- रांची। झारखंड अभिभावक संघ की वर्चुअल बैठक रविवार को जूम के माध्यम से अजय राय की अध्यक्षता में हुई। जिसमें राज्य के लगभग सभी जिलों के अभिभावक प्रतिनिधि सैकड़ों की सख्या में शामिल हुए। बैठक में निर्णय लिया गया कि रांची जिला की तरह हर जिला में प्राइवेट स्कूलों को लेकर शुल्क निर्धारण कमिटी का गठन किया जाएगा। जिला अभिभावक संघ की ओर से 28 जून से हर जिला में स्कूल शुल्क निर्धारण कमिटी के गठन को लेकर उपायुक्त को ज्ञापन सौंपने का भी निर्णय लिया गया। बैठक में रांची के उपायुक्त द्वारा बनाये गए शुल्क निर्धारण कमिटी व जाँच कमिटी का अभिभावकों ने स्वागत किया। साथ ही उपायुक्त द्वारा गठित शुल्क निर्धारण समिति का विरोध करने वाले तथाकथित अनएडेड स्कूल एसोसिएशन (स्वयंभू एसोसिएशन) के अध्यक्ष अभय मिश्रा द्वारा दिए गए बयान की निन्दा की गई। वर्चुअल मीटिंग में अभिभावकों ने कहा कि अभय मिश्रा अवांछित तत्वों की सांठगांठ से राजधानी के एचईसी परिसर स्थित एक स्कूल को अवैध तरीके से कब्जा कर बैठे हैं। उनके ऊपर पूर्व से गबन के कई गंभीर आरोप लगे हुए हैं। बैठक में निर्णय लिया गया की रांची उपायुक्त द्वारा अलग-अलग जोन के लिए बनाई गई जांच कमिटी को स्कूलों द्वारा लिये जा रहे विभिन्न मदों के शुल्क के सम्बन्ध में पूरी जानकारी उपलब्ध कराई जाएगी। यह भी कहा गया कि कोई भी अभिभावक वर्तमान सत्र 2021-2022 में टियूशन फ़ीस के अलावा कोई दूसरा शुल्क नहीं देंगे। ऑनलाइन क्लास से वंचित छात्रों की सूचि अभिभावक संघ की ओर से जांच कमिटी को उपलब्ध कराई जाएगी। जांच को लेकर बनाई गई रांची जिला के नियंत्रण कक्ष में अभिभावक सीधी अपनी शिकायत दर्ज करा सकेंगे। इसको लेकर डी.एस.ई रांची से सोमवार को बात की जाएगी।
इस अवसर पर अभिभावक संघ के अध्यक्ष अजय राय ने कहा कि जब से झारखंड शिक्षा न्यायाधिकरण संशोधन अधिनियम 2017 बना है तब से हर जिले में उपायुक्त द्वारा शुल्क निर्धारण कमेटी बनाए जाना अनिवार्य है। साथ ही जिले के हर स्कूल में पेरेंट्स-टीचर एसोसिएशन का गठन किया जाना जरूरी है।
अजय राय ने कहा कि जबसे अधिनियम बना है तब से लेकर अभी तक स्कूलों ने कमेटी गठन करने की बजाय अपनी मनमर्जी से फीस वृद्धि करने का जो तरीका पूर्व की तरह अपना रखा है, वह अब नहीं चलेगा। उन्हें हर हाल में अपने स्कूल में कमेटी का गठन करना होगा और उसकी अनुशंसा से ही जिला कमेटी कोई भी प्रतिवेदन पर विचार करेगी। एक्ट में इससे संबंधित प्रावधान किया गया है। उन्होंने कहा कि इस पर गंभीरतापूर्वक अमल नहीं किया जाता है तो उन स्कूलों के खिलाफ झारखंड अभिभावक संघ सड़क से लेकर न्यायालय तक लड़ाई लड़ने को तैयार है !
इस अवसर पर झारखंड हाईकोर्ट के वरिष्ठ अधिवक्ता धीरज कुमार ने झारखंड शिक्षा न्यायाधिकरण संशोधन अधिनियम व रांची उपायुक्त के द्वारा बनाई गई शुल्क निर्धारण कमेटी व जांच कमेटी के संबंध में विस्तृत रूप से चर्चा की और कहा कि इसमें लिया गया निर्णय पूरी तरह कानून के दायरे में है।
मिटिंग में धनबाद जिला अध्यक्ष कैप्टन प्रदीप मोहन सहाय ने कहा कि धनबाद के अंदर जल्द ही इस को लेकर संगठन की ओर से उपायुक्त से मिलकर कमेटी गठन करने का ज्ञापन सौंपा जाएगा। साथ ही हर स्कूल में अभिभावक संघ की कमेटी गठित की जाएगी।
बोकारो जिला अध्यक्ष महेंद्र राय ने कहा कि बोकारो जिला के अंदर स्कूलों की जो स्थिति है, इसको लेकर राष्ट्रीय बाल संरक्षण आयोग को उन स्कूलों की सूची जांच को लेकर भेजा गया है। जहां पर बच्चों को ऑनलाइन क्लास से वंचित किया जा रहा है।
जमशेदपुर जिला अध्यक्ष डॉ. पुष्पा श्रीवास्तव ने कहा कि जमशेदपुर अभिभावक संघ उपायुक्त से मिलकर कमेटी गठन करने को लेकर ज्ञापन सौंपा। विभिन्न स्कूलों द्वारा बढ़ाई गई फीस के संबंध में भी सूची सौंपी जाएगी।
वर्चुवल बैठक में शामिल अभिभावक रामदीन कुमार, विकास सिन्हा ,संजय सर्राफ ,सरबजीत सिंह, अंजना गुप्ता, पद्मिनी कुमारी, संतोष कुमार, मनीष कुमार ,महावीर सिंह ,प्रणव शंकर, मोहित राज, अनिल कुमार, सृष्टि प्रियंका ,सौम्या आलम, श्रेया नंदी ,संजय कुमार, रीतलाल वर्मा, रेखा किंडो, राजेंद्र साहू, रजनी कौर, प्रिंस कुमार, सृष्टि, प्रियंका, अभिनव कुमार, पंकज पांडे, प्राची सिंह, प्रमोद सिंह, प्रतिमा देवी, गणेश उरांव, मनीष कुमार, मोहित राज, अभिनव कुमार, आर्य कुणाल, ओम कश्यप, अनूप सारंगी, मनोज कुमार, अशोक सिंह, सार्थक पांडे सहित सैकड़ों अभिभावक शामिल हुए।