Sunday, May 5, 2024
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सरला बिरला पब्लिक स्कूल में ग्रैंड पैरेंट्स डे-वात्सल्यम

हेसाग स्थित वृद्धाश्रम ‘अपना घर‘, प्रेम नगर, उर्सुलाइन कॉन्वेंट, सिंह मोड़, लटमा रोड, हेसाग, रांची के विशेष अतिथियों को सादर आमंत्रित किया गया था।

सरला बिरला पब्लिक स्कूल के नर्सरी तथा केजी-1 के बच्चों ने ग्रैंड पैरेंट्स डे-वात्सल्यम मनाया। इस अवसर पर बड़ी संख्या में दादा-दादी एवं गणमान्य अतिथि उपस्थित हुए। सस्टेनेबल डेवलपमेंट पर आधारित इस कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रुप में प्रो. डॉ. तपन कुमार शांडिल्य, कुलपति, डॉ. श्यामा प्रसाद मुखर्जी विश्वविद्यालय, रांची की गरिमामयी उपस्थिति रही। श्रीमती विभा सिंह, संस्थापक निदेशक, मेरे नन्हे कदम, रांची इस कार्यक्रम की विशिष्ट अतिथि थीं। इस अवसर पर हेसाग स्थित वृद्धाश्रम ‘अपना घर‘, प्रेम नगर, उर्सुलाइन कॉन्वेंट, सिंह मोड़, लटमा रोड, हेसाग, रांची के विशेष अतिथियों को सादर आमंत्रित किया गया था। समारोह की शुरुआत गणमान्य व्यक्तियों द्वारा दीप प्रज्ज्वलन के साथ हुई और उसके बाद स्वागत गीत प्रस्तुत किया गया। केजी-प् और नर्सरी के नन्हे-मुन्नों ने ‘सस्टनेबल डेवलपमेंट गोल‘ विषय पर आधारित अपने प्रदर्शन से माहौल को खुशनुमा बना दिया। केजी-1 ए के नन्हे-मुन्ने बच्चों ने एसडीजी -15 ‘लाइफ ऑन लैंड‘ पर मनमोहक नृत्य ‘ग्रीन कंजर्वर्स‘ पेश किया। केजी-1 बी के छात्रों ने ‘ऑल लाईफ मैटर्स‘ विषय पर शानदार नृत्य ‘रिदमिक वर्ल्ड‘ से दर्शकों को मंत्रमुग्ध कर दिया। केजी-1 सी ने पर्यावरण की रक्षा और संरक्षण की कोशिश करते हुए, पृथ्वी के रक्षक के रूप में अभिनय करते हुए अपने प्रदर्शन ‘कॉनकॉर्डिया‘ के साथ मंच पर धूम मचा दी। नर्सरी के बच्चे अपने नृत्य प्रदर्शन ‘ब्लू सफायर्स‘ के साथ आए, जिसमें बच्चों ने एसडीजी 14 ‘लाईफ बिलो वाटर‘ पर ध्यान केंद्रित करते हुए समुद्री दुनिया की जादुई यात्रा प्रस्तुत की। छात्रों ने अपने नृत्य प्रदर्शन से दर्शकों को मंत्रमुग्ध कर दिया तथा ‘कृष्ण लीला‘ प्रस्तुत की। इस कार्यक्रम ने जन्माष्टमी को मंच पर साकार कर दिया। दादा-दादी अपने पोते-पोतियों के आकर्षक कार्यक्रम देखकर अभिभूत हो गए।
मुख्य अतिथि प्रो. डॉ. तपन कुमार शांडिल्य ने शिक्षण की आधुनिक और प्राचीन पद्धतियों को आपस में जोड़ने के स्कूल के प्रयासों की सराहना की, जो छात्रों को वर्तमान युग की शैक्षिक और रोजगारोन्मुख मांगों को पूरा करने में सक्षम बनाता है। इसके अलावा उन्होंने अरस्तू, प्लेटो, चाणक्य, स्वामी विवेकानंद और गांधी जी जैसे महान दार्शनिकों के उदाहरण देकर कहा कि बच्चों के समग्र विकास में इनके विचारों का महत्वपूर्ण स्थान है।
विद्यालय के कार्मिक एवं प्रशासनिक प्रमुख डॉ. प्रदीप वर्मा ने ऐसे प्रासंगिक विषयों पर हर साल इस कार्यक्रम के संचालन के लिए छात्रों, अभिभावकों और शिक्षकों के प्रयासों की सराहना की।
प्राचार्या श्रीमती परमजीत कौर ने कहा कि बच्चों को जड़ों से जोड़ने के लिए सबसे जरूरी है कि वे अपने दादा-दादी, नाना-नानी से जुड़े रहें। दादा-दादी उन्हें महान नेताओं की कहानियाँ सुनाते हैं जो उनके लिए प्रेरणा स्रोत का काम करती हैं। उन्होंने कहा कि यह समय एक्स्पीरिएंसल लर्निंग का युग है और इस तरह के कार्यक्रम बच्चों को रचनात्मक रूप से सोचना सिखाते हैं जो उनके सर्वांगीण विकास में सहायक है।

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