रांची : वैश्विक आपदा कोरोना से बचाव के लिए किए गए देशव्यापी लॉकडाउन के दौरान गरीबों को हो रही परेशानियों के मद्देनजर विभिन्न स्वयंसेवी संस्थाएं राहत कार्य में जुटी हैं। इसमें रेमन मैग्सेसे अवार्ड से सम्मानित देश की प्रतिष्ठित स्वयंसेवी संस्था “गूंज” महत्वपूर्ण सहभागिता निभा रही है।
इस संबंध में “गूंज” संस्था के झारखंड व उड़ीसा राज्य समन्वयक सुरेश कुमार ने बताया कि झारखंड के विभिन्न जिलों में सहयोगी स्वयंसेवी संस्थाओं के सहयोग व सामूहिक प्रयास से गरीबों के बीच राहत कार्य संचालित किए जा रहे हैं। लाॅकडाउन में राजधानी व आस-पास के के विभिन्न जगहों पर गरीबों को चिन्हित कर उनके बीच राशन व अन्य जरूरी सामग्री का वितरण किया जा रहा है। इसके तहत 5 से 10 किलो चावल, 1 किलो दाल, सोयाबीन, बिस्कुट, साबुन, नमक आदि सामग्री जरूरतमंदों को दी जा रही है। उन्होंने बताया कि “गूंज” संस्था अखिल भारतीय स्तर पर समाज सेवा के क्षेत्र में कार्य कर रही है। आपदा के समय विशेष रूप से यह संस्था गरीबों और पीड़ितों के सेवार्थ तत्परता से कार्य में जुटी रहती है। समाज सेवा के क्षेत्र में गूंज संस्था ने कई ऐसे उल्लेखनीय कार्य किए हैं, जो मील का पत्थर साबित हुए हैं। श्री कुमार ने बताया कि गूंज के संस्थापक निदेशक व देश के प्रख्यात समाजसेवी अंशु गुप्ता के निर्देशन में संस्था समाज सेवा के क्षेत्र में विभिन्न प्रकार के कार्यों को धरातल पर उतारने में सफल हो रही है। जनसेवा के क्षेत्र में उल्लेखनीय और उत्कृष्ट कार्य करने के लिए संस्था को कई पुरस्कार प्राप्त हुए हैं। उन्होंने बताया कि जाड़े के मौसम में ठंड से ठिठुरते चौक-चौराहों पर बेघर, बेसहारा वृद्धों और गरीबों को कंबल व अन्य वस्त्र उपलब्ध कराने की दिशा में भी संस्था जुटी रहती है।
उन्होंने कहा कि विदित है कि इन दिनों वैश्विक आपदा कोरोना के बढ़ते प्रकोप से पूरी दुनिया परेशान है। लॉकडाउन की वजह से खासकर गरीबों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। इसे देखते हुए संस्था की ओर से उन्हें राशन मुहैया कराया जा रहा है। ताकि कोई भी गरीब भोजन से वंचित न रहे, भूखा न रहे। इस दिशा में गूंज संस्था प्रयासरत है। इसमें उन्हें अन्य सहयोगी संस्थाओं का भी साथ मिल रहा है। विगत दिनों राजधानी रांची के विभिन्न इलाकों में गूंज संस्था की ओर से गरीबों के बीच राशन बांटा गया। इसमें समाजसेवी दीपक प्रसाद सहित अन्य सहयोगियों की सहभागिता रही। श्री कुमार ने बताया कि पीड़ित मानवता की सेवा के प्रति उनकी संस्था समर्पित है। मानव सेवा को सबसे बड़ा धर्म मानते हुए संस्था समाज के नैतिक, आर्थिक, सांस्कृतिक और सामाजिक उत्थान की दिशा में निरंतर प्रयासरत है।