Sunday, May 5, 2024
HomeBIHAR'शब्दाक्षर' द्वारा कुलपति प्रो गिरीश्वर मिश्र के साथ साहित्यिक वार्ता का आयोजन,...

‘शब्दाक्षर’ द्वारा कुलपति प्रो गिरीश्वर मिश्र के साथ साहित्यिक वार्ता का आयोजन, भारतीयों को संस्कृत का ज्ञान होना परमावश्क है

अमरेन्द्र कुमार सिंह
गया । “शब्दाक्षर केंद्रीय पेज” पर ‘शब्दाक्षर’ की राष्ट्रीय साहित्य मंत्री-सह-वार्ताकार विदुषी नीता अनामिका के साथ महात्मा गांधी अन्तरराष्ट्रीय हिन्दी विश्वविद्यालय, वर्धा के पूर्व कुलपति-सह भारतीय ज्ञानपीठ पुरस्कार के निर्णायक मंडल के सदस्य मनीषी प्रो. गिरीश्वर मिश्र का साहित्यिक साक्षात्कार सफलतापूर्वक संपन्न हुआ। प्रो मिश्र ने महात्मा गांधी अन्तरराष्ट्रीय हिन्दी विश्वविद्यालय के कुलपति के रूप में अपने अनुभवों के को साझा करते हुए कहा कि शिक्षा का उद्देश्य सिर्फ शैक्षणिक डिग्रियाँ प्रदान करना नहीं होता है। शिक्षा की सार्थकता तभी है जब वह समाज और संस्कृति के साथ सतत संवाद स्थापित करे। प्रो मिश्र के अनुसार बासी होती अध्ययन परंपरा में परिवर्तन आवश्यक है।
बतौर कुलपति अपनी भूमिका के बारे में पूछने पर उन्होंने कहा कि उन्होंने विश्वविद्यालय में कई तरह के नये पाठ्यक्रम प्रारंभ किए। ‘बहुवचन ‘एवं ‘पुस्तक वार्ता’ जैसी पत्रिकाओं के परिमार्जन तथा नियमित प्रकाशन का भी उन्होंने प्रयास किया। कोरोना-संकट के दरम्यान साहित्य के स्तर में आये परिवर्तन पर विचार रखते हुए उन्होंने कहा कि इन विकट परिस्थितियों में भले ही पत्र-पत्रिकाओं के प्रकाशन में कमी आई हो, इस विपत्ति का सकारात्मक पक्ष यह है कि इंटरनेट के जरिए स्थानीय से लेकर वैश्विक स्तर पर लोगों के सरलता से पारस्परिक जुड़ाव ने साहित्य को एक विशिष्ट रूप तथा परिचय प्रदान किया है। भारत में अपनी पहचान खोती जा रही संस्कृत भाषा के भविष्य के बारे में उन्होंने वार्ताकार अनामिका से कहा कि संस्कृत भारतीय महाग्रंथों की आधारशिला एवं कई भारतीय भाषाओं की जननी भी है, अतः भारतीयों को संस्कृत का ज्ञान होना परमावश्क है। इसे प्रारंभिक कक्षाओं से लेकर उच्च विद्यालय के स्तर तक पाठ्यक्रम में अनिवार्य रूप से शामिल किया जाना चाहिए।
‘शब्दाक्षर’ के राष्ट्रीय अध्यक्ष रवि प्रताप सिंह ने आमंत्रण स्वीकार करके ‘शब्दाक्षर’ के मंच पर अपने अनुभव साझा करने हेतु प्रो मिश्र के प्रति हार्दिक आभार प्रकट किया तथा कार्यक्रम के कुशल संचालन तथा आयोजन हेतु वार्ताकार नीता अनामिका सहित समस्त ‘शब्दाक्षर’ परिवार को बधाई दी। बिहार प्रदेश इकाई की साहित्य मंत्री डॉ कुमारी रश्मि प्रियदर्शनी ने बतलाया कि प्रो गिरीश्वर मिश्र विदेश मंत्रालय भारत सरकार की राजभाषा समिति के भी सम्मानित सदस्य हैं तथा उन्हें ‘हरिसिंह गौड़ राष्ट्रीय पुरस्कार ‘, ‘राधा कृष्ण पुरस्कार’ , ‘गोविंद वल्लभ पंत पुरस्कार’, ‘विश्व नागरी रत्न’ जैसे अनेक सम्मानों से भी नवाजा जा चुका है। एक महान शिक्षाविद होने के साथ-साथ वे एक मनोवैज्ञानिक तथा सामाजिक लेखक, संपादक तथा रचनाकार भी हैं। प्रो मिश्र कनाडा , दक्षिण अफ्रीका, रूस , मॉरिशस ,इंडोनेशिया, चीन, संयुक्त राज्य अमेरिका में आयोजित हिंदी तथा मनोविज्ञान के अंतरराष्ट्रीय सम्मेलनों में प्रमुख वक्ता के रूप में देश को गौरवान्वित कर चुके हैं । डॉ रश्मि के अनुसार ऐसे बहुआयामी व्यक्तित्व के धनी विद्वान के साथ साक्षात्कार आयोजित करना ‘शब्दाक्षर’ की एक अविस्मरणीय उपलब्धि है। ‘शब्दाक्षर’ बिहार इकाई के प्रदेश अध्यक्ष श्री मनोज कुमार मिश्र, संजय कुमार मिश्र अणु, अमरेश कुमार पाण्डेय, विनय मामूली बुद्धि, कन्हैया लाल मेहरवार, गणपति मिश्र सहित सभी अधिकारियों तथा सदस्यों ने इस विशिष्ट साहित्यिक आयोजन पर प्रसन्नता जताई है।

RELATED ARTICLES

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

- Advertisment -

Most Popular

Recent Comments