Sunday, April 28, 2024
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झारखंड बजट 2024: सभी वर्ग के लोगों को राहत देने वाला बजट

बजट के प्रावधानों से ज्ञात होता है कि झारखंड सरकार ने बजट बनाते समय आगामी लोकसभा और विधानसभा के चुनाव को ध्यान में रख ही इस बजट को अंतिम रूप दिया दिया है।

झारखंड सरकार के वित्त मंत्री रामेश्वर उरांव ने आज विधानसभा के पटल पर वर्ष 2024 – 25 का बजट प्रस्तुत किया है। यह उनका वित्त मंत्री के रूप में पांचवा बजट रहा। जबकि मुख्यमंत्री चंपई सोरेन का यह पहला बजट कहा जा सकता है। इस बजट के पश्चात जब यह सरकार चुनकर दोबारा आएगी, तभी 2025 – 26‌ का बजट प्रस्तुत कर पाएगी । अर्थात मुख्यमंत्री चंपई सोरेन और वित्त मंत्री रामेश्वर उरांव दोनों का अपने अपने कार्यकाल का अंतिम बजट कहा जा सकता है । बजट के प्रावधानों के अध्ययन से प्रतीत होता है कि यह बजट प्रांत के सभी वर्गों के लोगों को राहत देने वाला है। यह बजट किसानों, गरीबों, मध्यम वर्गीय उपभोक्ताओं और छोटे व्यापारियों को राहत पहुंचाने वाला बजट है।
बजट के प्रावधानों से ज्ञात होता है कि झारखंड सरकार ने बजट बनाते समय आगामी लोकसभा और विधानसभा के चुनाव को ध्यान में रख ही इस बजट को अंतिम रूप दिया दिया है।बजट के प्रावधान जिस रुप में प्रस्तुत हुए हैं, उस आधार पर विकास दर लगभग 8% रहने की संभावना है। अगर इस प्रांत का विकास वर्ष 2024 – 25 में आठ प्रतिशत रह जाता है, तब यह इस प्रांत के लिए बड़ी बात होगी। मुख्यमंत्री चंपई सोरेन जल, जंगल और जमीन की बात करते हैं। प्रस्तुत बजट में जल, जंगल और जमीन को ध्यान में रखकर तैयार किया गया है। इन तीनों क्षेत्रों के विकास के लिए प्रांत के मुख्यमंत्री चंपई सोरेन कृत संकल्पित हैं। उनके पास झारखंड में विकास के लिए मात्र 10 से 11 महीने शेष हैं। वे इतने ही समय में सारी योजनाओं को जमीन पर उतारना चाहते हैं । इस बात की झलक बजट में मिलती है।
वित्त मंत्री रामेश्वर उरांव ने वर्ष 2024 – 25 के लिए 1, 28,900 रुपयों का बजट सदन में प्रस्तुत किया है। राज्य सरकार को कर राजस्व से 34 हजार 200 करोड़ , गैर कर राजस्व से 19 हजार 301, केंद्रीय सहायता से 16 हजार 961 करोड़ केंद्रीय करो में राज की हिस्सेदारी 40 हजार 338 करोड़, लोक ऋण से 18 हजार, उधार एवं अग्रिम वसूली से100 करोड़ प्राप्त होंगे । झारखंड सरकार ने बजट की अधिकतम राशि स्वयं ही उपार्जित करने का भी संकल्प लिया है। यह राज्य सरकार के लिए एक अच्छी खबर भी है कि वह खुद को अपने पैरों पर खड़ा करना चाहती है।
प्रस्तुत बजट के अनुसार झारखंड के छ: बड़े शहरों में पलाशा मार्ट निर्माण का प्रस्ताव दिया गया है । राज्य सरकार 2500 आंगनबाड़ी केंद्र के भवन का निर्माण करेगी । पेंशन मद में 1 हजार 447 करोड़ 17 लाख का बजट का प्रावधान किया गया है। 1 हजार 500 रूपए के मातृ कीट को 6 लाख लाभकारी के बीच वितरित करने का लक्ष्य रखा गया है । इस कीट में मच्छरदानी, जच्चा एवं बच्चा के लिए पोशाक, तेल, साबुन, बाल्टी, मग पर 90 करोड़ रुपए का प्रावधान किया गया है। यह पहली बार हुआ है कि आंगनबाड़ी भवन केंद्रों का इतनी संख्या में निर्माण किया जाना है। और इसे एक वर्ष के अंदर ही पूरा करना है। बजट ने गरीबी रेखा के नीचे रह रहे लोगों के खुशहाल बनाने अथवा मुख्य धारा में लाने के लिए कई अन्य उपायों की भी घोषणा की है। जिसमें गरीबी रेखा के नीचे रह रहे लोगों के लिए यह बड़ी राहत देने वाली बात साबित होगी। गर्भवती महिलाओं के प्रसव बाद जच्चा और बच्चा के ऊपर होने वाले खर्च सरकार खुद पर ले रही हैं । इससे गरीबी रेखा से नीचे रह रही मातृशक्ति को एक बड़ी राहत मिलेगी।
अबुआ आवास के लिए बजट में 4821 करोड़ का प्रावधान किया गया है।‌ पीएम फसल बीमा के लिए 50 करोड़ का बजट में प्रावधान किया गया है । राज्य में चार डिग्री और चार महिला कॉलेज खोले जाएंगे।‌ इस साल कृषि विभाग के पास कुल बजट 4606 करोड़ रूपए का है। प्रधानमंत्री आवास योजना के अंतर्गत झारखंड ब्रांच में बीते नो वर्षों के दौरान काफ़ी संख्या में मकान बने हैं । इसके बावजूद झारखंड में गरीबी रेखा की नीचे जीवन बसर कर रहे लोगों के पास छत की बहुत कमी है।‌ आज भी इस प्रांत के करोड़ों लोग मिट्टी और खपरैल के मकान में जीवन गुजारने को मजबूर हैं।‌ वही बरसात के दिनों में इन सब का जीवन और भी कष्ट कारक बन जाता है ।ऐसे में अबुआ आवास के लिए बजट में 4831 करोड़ रुपया का प्रावधान किया जाना, निश्चित रूप में गरीबी रेखा के नीचे रह रहे लोगों को एक बड़ी रहने वाली खबर है।
