अयोध्या में आहुत प्रभु राम के बाल रूप मूर्ति के ‘प्राण प्रतिष्ठा’ कार्यक्रम के तहत आध्यात्मिक संस्था सागर भक्ति संगम के तत्वाधान में स्थानीय स्वर्ण जयंती पार्क में भव्य भजन का आयोजन हुआ। संगम के सदस्यों ने संयुक्त रूप से भगवान राम पर आधारित भजनों को प्रस्तुत किया। भजन और जय सियाराम , जय श्री राम के उद्घोष से पूरा परिसर भक्ति मय हो उठा। भजन और पूजन कार्यक्रम का शुभारंभ प्रभु राम के चित्र पर दीप प्रज्वलन और पुष्प अर्पित से हुआ। इस अवसर पर संगम के कई सदस्यों ने नाच गाकर प्रभु राम को प्रसन्न करने का प्रयास किया । वहीं संजय खत्री ने शंख बजाकर भजन कार्यक्रम में चार चांद लगा दिया। वहीं लोगों के बीच प्रसाद स्वरूप मिठाइयां बांटी गईं।
इस अवसर पर शिक्षाविद के.सी. मेहरोत्रा ने कहा कि अयोध्या में भगवान राम की जन्म भूमि पर लगभग पांच सौ वर्ष बाद प्रभु राम के बाल रूप की मूर्ति का प्राण प्रतिष्ठा किया जाना, एक ऐतिहासिक आयोजन है । यह आयोजन सदियों तक याद किया जाता रहेगा। यह आयोजन भारत के सांस्कृतिक पुनर्जागरण का परिचायक है।
संगम के संयोजक विजय केसरी ने कहा कि भारत की आजादी के जश्न के बाद यह दूसरा ऐसा अवसर है, जब प्रभु राम के प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम पर संपूर्ण देश आपसी भेदभावों को भुलाकर समवेत उत्सव मना रहे हैं। यह राष्ट्रव्यापी आयोजन अपने आप में अभूतपुर्व और कभी ना भूलने वाला है। प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम ने संपूर्ण देशवासियों को एक सूत्र में बांधकर रख दिया है।
नन वक्ताओं के अलावा शंभू शरण सिन्हा,सतीश होर्रा, मनीष होर्रा, संजय खत्री,सुरेंद्र कुमार गुप्ता, जयप्रकाश गुप्ता, वीरेंद्र जायसवाल, अशोक प्रसाद, अखिलेश सिंह, अजीत प्रसाद,प्रकाश विश्वकर्मा, कृष्ण गुप्ता, सीता देवी, सनी कुमार, सुरेश मिस्त्री, उमेश केसरी, अर्जुन प्रसाद आदि ने भी अपने-अपने विचार रखें।