देशपत्र डेस्क- रांची। ब्लॉक- II, बाघमारा, धनबाद में नवनिर्मित 5.0 एमटीपीए, मधुबंद एनएलडब्ल्यू कोल वाशरी, बीसीसीएल का उद्घाटन कोयला, खान और संसदीय कार्य मंत्री प्रह्लाद जोशी द्वारा गुरुवार को किया गया।
इससे संबंधित हेवी इंजीनियरिंग कॉर्पोरेशन लिमिटेड द्वारा संपूर्ण विस्तृत डिजाइन और इंजीनियरिंग, संयंत्र व मशीनरी की खरीद और संयंत्र के निर्माण पर्यवेक्षण का कार्य किया गया है। भारत में पहली बार इस्तेमाल की जा रही पांच चरण की वाशिंग तकनीक के लिए मेसर्स शेंक प्रोसेस, जर्मनी प्रौद्योगिकी प्रदाता था।
परियोजना की लागत 262.99 करोड़ है। यह अत्याधुनिक तकनीक से लैस है। जिसमें पांच चरण के कोल वाशिंग सर्किट शामिल हैं, जिसमें साइजिंग स्क्रीन, डेंस-मीडिया साइक्लोन, साइक्लोन क्लासिफायर, टीटर बेड सेपरेटर, फ्रॉथ फ्लोटेशन सेल और डीवाटरिंग यूनिट थिकनर और प्रेस फिल्टर जैसे उपकरण शामिल हैं।
तीन उत्पाद प्रणाली को स्वच्छ कोयले के उत्पादन के लिए डिज़ाइन किया गया है। जिसमें राख की मात्रा 18 प्रतिशत से कम है। इसमें धुले हुए कोयले (पावर) और रिजेक्ट हैं। कंपनी के मुताबिक स्वच्छ कोयले और धुले कोयले (बिजली) का उत्पादन क्रमशः भारत के इस्पात क्षेत्र और बिजली क्षेत्र की कोयले की आवश्यकता को पूरा करेगा। जिससे आयातित कोयले पर देश की निर्भरता कम होगी और “आत्मनिर्भर भारत” के दृष्टिकोण को बढ़ावा मिलेगा।
बीसीसीएल और एचईसी के शीर्ष प्रबंधन के निरंतर सहयोग से एचईसी के इंजीनियरों की टीम ने राष्ट्रीय महत्व की इस परियोजना को पूरा किया है। डॉ. राणा एस चक्रवर्ती, निदेशक (विपणन एवं उत्पादन) ने एचईसी टीम को बधाई दी। जिन्होंने इस भव्य सफलता को प्राप्त करने के लिए अपने लक्षित प्रयासों के साथ लगातार पूरे जोश और उत्साह के साथ काम किया है। डॉ.राणा चक्रवर्ती के अनुसार एचईसी की पूरी टीम उत्पादन बढ़ाने और समय पर उपकरणों की आपूर्ति करने की दिशा में सतत प्रयासरत है। इसमें कर्मियों का पूरा सहयोग प्राप्त हो रहा है।
एचईसी की उपलब्धि में जुड़ा एक नया आयाम, बीसीसीएल को किया उपकरणों की आपूर्ति
5.0 एमटीपीए कोल वाशरी का उद्घाटन