Thursday, May 9, 2024
HomeBIHARअटल पुस्तकालय हिन्दी शोध संस्थान गया के तरफ से बनाया गया राष्ट्रीय...

अटल पुस्तकालय हिन्दी शोध संस्थान गया के तरफ से बनाया गया राष्ट्रीय युवा दिवस

गया । शहर में स्थित धर्मसभा में भारत के युग पर्वतक स्वामी विवेकानंद जी का 161वीं जन्मदिवस के अवसर पर राष्ट्रीय युवा दिवस मनाया गया। कार्यक्रम का शुरुआत गया नगर निगम के महापौर गणेश पासवान और गया नगर निगम के पूर्व उप महापौर मोहन श्रीवास्तव, अनंत धीश अमन, राजा आचार्य, डाॅ. वीरेन्द्र, प्रमोद भदानी, सच्चिदानन्द प्रेमी, डाॅ. सिम्बा, डाॅ. मनोज संयुक्त रुप से दीप प्रज्वालित कर और पुष्प अर्पित कर कार्यक्रम को आगाज किये। राष्ट्रीय युवा दिवस पर अटल पुस्तकालय हिंदी शोध संस्थान गया जी के द्वारा 21 वीं सदी का भारत विषय पर परिचर्चा कार्यक्रम रखा जिसमें शहर के विभिन्न क्षेत्रों के महान हस्ती अपने मंतव्य देकर युवायों को जागृत करने का कार्य किया। परिचर्चा के दौरान दक्षिण बिहार केन्द्रीय विश्वविद्यालय के समाजशास्त्र विभाग के सह प्राचार्य डॉ. आदित्य मोहंती ने कहा कि युवायों को ब्रहमचर्य धर्म आपना कर अपने मंजिल को आसानी से प्राप्त किया जा सकता हैं। शहर के जाने-माने साहित्यकार सच्चीदानंद प्रेमी उच्य-नीच के दौरान जस्ट डांस एकेडमी के बच्चों के तरफ से रंगारंग कार्यक्रम का प्रस्तुति दिया गया तथा गया शहर के शिक्षाविद् डॉ. एम. विजय कुमार शर्मा, साहित्यकार जगत से रामकृष्ण मिश्र चिकत्साविद् अभय शिम्भा, डॉ. बिरेंद्र यादव सर, समाजसेवी प्रमोद भदानी, मनीलाल बारीक एवं आध्यात्म जगत से राजा आचार्य जी, गिरी जी और कार्यक्रम के संयोजक अनंतधीश अमन मंचसंचालन कर कार्यक्रम को सफल बनाया। वहीं अनंतधीश अमन ने स्वामी विवेकानंद की जीवनी पर प्रकाश डालते हुए कहा कि युवाओं को स्वामी विवेकानंद के सार्थक जीवन, महान व्यक्तित्व तथा कार्यों से प्रेरणा लेने कहा। स्वामी जी को युवाओं का प्रेरणा स्त्रोत बताते हुए संघर्ष जितना कठिन होगा जीत उतनी शानदार होगा। भारतीय संस्कृति के संदेशवाहक है। इनके आदर्श को अपनाने की आवश्यकता है। उन्होंने कहा की 21 सदीं का भारत युवाओं के हाथों में है। मौके पर पियुष कुमार, धर्मधीश एरोज, कुमार सौरभ मूर्ति के साथ सैंकडों लोगों की उपस्थिति रहा।

RELATED ARTICLES

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

- Advertisment -

Most Popular

Recent Comments