नई दिल्ली : लॉकडाउन में कर्नाटक पुलिस द्वारा CRPF कोबरा कमांडो पर की गई कार्रवाई कर्नाटक पुलिस को ही कटघरे में लाकर खड़ा कर रहा है। मामला ही कुछ ऐसा है जो कर्णाटक पुलिस पर सवाल खड़े कर रहे है।
मिली जानकारी के अनुसार सीआरपीएफ का कोबरा कमांडो सचिन सुनील सावंत 23 अप्रैल को अपने घर के बाहर बाइक धो रहा था। उसी दौरान लोकल पुलिस के साथ मास्क पहनने को लेकर सचिन की झड़प हो गई। आरोप है कि पुलिस को बताने पर भी कि वह कमांडो है, उसको बुरी तरह से पीटा गया। कपड़े फाड़ दिए गए. हथकड़ी तक पहनाई गई। सड़क पर नंगे घुमाया गया और फिर जेल में डाल दिया गया।
दूसरी ओर पुलिस का कहना है कि उसने पहले एक कांस्टेबल का कॉलर पकड़ लिया, उसको मारा, लिहाजा उसके ऊपर आईपीसी की धारा 353 (हमला करने या फिर बल से कर्तव्य को रोकने का प्रयास), 504 और 505 (जान-बूझकर शांति भंग करना) के तहत मामला दर्ज किया गया है।
सीआरपीएफ ने डीजीपी को लिखे पत्र में कहा है कि वीडियो की जांच के बाद “यह स्पष्ट है कि पुलिसकर्मियों का आचरण नागरिक केंद्रित नहीं था। सीआरपीएफ प्रमुख ए पी माहेश्वरी की ओर से एक विशेष महानिदेशक स्तर के अधिकारी द्वारा लिखे गए पत्र में डीजीपी से मामले की जांच करने और ‘घटना की गंभीरता और दोनों बलों के बीच संबंधों पर इसके प्रभाव को देखते हुए जवान को न्याय प्रदान करने का अनुरोध किया गया है।