अमरेन्द्र कुमार सिंह
गया । कार्तिक पूर्णिमा के अवसर पर गौड़ीय मठ में भगवान जगन्नाथ, बलदेब ,सुभद्रा, राधा कृष्णा, चैतन्य महाप्रभु की सर्दी से राहत के लिए उनी वस्त्र पहनाया गया। गौड़िया मठ के पुजारी उत्तम श्लोक दास जी महाराज ने बताया कि
जैसे-जैसे सर्दी बढ़ेगी ऐसे सर्दी के कपड़े साल, कंबल, टोपी, जराप, पहनाया जाएगा। यह परंपरा जगतगुरु भक्ति सिद्धांत सरस्वती गोस्वामी प्रभुपाद जी 1918 में गौड़ीय मिशन के प्रतिष्ठा किए थे उस समय से यह परंपरा चली आ रही है। लेकिन गया में गौड़ीय मठ की स्थापना 1936 में हुई उस समय से यह परंपरा जारी है। उत्तम श्लोक दास ने बताया कि रास पूर्णिमा के अवसर पर सुबह 5 बजे मंगला आरती 6 बजे मंदिर परिक्रमा 7 बजे बाल भोग, 9 बजे विशेष श्रृंगार भगवान को में ड्रेस पहनाया गया । 10:30 बजे पूजा पंचामृत से सालग्राम अभिषेक 11:30 बजे राजभोग 12 बजे मध्यांन आरती शाम को 5:00 बजे से भजन कीर्तन भागवत पाठ 6:30 बजे मंदिर परिक्रमा 7 बजे संध्या आरती 8:00 बजे भोग 8:30 बजे सर्दी से राहत के लिए साल लगाया गया। एकमात्र कृष्णा श्री कृष्णा नाम कीर्तन के द्वारा ही मन को शांत किया जा सकता है। कर्म, ज्ञान, योग आदि के द्वारा कुछ खन के लिए मन स्थिर तो हो सकता है, परंतु कुछ खन पश्चात बह पुण पहले जैसा ही हो जाता है, अपितु उससे भी अधिक चंचल हो जाता है। निरंतर भगवान की सेवा में रत व्यक्ति ही जीव का वास्तविक कल्याण कर सकते हैं।