Sunday, April 28, 2024
HomeDESHPATRAएनएसयूआई के प्रदेश उपाध्यक्ष इंदरजीत सिंह मिले स्वास्थ्य मंत्री से

एनएसयूआई के प्रदेश उपाध्यक्ष इंदरजीत सिंह मिले स्वास्थ्य मंत्री से

रिम्स जीएनएम स्कूल ऑफ नर्सिंग की प्रिंसिपल को हटाने की मांग

रांची। कांग्रेस पार्टी की छात्र इकाई एनएसयूआई के प्रदेश उपाध्यक्ष इंदरजीत सिंह के नेतृत्व में एक प्रतिनिधिमंडल ने मंगलवार को झारखंड सरकार के स्वास्थ्य मंत्री बन्ना गुप्ता से मिलकर एक ज्ञापन सौंपा। ज्ञापन के माध्यम से रिम्स जीएनएम स्कूल ऑफ नर्सिंग के प्रिंसिपल को हटाने की मांग की गई। एनएसयूआई के प्रदेश उपाध्यक्ष इंदरजीत सिंह ने स्वास्थ्य मंत्री को जीएनएम स्कूल आफ नर्सिंग में हो रहे भ्रष्टाचार से अवगत कराया। श्री सिंह ने कहा कि नर्सिंग स्कूल के प्रिंसिपल द्वारा छात्राओं को बैक करने की धमकी मिलती रहती है। छात्राओं की शिकायत मिलने के बाद एन.एस.यू.आई की टीम ने जांच पड़ताल किया तो कई चौकाने वाली बातें सामने आई। पता चला कि हाॅस्टल में 150 छात्राएं रहती है। छह महीने से किसी को किसी प्रकार की छुट्टी नही दी गई। जबकि सरकार का आदेश है कि कोरोना काल में कोई भी हाॅस्टल में नही रहना चाहिए। छात्राएं घर जाना चाहती है, तो उन्हें अनुमति दी जानी चाहिए।
यह भी खुलासा हुआ कि किसी भी समस्या के लिए कोई आवाज उठाये तो बैक करने की धमकी दी जाती है। छात्राओं के अभिभावकों को भी बुला कर इंसल्ट किया जाता है।
एडमिशन फीस फ्री होने के बावजूद एडमिशन के समय हर छात्राओं से पांच हजार रुपए वसूली की जाती है, वह भी बिना रसीद दिए।
पता चला कि कई सालों से मेस चल रहा है। हर बैच के लिए अलग रेट फिक्स किया जाता है एवं बिना रसीद के हर महीने पैसे जमा कराए जाते हैं।
हाॅस्टल की स्थिति दयनीय है। छत टूट के गिर रहा है। कभी भी बड़ा हादसा हो सकता है।
बाथरूम, टॉयलेट्स की स्थिति बहुत की खराब है। नहाने एवं पीने वाले पानी में कीड़े मिलते है। कई बार स्टूडेंट्स बीमार पड़ चुके है।
ड्यूटी में बिना ग्लव्स एवं मास्क के जबरदस्ती डयूटी भेजा जाता है।
इंटरनल एवं एक्सटर्नल एग्जाम में हर स्टूडेंट से पैसे लिए जाते हैं। इंटरनल एवं प्रैक्टिकल एग्जाम में जबरदस्ती सभी छात्राओं से पैसों के साथ ब्रेकफास्ट, लंच, ड्राई फ्रूट्स एवं स्नैक्स पैकेट्स की डिमांड की जाती है। उन्होंने बताया कि नर्सिंग के हर प्रोग्राम में प्रति स्टूडेंट्स से 500 रुपये से ज्यादा डिमांड किया जाता है। बिना कोई स्लिप या रसीद दिए। कैपिंग सेरेमनी के समय जिस बैच की कैपिंग होती है, उनसे 2500 रुपये वसूला जाता है। वहीं, शेष अन्य बैच से 1000 रुपये तक मांगे जाते हैं।
इंटरनल परीक्षा की पेपर कभी स्टूडेंट्स को नही दिखाई जाती है। छात्राओं ने कहा कि जो ज्यादा पैसा देता है उन्हें अधिक नंबर दिए जाते है। अगर कोई कंप्लेन करती है तो उससे जबर्दस्ती एप्लीकेशन लिखवाया जाता कि अगर उसे कुछ होता है तो कॉलेज या किसी टीचर की कोई जिम्मेवारी नही होगी।
सभी छात्राओं को मेंटली टार्चर किया जाता है। उन्होंने बताया कि
वहां की प्रिंसिपल थयम्मा पी.टी दो पदों पर नियुक्त है जिस कारण वो स्टूडेंट्स पर ध्यान और समय नही दे पाती।
मौके पर मौजूद राष्ट्रीय संयोजक आरुषि वंदना ने कहा कि इसकी जांच की जाए एवं वहां मौजूद प्रिंसिपल एवं होस्टल वार्डन को तत्काल निष्कासित किया जाए। श्री सिंह के मुताबिक स्वास्थ्य मंत्री बन्ना गुप्ता ने मामले की जांच के लिए कमिटी गठित कर दोषियों पर कार्रवाई करने का आश्वासन दिया। प्रतिनिधिमंडल
में आरुषि वंदना, अमन यादव, आकाश रजवार, प्रणव सिंह, हिमांशु कुमार, आमिर शामिल थे।

dpadmin
dpadminhttp://www.deshpatra.com
news and latest happenings near you. The only news website with true and centreline news.Most of the news are related to bihar and jharkhand.
RELATED ARTICLES

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

- Advertisment -

Most Popular

Recent Comments