रांची। स्वास्थ्य सुरक्षा सप्ताह के दौरान झारखण्ड में बस संचालन की छूट नहीं मिलने से बस संचालकों के समक्ष उत्पन्न कठिनाईयों को लेकर आज चैंबर भवन में एक बैठक संपन्न हुई। बस व्यवसायियों ने कहा कि पिछले वर्ष लगभग छः माह तक लाॅकडाउन व इस वर्ष लगभग तीन माह से बसों का परिचालन बंद होने के कारण व्यवसायिक वाहन मालिक तथा इनसे रोजगार प्राप्त लोग आर्थिक संकट का सामना कर रहे हैं। दूसरी ओर टायर, डीजल, मोबिल, मोटर पार्टस, चेसीस की दरों में बेतहासा वृद्धि के कारण भी परिवहन व्यवसाय की स्थिति दयनीय है। यह आग्रह किया गया कि अब जब राज्य में सभी आर्थिक गतिविधियों को संचालन की अनुमति दे दी गई है, ऐसे में 1 जुलाई से राज्य में बसों को 50 फीसदी क्षमता के साथ संचालन की अनुमति दी जाय। यह भी कहा गया कि अप्रैल, मई एवं जून 2021 (तीन माह) के रोड टैक्स माफी की स्वीकृति के साथ ही इंश्योरेंस की ईएमआई की अवधि विस्तार हेतु उडीसा सरकार की तर्ज पर झारखण्ड सरकार द्वारा भी केंद्र सरकार को पत्र प्रेषित किया जाय।
बस संचालकों की कठिनाई को देखते हुए चैंबर उपाध्यक्ष किशोर मंत्री ने कहा कि केंद्रीय परिवहन मंत्रालय द्वारा वाहनों के विभिन्न दस्तावेजों यथा-ड्राइविंग लाइसेंस, फिटनेस, पंजीकरण प्रमाण पत्र, परमिट सहित अन्य जिनकी अवधि समाप्त हो चुकी है, की वैद्यता अवधि 30 सितम्बर 2021 तक विस्तारित की गई है। झारखण्ड में भी इस नियम को प्रभावी करना जरूरी है।
बैठक में चैंबर उपाध्यक्ष किशोर मंत्री, बस ऑनर्स एसोसियेशन के अध्यक्ष सच्चिदानंद सिंह, चैंबर के रोड ट्रांस्पोर्ट उप समिति चेयरमेन अरूण साबू, मनीष सिंह, अनिस बुधिया, चंचल चटर्जी समेत अन्य लोग उपस्थित थे।