Sunday, April 28, 2024
HomeDESHPATRAसंकल्पों से पूरे होंगे, नववर्ष के सपने

संकल्पों से पूरे होंगे, नववर्ष के सपने

1 जनवरी, 2024 नव वर्ष में प्रवेश पर विशेष

नव वर्ष की शुरुआत एक नई ऊर्जा और एक नए संकल्प के साथ कीजिए, फिर देखिए, जीवन की दिशा और दशा ही बदल जाएगी। वर्तमान में जीने के संकल्प का संकल्प लीजिए। नूतन वर्ष 2024 हम सबों के समक्ष एक अवसर के रूप में उपस्थित हुआ है। इस नूतन वर्ष में एक नई ऊर्जा, उत्साह और उमंग के साथ जीवन जीने का संकल्प लेना चाहिए। आपकी सोच सदा सकारात्मक होनी चाहिए। सकारात्मक सोच ही आपके जीवन की दिशा और दशा बदल सकती है। नकारात्मक सोच से सदा स्वयं को दूर रखें। आपकी उर्जा और उत्साह, आपसे दूर नहीं है बल्कि ये दोनों अव्यक्त शक्तियां आपके अंदर ही विद्यमान है। बस ! जरूरत है, उस सोच को पैदा करने की, जिसके पैदा होते ही ऊर्जा और उमंग उत्पन्न हो जाते हैं। नव वर्ष से यह विशेष रुप से ध्यान रखें कि नकारात्मक विचारों को मस्तिष्क में आने नहीं दीजिए। आपके दृढ़ संकल्प से ही नव वर्ष के सपने पूरे होंगे।
दैनिक जीवन में हम सबों का व्यवहार सहज, सरल और मृदुभाषी होना चाहिए। नूतन वर्ष पर यह विशेष रूप से ध्यान रहे कि जीवन में दुःख आए तो घबराएं नहीं और सुख में ज्यादा इतराएं नहीं। एक गीतकार ने कितना सही लिखा है कि ‘ना सर उठा के जियो ,ना सर झुका के जियो, गमों का दौर आए तो मुस्कुरा के जियो । सच पूछा जाए तो संघर्ष से ही व्यक्तित्व का निर्माण होता है। जितने भी महापुरुष हुए, सबों के जीवन में भारी संकट रहे थे। महापुरुषों ने इन संकटों के बीच रहकर अपने व्यक्तित्व का विकास किया था। इसलिए महापुरुष हजारों साल बीत जाने के बाद भी पूजे जाते हैं।
नव वर्ष पर अपनी चर्चा को आगे बढ़ाऊं इससे पहले सभी देशवासियों व विश्वासियों को नए साल की बधाई देता हूं। साथ ही ईश्वर से कामना करता हूं कि सबों का जीवन सुखमय हो, सभी निरोग हों, सभी दीर्घायु हों। सभी के घरों में सुख, समृद्धि और शांति का वास हो। नए साल में प्रवेश के प्रथम दिन की बात ही बड़ी निराली होती है। लोग इस दिन का इंतजार पिछले दो-तीन महीने से करते हैं। लोग नए साल का जश्न बड़े ही धूमधाम के साथ मनाते हैं। नए साल का सभी लोगों के जीवन में बड़ा महत्व होता है। कई लोग आज के इस महत्वपूर्ण दिन को खुद को एक नए संकल्प के साथ जोड़कर जीवन की शुरुआत करते हैं।
संकल्प का किसी के भी जीवन के विकास में बड़ा योगदान होता है। संकल्प लोगों के जीवन में एक नई ऊर्जा प्रदान करता है। जितने भी महापुरुष हुए, उन सबों के जीवन का अध्ययन कर देखा जाए तो उन सबों का संपूर्ण जीवन संकल्प से बंधा हुआ था। अगर उनके जीवन संकल्पों से बंधे नहीं होते तो शायद वे इतने महान कार्य कर नहीं पाते। संत तुलसीदास जिन्होंने रामचरितमानस की रचना की थी। उनके जीवन पर गौर करें। वे पत्नी के प्रेम में घनघोर बारिश में उनसे मिलने के लिए चले गए थे।। पत्नी से मिलने के क्रम में रास्ते में कितनी रुकावटें आई, इसकी परवाह किए बिना वे पत्नी से मिले थे।। उनकी अर्धांगिनी संत तुलसीदास की आतुरता देखकर आश्चर्यचकित हो गई थी।। तब उन्होंने अपने पति से कहा था कि जिस हाड़ मांस के शरीर से आप इतना प्रेम करते हैं। यह तो सिर्फ खून और मज्जा से बना हुआ है। अगर आप सच्चे मन से परमपिता परमेश्वर से प्रेम करते तो आपके जीवन की दिशा और दशा ही बदल जाती। यह बात संत तुलसीदास के मन मस्तिष्क को एक नई चेतना पैदा कर दी थी। वे कई दिनों तक अपनी पत्नी की कही बातों पर विचार करते रहे थें। तब वे एक संकल्प के