मुख्यमंत्री पशुधन कि लिए बजट में जो दो सौ करोड़ रुपए का प्रस्ताव रखा गया है। भवन निर्माण के लिए 203 करोड़ रुपए से अधिक का प्रस्ताव किया गया है । गंगा की सहायक नदी दामोदर को नमामि गंगे योजना में शामिल किया गया है । सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट के लिए 310 करोड़ 11 लाख रुपए का प्रावधान किया गया है। रामगढ़ में एसटीपी का निर्माण शुरु हो गया है।‌ जिसे मार्च 20 26 तक पूरा करने का लक्ष्य रखा गया है। स्थापना मद में 38 प्रतिशत राशि खर्च की जाएगी । दुमका और बोकारो एयरपोर्ट से जल्द हवाई सेवा शुरू की जाएगी। इसके लिए बजट में 112 करोड़ 93 लाख का प्रस्ताव किया गया है। राज्य में पूंजी निवेश बढ़ाने के लिए नई औद्योगिक नीति बनी है। औधौगिक विकास के लिए 435 करोड़ रुपये का प्रस्ताव किया गया है। दुमका और बोकारो, झारखंड के पुराने जिलों में एक हैं। आजादी के बाद से अब तक ये दोनों ज़िले बिछड़े ही रहे हैं ‌। बोकारो एक औद्योगिक नगरी रूप में विकसित जरुर हुआ , लेकिन हवाई सेवा नहीं रहने के कारण इसका विकास दर बहुत नीचे चला गया। इन दोनो जिलों से हवाई सेवा शुरु होना अपने आप में एक बड़ी बात लगती है । इन दोनो जिलों में हवाई सेवा सो होने से जिले के औधौगिक विकास में एक गति मिल पाएगी।
यह बजट राज्य के औद्योगिक विकास को एक गति प्रदान करने वाला है। झारखंड निर्माण के 23 वर्ष बीत जाने के बाद भी खनिज संपदा से लदे इस प्रांत का औधौगिक विकास नहीं हो पाया है । उम्मीद है बजट के प्रावधानों से राज्य में औद्योगिक विकास विकास की गति तेज हो। झारखंड सरकार ने विधानसभा में जो घोषणा की है कि झारखंड के औद्योगिक विकास के लिए एक नई औद्योगिक नीति बनी है। औद्योगिक विकास के लिए झारखंड सरकार ने 435 करोड़ का प्रावधान किया है। यह रकम छोटी जरुर है, लेकिन मिल का पत्थर साबित होगी। झारखंड के उद्यमियों एवं व्यवसायों की एक लंबित मांग थी कि झारखंड में एक नई औद्योगिक नीति बने । यह नई औद्योगिक नीति झारखंड के रूके औद्योगिक विकास को एक नई गति प्रदान कर सके।
बजट के प्रधान का अनुसार झारखंड सरकार ने 20,000 करोड़ रुपए से अधिक निवेश करेगी । इससे लगभग एक लाख लोगों के रोजगार मिल पाएगा। निश्चित तौर पर इतने नियोजन से झारखंड के बेरोजगारों को बहुत राहत मिल पाएगी। झारखंड से जो हर साल मजदूरों पलायन अन्य प्रांतों में हो रहा है, वह अब कम होगा।‌ यह इस प्रांत के लिए एक बड़ी अच्छी खबर होगी । वहीं 19 लाख से ज्यादा लोगों को एक सौ यूनिट यूनिट मुफ्त बिजली का लाभ रहा है। अब हर महीने 125 यूनिट बिजली मुफ्त दी जाएगी। गरीबी रेखा के नीचे रह रहे लोगों के लिए यह घोषणा बड़ी रहा देने वाली बात है।
वित्त मंत्री रामेश्वर उरांव का यह पांचवा बजट बीते चार बजटों की तुलना में सबसे शानदार बजट कहा जा सकता है। इस बजट में समाज के सभी वर्ग के लोगों के हितों को ध्यान में रखकर बनाया गया है। गरीबी रेखा के नीचे रह रहे लोगों के लिए अबुआ आवास, बेहतर स्वास्थ्य , शिक्षा की व्यवस्था की गई है ।‌आंगनबाड़ी योजना से जुड़े लोगों की हितों को भी ध्यान रखा गया है। किसानों के हित को भी ध्यान में रखा गया है। झारखंड के कई जिलों को बेहतर बनाने का भी लक्ष्य निर्धारित किया गया है। नई औद्योगिक नीति बनाकर राज्य सरकार में राज्य में औद्योगिक विकास की गति को तेज करना चाहती है। इसके साथ ही सरकार बुनियादी सुविधाओं को भी ध्यान में रखी है।किसानों और मजदूरों की हितों को भी ध्यान रखा गया है । अर्थात इस बजट से समाज के सभी वर्गों के लोगों को राहत मिलेगी।

Vijay Keshari
Vijay Kesharihttp://www.deshpatra.com
हज़ारीबाग़ के निवासी विजय केसरी की पहचान एक प्रतिष्ठित कथाकार / स्तंभकार के रूप में है। समाजसेवा के साथ साथ साहित्यिक योगदान और अपनी समीक्षात्मक पत्रकारिता के लिए भी जाने जाते हैं।
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