देशपत्र डेस्क
रांची। झारखंड सरकार के ग्रामीण विकास विभाग के अंतर्गत जोहार परियोजना द्वारा संचालित फार्मर प्रोड्यूसर कंपनियों के व्यवसाय को गति देने के लिए झारखंड में कार्यरत (इनपुट-आउटपुट) कंपनियों के एक दिवसीय कार्यशाला का आयोजन विश्वा सभागार (कांके रोड) में किया गया। कार्यक्रम का आयोजन जेएसएलपीएस जोहार और सिनर्जी प्राइवेट लिमिटेड के संयुक्त सहयोग से किया गया। कार्यक्रम का मुख्य उद्देश्य एपीओ से जुड़े किसानों के उत्पाद को बाजार की उपलब्धता सुनिश्चित कराना है। साथ ही साथ उनके आय वृद्धि करने का लक्ष्य रखा गया। कार्यक्रम में 25 इनपुट और आउटपुट कंपनियों के राज्य स्तरीय पदाधिकारियों ने भाग लिया। कार्यक्रम का शुभारंभ मैनेजिंग डायरेक्टर सुनील कुमार द्वारा किया गया। इस अवसर पर उन्होंने कार्यक्रम की रूपरेखा, कार्यक्रम के उद्देश्य और प्रभाव के संबंध में लोगों की जानकारी दी। कार्यक्रम में मुख्य परिचालन पदाधिकारी विष्णु परिदा ने कहा कि नए प्रोडक्ट मार्केटिंग स्ट्रेटजी और ब्रांडिंग की मदद से ही ग्रामीण किसानों की आय में वृद्धि संभव है। उन्होंने कहा कि ग्रामीण उत्पाद की ब्रांडिंग सही से नही हो पा रही है, इसलिए किसानों को उनके उत्पाद का मूल्य नहीं मिल रहा है। कार्यशाला में भाग लेने आए विभिन्न प्राइवेट कंपनियों, किसान उत्पादक संगठनों के प्रतिनिधियों का स्वागत करते हुए श्री परीदा ने कहा कि इस वर्कशॉप का लाभ प्रतिभागियों को मिलेगा। कार्यशाला में जोहार परियोजना के राज्य प्रमुख अमित बर्मन ने आजीविका का जिक्र करते हुए कहा कि सखी मंडल के जरिए ग्रामीण महिलाएं आर्थिक और सामाजिक तौर पर सशक्त तो हो रही है, लेकिन आय वृद्धि और उनके जरिए उत्पादित कृषि उत्पाद का बड़ा बाजार मुहैया कराना अति आवश्यक है। उन्होंने कृषि उत्पाद को राष्ट्रीय बाजार तक पहुंचाने के लिए अपने महत्वपूर्ण सुझाव दिए। उन्होंने मार्केटिंग की जरूरत, किसानों द्वारा उत्पादित सामानों को भी प्रसारित करने पर बल दिया। कार्यशाला में उपस्थित प्रतिनिधियों से झारखंड के विकास के लिए साथ मिलकर काम करने पर बल दिया। कार्यशाला में पूरे राज्य के 17 जिलों के 68 प्रखंड के 20 किसान उत्पादक संगठन के प्रतिनिधियों के अलावा देहात मदर डेयरी, रिलायंस रिटेल जैसी एग्री आउटपुट इस्को कावेरी स्टेट, वेयर क्रॉप साइंस इंडिया लिमिटेड ने भाग लिया। इंटरएक्टिव सेशन ऑडिशन के जरिए इनपुट कंपनियां अपने कार्य प्रणाली के साथ-साथ बाजार व्यवस्था पर बल दिया। रांची बाजार समिति के सचिव उत्तम कुमार ने ई नाम से एफपीओ को जोड़ने पर विस्तृत जानकारी दी। जोहार प्रोजेक्ट के राज्यस्तरीय प्रमुख अनूप वर्मा ने कहा कि कैडर को तकनीकी रूप से प्रशिक्षित कर किसानों को नई तकनीक पहुंचाना होगा ताकि किसानों का उत्पादन बढ़े। साथ ही साथ किसान अपने आय में वृद्धि कर सकें। कार्यक्रम के अंत में सैनर्जी टेक्नोफिन प्राइवेट लिमिटेड के मैनेजिंग डायरेक्टर सुनील कुमार ने सभी प्रतिभागियों को धन्यवाद दिया। साथ ही साथ उन्होंने उम्मीद व्यक्त किया कि कार्यशाला एपीओ के लिए मील का पत्थर साबित होगी। कार्यक्रम को सफल बनाने में सिनर्जी टेक्नोफिन के रीजनल हेड राकेश कुमार सिंह, मुरलीधर मुरारी ,राजीव कुमार ओझा और जोहार के मुकुल कुमार ने महत्वपूर्ण योगदान दिया