रांची। कांग्रेस पार्टी की छात्र संगठन इकाई “एनएसयूआई” ने निजी स्कूलों के शिक्षण शुल्क में वृद्धि का विरोध किया है।
झारखंड एनएसयूआई के प्रदेश सचिव अभिजीत प्रताप सिंह ने कहा है कि कोरोना संक्रमण काल में आर्थिक तंगी झेल रहे अभिभावकों का प्राइवेट स्कूल संचालकों द्वारा शोषण किया जा रहा है। स्कूल प्रबंधन द्वारा अभिभावकों पर फीस जमा करने का दबाव बनाया जा रहा है। अभिभावकों को लगातार चेतावनी दी जा रही है कि शिक्षण शुल्क सहित अन्य मद में राशि जमा करें, अन्यथा बच्चों को आऑनलाइन क्लास से वंचित कर दिया जाएगा।
उन्होंने कहा कि इस संकट के दौर में निजी स्कूलों द्वारा ऐसा फरमान जारी किया जाना अनुचित है। श्री सिंह ने कहा कि यदि निजी स्कूलों ने अपनी मनमानी नहीं बंद की तो एनएसयूआई स्कूलों में तालाबंदी करेगी। उन्होंने कहा कि कोरोना महामारी में अभिभावकों की आर्थिक स्थिति बदहाल है। ऐसे हालात में अभिभावकों को राहत देने की जरूरत है।
उन्होंने कहा कि निजी स्कूलों के संचालकाें ने अपना एक संगठन बनाकर और प्रशासन को प्रभाव में लेकर अभिभावकों को मानसिक रूप से प्रताड़ित करना शुरू कर दिया है। रांची के उपायुक्त छवि रंजन ने पहले अभिभावकों के हित में निजी स्कूलों के शिक्षण शुल्क संबंधी एक दिशा-निर्देश जारी किया। लेकिन उसके एक दिन बाद ही उक्त दिशा निर्देश को स्थगित करने की घोषणा कर दी। इससे प्रतीत होता है कि उपायुक्त ने निजी स्कूल प्रबंधन के प्रभाव में आकर ही अकस्मात यू टर्न ले लिया। श्री सिंह ने कहा कि निजी स्कूलों के प्रबंधकों को इस वक्त संकटकाल में अभिभावकों की परिस्थितियों को देखते हुए राहत देना चाहिए। उन्होंने कहा कि यदि निजी स्कूल अपनी मनमानी करते रहे, तो एनएसयूआई द्वारा जबरदस्त विरोध किया जाएगा। इस क्रम में आंदोलन के तहत मनमानी करने वाले निजी स्कूलों को चिन्हित कर उनके प्रबंधकों का घेराव किया जाएगा और स्कूलों की तालाबंदी भी की जाएगी।
मनमानी से बाज आएं निजी स्कूल संचालक, नहीं तो होगा जोरदार आंदोलन : अभिजीत
Sourceनवल किशोर सिंह