रांची। झारखंड असिस्टेंट प्रोफेसर अनुबंध संघ के प्रदेश अध्यक्ष डॉ. निरंजन महतो ने कहा है कि रांची विश्वविद्यालय में कार्यरत अनुबंधित असिस्टेंट प्रोफेसरों को प्रथम लॉकडाउन के समय का बकाया मानदेय का भुगतान नहीं हुआ तो मूल्यांकन कार्य का बहिष्कार करेंगे। उन्होंने कहा कि हमलोगों की नियुक्ति शिक्षण कार्यों के लिए की गई है, लेकिन विश्वविद्यालय प्रशासन के निर्देशानुसार नामांकन, प्रश्न पत्र चयन एवं मूल्यांकन से संबंधित संपूर्ण कार्यों का संपादन करना पड़ता है।
अनुबंधित असिस्टेंट प्रोफेसरों को प्रथम लॉकडाउन की अवधि (पिछले एक वर्ष) से मानदेय का भुगतान नहीं हुआ है। उन्होंने कहा कि केंद्र और राज्य सरकार का स्पष्ट निर्देश दिया गया था कि किसी भी कर्मचारियों का मानदेय नहीं रोक जाएगा। इसके बावजूद रांची विश्वविद्यालय में मानदेय का भुगतान नहीं हुआ है।
प्रदेश अध्यक्ष डॉ. निरंजन महतो ने कहा कि रांची विश्वविद्यालय में कार्यरत अनुबंधित असिस्टेंट प्रोफेसरों ने रेडियो खाँची और अन्य ऑनलाइन माध्यमों से क्लास लेने का कार्य किया है। इसके बाद विश्वविद्यालय प्रशासन अनुबंधित असिस्टेंट प्रोफेसरों को मानदेय देने में आनाकानी कर रही है।
डॉ.महतो ने कहा कि रांची विश्वविद्यालय में कार्यरत अनुबंधित असिस्टेंट प्रोफेसरों को पिछले एक वर्ष से मानदेय नहीं मिलने के कारण आर्थिक स्थिति दयनीय हो गई है। अपनी मूलभूत आवश्यकताओं की पूर्ति करने में कठिनाई उत्पन्न हो गया है। कहने के लिए हमलोग असिस्टेंट प्रोफेसर हैं, लेकिन मानदेय नहीं मिलने से आर्थिक स्थिति बदहाल हो गई है, फलस्वरूप पारिवारिक भरण-पोषण करने में काफी दिक्कत हो रही है। यही नहीं, अनुबंधित असिस्टेंट प्रोफेसरों को अपने बच्चों का स्कूल फीस नहीं दे पा रहे हैं। फीस जमा नहीं कर पाने की स्थिति में क्लास से वंचित होना पड़ रहा है। अपने बच्चों के सामने शर्मिंदा होना पड़ रहा है।
गौरतलब है कि झारखंड में कार्यरत अनुबंधित असिस्टेंट प्रोफेसरों को प्रति क्लास छः सौ रुपये और महीने में अधिकतम छतीस हजार रुपए देने का प्रावधान है। विश्वविद्यालयों में यू.जी.सी. के नियमानुसार सी.बी.सी.एस. प्रणाली लागू है, जिसके कारण अधिकांश समय परीक्षा संचालन करने में व्यतीत हो जाता है।
मानदेय नहीं मिला तो नामांकन और मूल्यांकन कार्य बहिष्कार करेंगे विवि असिस्टेंट प्रोफेसर: डॉ.निरंजन महतो
Sourceनवल किशोर सिंह