नई दिल्ली : दिल्ली में केजरीवाल की जीत ऐतिहासिक है लेकिन बीजेपी की हार उससे भी ऐतिहासिक है. देश के इतिहास में बीजेपी पहली बार इतनी बुरी तरह हारी है. हो सकता है आंकड़े इसका समर्थन न करते हों, हो सकता है कि लोग कहें कि बीजेपी 1984 में लोक सभा में सिर्फ दो सीटें लाई थी. दिल्ली में पिछले विधानसभा चुनाव में सिर्फ तीन सीटें लाई थी फिर ये हार सबसे बड़ी कैसे कही जा सकती है लेकिन ये हार आम हार नहीं है.जो बीजेपी 1984 में हारी वो केन्द्र में सरकार में नहीं थी उसके पास अनंत संसाधन नहीं थे. दिल्ली चुनाव में जब पिछली बार बीजेपी हारी तो भी उसने इतनी बड़ी बाजी नहीं खेली थी.
इस बार का चुनाव खास है. थोड़े बहुत नहीं 350 चुनाव जीतने के एक्सपर्ट सांसद इस बार दिल्ली की सड़कों का इंच इंच नाप रहे थे ऐसा इतिहास में कभी नहीं हुआ. बीजेपी के चाणक्य समझे जाने वाले अमित शाह इस तरह टूटकर चुनाव में इससे पहले कभी नहीं उतरे थे. गृहमंत्री अमित शाह ने खुद गली-गली घूमकर वोट मांग रहे थे। उन्होंने अपने हाथ से पर्चे तक बांटे.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जोरदार भाषणों से आम आदमी पार्टी और कांग्रेस पर जमकर हमला बोला। अमित शाह ने अपने अंदाज में हर तरह से प्रशासन को दांव पर लगा दिया. शाहीन बाग में तमंचा चलाने के मामले में कपिल गुर्जर नामका लड़का पकड़ा गया तो खुलकर दिल्ली पुलिस ने आम आदमी पार्टी का नाम लिया.
बीजेपी के सारे मुख्यमंत्री दिल्ली में लोगों को लुभाने में लगे थे. कुछ धर्म के नाम पर वोट मांग रहे थे तो कुछ कसमें खिला रहे थे. यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की सभाए जानबूझ कर ऐसे इलाकों में रखी गईं जहां मुस्लिम आबादी बहुत थी और तनाव की संभावना थी. इन इलाकों में जाकर उन्होंने उग्र भाषण भी दिए. लेकिन बीजेपी हार गई. इससे बड़ी हार क्या हो सकती थी,
हार इसलिए भी सबसे बड़ी है कि पार्टी ने अपना तुरुप का पत्ता बार बार फेंका. धर्म के नाम पर वोट कमाने के लिए पार्टी के सांसद प्रवेश वर्मा ने यहां तक कह दिया कि मुसलमान शाहीनबाग के धरने से उठकर घरों में आ जाएंगे. इस बयान के लिए उन्हें चुनाव आयोग ने प्रतिबंधित तक किया. देश के वित्त राज्य मंत्री के खिलाफ गोली मारो वाले बयान केलिए एफआईआऱ तक हुई. प्रतिबंध भी लगा.
सिर्फ इतना नहीं बीजेपी ने अपने सबसे ज्यादा साख वाले चेहरों को भी दांव पर लगा दिया. शाहीन बाग को लेकर पार्टी के प्रवक्ता संबित पात्रा लगातार फेक वीडियो ट्वीट कर रहे थे. ऐसा पहली बार हुआ है कि पार्टी ने अधिकृत रूप से फेक वीडियो प्रसारित किए हैं.
दिल्ली में खुद प्रधानमंत्री मोदी ने सीधे वोट मांगे और सभाएं कीं. यहां तक कि संसद में राष्ट्रपति ते अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव पर बहस में भी प्रधानमंत्री ने वही भाषण दिया जो उनका दिल्ली मे चुनावी भाषण था.
इस बार भाजपा ने दिल्ली के 70 निर्वाचन क्षेत्रों में पार्टी के प्रचार के लिए 350 से अधिक नेताओं और उम्मीदवारों का इस्तेमाल किया। भाजपा शासित राज्यों के अधिकांश मुख्यमंत्री और एनडीए के सदस्यों ने भाजपा के प्रचार के लिए हाथ मिलाया। लेकिन पार्टी हार गई इसलिए ये बीजेपी की सबसे बड़ी हार है.
दिल्ली में केजरीवाल की जीत ऐतिहासिक,लेकिन बीजेपी की हार भी ऐतिहासिक
Sourceदेशपत्र डेस्क