Sunday, May 12, 2024
HomeBIHARस्वच्छता के अग्रदूत थे "बिंदेश्वरी पाठक":-अनंत धीश अमन

स्वच्छता के अग्रदूत थे “बिंदेश्वरी पाठक”:-अनंत धीश अमन

गया । व्यक्ति का व्यक्तित्व उसके कर्मों के द्वारा सिंचित होता है आज इस कङी में हम ऐसे व्यक्ति के बारे में उल्लेख करने जा रहे है जिसका व्यक्तित्व इतना बङा है कि जिनके कर्मो का फल विश्व के खास जन से आम जन तक उसका लाभ ले रहे है और स्वच्छता का आनंद उठा पा रहे है, सुलभ इंटरनेशनल के संस्थापक डॉ बिन्देश्वरी पाठक जी का जन्म भारत के बिहार प्रान्त के रामपुर 02 अप्रैल 1943 में हुआ। समाज शास्त्र विषय में उन्होंने स्नातक किया। वर्ष 1970 में उन्होंने सुलभ शौचालय संस्थान की स्थापना की। बिहार से यह अभियान शुरू होकर बंगाल तक पहुंच गया।कुछ हीं वर्षां में सुलभ भारत ही नहीं विदेशों तक का यात्रा कर लिया। सन, 1980 में इस संस्था का नाम सुलभ इण्टरनेशनल सोशल सर्विस आर्गनाइजेशन हो गया। सुलभ को लिए अन्तर्राष्ट्रीय गौरव उस समय प्राप्त हुआ जब संयुक्त राष्ट्र संघ की आर्थिक एवं सामाजिक परिषद द्वारा सुलभ इण्टरनेशनल को विशेष सलाहकार का दर्जा प्रदान किया गया। सुलभ इंटरनेशनल सोशल सर्विस आर्गेनाइजेशन भारत हीं नही अपितु विश्व की प्रथम संस्था है, जिसने भारत हीं नहीं अपितु विश्व में स्वच्छता की क्रांति लाई और आमजन से लेकर खास लोगों तक सेवा प्रदान करने का भार उठाया। रिक्शा चालक, मेहनत मजदूरी करनेवालों से लेकर हवाई यात्रा करने वालों तक को अपना सेवा प्रदान कर रहा है जो उल्लेखनीय है और समाज के लिए विचारणीय योग्य है। डाॅ. बिंदश्वरी पाठक से दो तीन हीं मुलाकात हुई जितने उनके कार्य सुलभ है उससे ज्यादा उनका व्यक्तित्व और व्यवहार का आचरण सुलभ था। ऐसे व्यक्तिव जिन्हें भारत सरकार द्वारा पद्म विभूषण से सम्मानित किया गया उस व्यक्ति का हम सभी को स्वतंत्रता दिवस का छोङ जाना बहुत कुछ संदेश देता है, कृती से संस्कृति के वह एक अद्भुत नायक थे।

RELATED ARTICLES

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

- Advertisment -

Most Popular

Recent Comments