प्राप्त होने वाले निवेश तथा प्रत्यक्ष नियोजन के आधार पर ईकाई का वर्गीकरण मेगा श्रेणी के अंतर्गत किया गया है। इस ईकाई की प्रस्तावित क्षमता 4000+ Hydrogen IC Engine / Fuel Agnostic Engine and 10,000+ Battery system है, इस कार्य में हाइड्रोजन इंजन बनाने की नवीनतम तकनीक का उपयोग किया जाएगा, जिसका लाभ आने वाले समय में पूरे देश को होगा।

हाइड्रोजन ईंधन से प्रदूषण नियंत्रित करने में मिलेगी मदद

हाइड्रोजन ऐसा ईंधन है, जिसकी क्षमता अन्य ईंधनों के अपेक्षा अधिक होती है। इसका एनर्जी लेबल अधिक होता है। यह सस्ता और हल्का होता है। ऐसे में पेट्रोल और डीजल के बीच इसे एक बेहतर विकल्‍प माना जा सकता है। हाइड्रोजन ईंधन से प्रदूषण को काफी हद तक नियंत्रित करने में मदद मिल सकती है।

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