मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के चार वर्षों का कार्यकाल : शिक्षा में सुधार की व्यापक पहल

4000 से अधिक स्कूलों को आदर्श विद्यालय के रूप में विकसित करना सबसे महत्वपूर्ण रहा

मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के चार वर्षों का कार्यकाल : शिक्षा में सुधार की व्यापक पहल

मुख्यमंत्री हेमन्त सोरेन सरकार के चार वर्षों का कार्यकाल शिक्षा में सुधार को लेकर जाना जाएगा। विशेष रूप से स्कूली शिक्षा की गुणवत्ता सुनिश्चित करने को लेकर मुख्यमंत्री द्वारा उठाए गए कदम सराहनीय हैं। राज्य में पहली बार सीम स्कूल आफ एक्सीलेंस एवं आदर्श विद्यालयों के जरिए सरकारी स्कूलों में भी निजी विद्यालयों की तर्ज पर गुणवत्तापूर्ण शिक्षा मुहैया कराने के लिए आवश्यक सुविधाएं बहाल करने की पहल की गई। पूर्व में झारखंड अधिविध परिषद से मैट्रिक और इंटर की परीक्षा पास करने वाले छात्र अन्य बोर्ड के विद्यार्थियों से पिछड़ जाते थे। हेमन्त सरकार ने इसे गंभीरता से लेते हुए इन परीक्षाओं के पैटर्न में परिवर्तन किया तो इसका सकारात्मक परिणाम सामने आया। चार वर्षों के कालखंड में कोरोना के कारण स्कूलों के बंद होने से सरकारी स्कूलों के बच्चों की पढ़ाई भी प्रभावित हुई। इसके बावजूद मैट्रिक और इंटर की परीक्षा के परिणाम में कई कीर्तिमान बने।
राज्य सरकार ने उच्च शिक्षा में सुधार को लेकर प्रयास जारी रखा है।
हेमंत सोरेन की महत्वाकांक्षी योजनाओं में 4000 से अधिक स्कूलों को आदर्श विद्यालय के रूप में विकसित करना सबसे महत्वपूर्ण रहा। सूबे के 80 स्कूलों को सीम स्कूल आफ एक्सीलेंस के रूप में विकसित कर उन्हें सीबीएसई से संबद्धता दिलाई गई और वहां अंग्रेजी माध्यम से पढ़ाई शुरू की गई। इन स्कूलों में बेहतर आधारभूत संरचनाएं विकसित करने के साथ-साथ मूलभूत सुविधाएं मुहैया करने पर बल दिया गया। झारखंड अधिविद्य परिषद का चार वर्ष से अधिक समय के बाद पूरी तरह बोर्ड का गठन हुआ। बोर्ड के लिए विभिन्न श्रेणी में 11 सदस्यों की नियुक्ति भी की गई। राज्य सरकार ने स्कूली शिक्षा में सुधार, उच्च और तकनीकी शिक्षा की गुणवत्ता बढ़ाने के लिए ठोस पहल की है।
ब्रिटेन और आयरलैंड में उच्च शिक्षा के अवसर झारखंड के छात्रों को मुहैया कराए गए।
मरांग गोमके जयपाल सिंह मुंडा पारदेशीय छात्रवृत्ति तथा चेवनिंग मरांग गोमके जयपाल सिंह मुंडा छात्रवृत्ति योजना राज्य सरकार की महत्वपूर्ण योजनाओं में शामिल है।
इन योजनाओं के माध्यम से अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति और ओबीसी श्रेणी के प्रतिभावान व गरीब छात्रों को ब्रिटेन और आयरलैंड के विश्वविद्यालयों में उच्च शिक्षा के अवसर प्राप्त हुए। इनकी पढ़ाई का पूरा खर्च राज्य सरकार ने वहन करने का निर्णय लिया।
मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के प्रयासों का ही प्रतिफल है कि उनके चार वर्षों का कार्यकाल विशेष रूप से शिक्षा में सुधार को लेकर हमेशा जाना जाएगा।