रांची। झारखंड अभिभावक संघ राज्य के निजी स्कूल प्रबंधकों पर मनमानी करने का आरोप लगाते हुए इसकी रोकथाम के लिए हर जगह गुहार लगा रहा है। इसके लिए एक सप्ताह का कार्यक्रम शुरू किया गया है। इस क्रम में “सात वार-सात गुहार” कार्यक्रम के तहत झारखंड अभिभावक संघ ने रविवार को लॉकडाउन को ध्यान में रखते हुए विभिन्न मीडिया हाउस के संपादकों /ब्यूरो चीफ के समक्ष समर्थन व सहयोग को लेकर वर्चुअल संवाद स्थापित किया। सबों से आंदोलन में सहयोग का आग्रह किया। साथ ही सबों से अभिभावक संघ की मांगों को जनहित में प्रमुखता से प्रकाशित/ प्रसारित करने की अपील की गई। ताकि अभिभावकों की सही वस्तु स्थिति व उनकी दयनीय हालत राज्य के मुख्यमंत्री सहित विभागीय पदाधिकारी तक पंहुचाया जा सके।
इस संबंध में संघ के अध्यक्ष अजय राय ने बताया कि झारखंड शिक्षा न्यायाधिकरण संशोधन अधिनियम – 2017 को राज्य के हर जिले में प्रभावी बनाने की मांग की जा रही है लेकिन इस दिशा में कोई प्रगति नहीं हुई है। उन्होंने कहा कि किसी भी स्कूल द्वारा बच्चों को फ़ीस के एवज में ऑनलाइन पढ़ाई से वंचित करना अनैतिक एवं स्कूल मैनेजमेंट की मानसिक दिवालियापन को दर्शाता है। जिस पर रोक लगनी चाहिए।
उन्होंने बताया कि झारखंड सरकार का आदेश जो पिछले साल पत्रांक संख्या 13/वी 12-55/2019 दिनांक 25/06/2020 को निकाला गया था, वह आज भी प्रभावी है। उक्त आदेश के अनुसार निजी स्कूल ट्यूशन फीस के अलावा अन्य मद में फीस नहीं ले सकता। इसको राज्य सरकार कड़ाई से लागू करे।
साथ ही सभी संबद्धता प्राप्त स्कूलों के पिछले पांच साल के आय-व्यय (ऑडिट रिपोर्ट) ब्यौरा की समीक्षा सरकार कराई जाय। केंद्र एवं राज्य सरकार के द्वारा लीज पर उपलब्ध कराए गए जमीन पर खुले स्कूलों को ट्यूशन फीस के अलावे विभिन्न मदों में लिए जाने वाले शुल्क पर रोक लगाए जाने को लेकर राज्य सरकार हस्तक्षेप की जाय।
झारखंड अभिभावक संघ के अध्यक्ष अजय राय ने आग्रह किया है कि समय रहते राज्य सरकार इस पर हस्तक्षेप करें और पूरे मामले को संज्ञान में ले ताकि राज्य के लाखों पीड़ित अभिभावकों को न्याय मिल सके। साथ ही जिन स्कूलों ने विभिन्न मदों में फीस वसूली है या अभी भी वसूल रहे हैं उनके पिछले 5 साल के आय-व्यय के ब्योरे की जांच सरकार कराएं ताकि उनके मन माने पन पर रोक लग सके। उन्होंने कहा कि पांच जुलाई (पांचवा वार) शहर के प्रमुख चौक चौराहों पर मौन प्रदर्शन किया जाएगा।
अभिभावक संघ ने मीडिया से मांगा समर्थन
झारखंड शिक्षा न्यायाधिकरण संशोधन अधिनियम - 2017 को राज्य के हर जिले में प्रभावी बनाने की मांग की जा रही है
Sourceनवल किशोर सिंह