साथ गुरु राम दास के चरणों पर गिर पड़े थे। गुरु के आदेश के बाद वे राम भक्ति में लीन हो गए । भगवान राम की भक्ति से प्रेरणा पाकर उन्होंने रामचरित् मानस जैसे महाकाव्य की रचना की थी। अब संत तुलसीदास के जीवन पर एक बार फिर से विचार करें । अगर वे पत्नी के ही प्रेम में लीन रहते तब क्या इतने महान काम कर सकते थे ? पत्नी की बातों से प्रेरणा पाकर, उनसे सबक लेकर उन्होंने अपने जीवन को एक नए संकल्प के साथ बांधा और एक असाधारण काम कर लिया था। समय के साथ संत तुलसीदास जी मृत्यु को प्राप्त हो गए। किंतु आज विश्व भर में रामचरितमानस की चर्चा और पाठन होती है। वे अपनी कृति के माध्यम से सदा सदा के लिए अमर हो गए।
आज 2024 का पहला दिन है। यह बहुत ही बेहतर अवसर है, हम सब के जीवन के लिए। आप अब तक जितने साल भी इस धरा पर जीवन के जी चुके हैं। उस पर गौर करें। आप कौन हैं? क्या करना चाहते हैं? आपके जीवन का उद्देश्य क्या है? आप क्या बनना चाहते हैं? थोड़ा रुक कर शांत मन से विचार करें। इसका उत्तर आपके ही मन मस्तिष्क में कहीं छुपा हुआ है। आप अपने जीवन को किस दिशा पर ले जाना चाहते हैं ? यह विचार आपको ही करना है। जीवन में रुकावट कहां और क्यों हो रही है ? इस पर भी विचार करने की जरूरत है। अब तक के जीवन शैली से प्रेरणा लेकर, हुई गलतियों से सीख लेकर एक नए संकल्प के साथ जीवन की शुरुआत करनी है। निश्चित ही जीवन को एक नई दिशा मिल जाएगी और सफलता भी मिलेगी। इस तरह इस दुनिया में ऐसे कई लोग हुए जिन्होंने अपनी असफलताओं से बहुत कुछ सीखा। वे अपनी गलतियों से भी बहुत कुछ सीखा और स्वयं को एक नए संकल्प के साथ बांधकर बुलंदियों को छुआ।
करोड़ों लोग आज के इस शुभ अवसर पर मौज मस्ती में ही जीवन को बिता देते हैं। मैं यह नहीं कहता कि जीवन में मौज मस्ती ना हो। मौज मस्ती भी करें । इसकी कतई मनाही नहीं है। सवाल यह उठता है कि हम मौज मस्ती से भी कुछ सीखें। मौज-मस्ती व आनंद के लिए ही हम सब यह करते हैं। आपके जीवन में यह आनंद हमेशा रहे । इस पर गंभीरता से विचार करने की जरूरत है। आज दुनिया भर के अधिकांश लोगों के अंदर की खुशी खत्म सी हो गई है। इसका सबसे बड़ा कारण मनुष्य ही है। हम सबों ने बाहरी जीवन को ही सब कुछ मान लिया है। कृत्रिम हंसी चेहरे पर आ गई है। अंदर की हंसी गायब हो गई है। तब भला सच्ची शांति कैसे मिल सकती है ? आज हमें यह संकल्प लेने की जरूरत है कि हमारे अंदर जो विचार है, वह उसी रूप में बाहर भी प्रकट हो। हम अंदर से ईमानदार रहेंगे, तभी बाहरी तौर पर ईमानदार होने के अधिकारी होंगे। बाहरी रूप से हम सब ईमानदार बने हुए हैं और अंदर से बेईमान है। यह बात लोग भले ही ना जाने लेकिन आपका मन इस बात को भलीभांति जानता है। तब भला आपके जीवन में शांति कहां से आ सकती है ? इसलिए जरूरी है कि खुद को उत्कृष्ट बनाए और दूसरे को भी उत्कृष्ट बनने के लिए प्रेरित करें। तभी एक बेहतर समाज का निर्माण हो सकता है। आज की बदली परिस्थिति में जहां चंहुओर वैमनस्यता, आपाधापी और हिंसा व्याप्त है। इससे मुक्ति का एक ही मार्ग है, खुद को उत्कृष्ट बनाए और दूसरे को उत्कृष्ट बनने के लिए प्रेरित करें।

Vijay Keshari
Vijay Kesharihttp://www.deshpatra.com
हज़ारीबाग़ के निवासी विजय केसरी की पहचान एक प्रतिष्ठित कथाकार / स्तंभकार के रूप में है। समाजसेवा के साथ साथ साहित्यिक योगदान और अपनी समीक्षात्मक पत्रकारिता के लिए भी जाने जाते हैं।
RELATED ARTICLES

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

- Advertisment -

Most Popular

Recent Comments