अलकायदा माड्यूल कनेक्शन से झारखंड की धरती शर्मशार हुई 

खबरें भी आ रही हैं कि अलकायदा झारखंड में कोई बड़ी आतंकवादी घटना को अंजाम देने की फिराक में था।  यह इस प्रांत के लिए बेहद खेदजनक बात है।  

अलकायदा माड्यूल कनेक्शन से झारखंड की धरती शर्मशार हुई 

रांची के डॉक्टर इश्तियाक, हजारीबाग के व्यवसाई फैजान और लोहरदगा के अल्ताफ आदि के अलकायदा मॉड्यूल कनेक्शन  के  चलते  हुई गिरफ्तारी से झारखंड की पवित्र भूमि  शर्मशार  होकर रह गई है । ऐसी खबरें आ रही हैं कि बीते बीस  वर्षों से अधिक समय से मुस्लिम युवकों को इस्लाम के नाम पर  इस पवित्र भूमि को आतंकी संगठन से जोड़े जाने के कुत्सित प्रयास किये जा रहे हैं। झारखंड में हिंदू, मुस्लिम, सिख और ईसाई धर्मावलंबी वर्षों से मिलजुल कर रहते चले आ रहे हैं। मुस्लिम आतंकवादी संगठन झारखंड में पैर फैलाने के लिए कई हथकंडे अपनाते रहे हैं । लेकिन हर बार उन्हें नाकामी ही मिलती रही । इसके बावजूद कुछ ऐसे युवक उभर कर सामने आए हैं, जो इन  आतंकवादी संगठनों के चक्रव्यूह में जाने अनजाने  फंस गएं । इसके साथ  ही ऐसी खबरें भी आ रही हैं कि अलकायदा झारखंड में कोई बड़ी आतंकवादी घटना को अंजाम देने की फिराक में था।  यह इस प्रांत के लिए बेहद खेदजनक बात है।  
    इस पवित्र धरती की कोख  से भगवान बिरसा मुंडा, सिद्धू कान्हू, बाबूराम नारायण सिंह और जयपाल सिंह आदि जैसे महान स्वतंत्रता सेनानियों का जन्म हुआ था। इन सबों के त्याग और बलिदान पर झारखंड ही नहीं बल्कि संपूर्ण देश  गौरवा महसूस  करते हैं। झारखंड में निवास करने वाले विभिन्न धर्मो, जातियों, और वर्गों के लोगों ने मिलजुल कर स्वाधीनता आंदोलन में हिस्सा लिया था। देश की आजादी से पूर्व जब भारत का बंटवारा हुआ था, तब देश के अन्य राज्यों की तुलना में  झारखंड से सबसे कम संख्या में हमारे मुस्लिम भाई पाकिस्तान गए थे। बर्षों  से यहां विभिन्न धर्मावलंबियों के लोग एक दूसरे के पर्व त्योहार को बड़े ही उत्साह के साथ मनाते चले आ रहे हैं।  झारखंड की इस तहजीब को गंगा जमुनी के नाम से संबोधित किया जाता है।  ऐसे में आतंकवादियों के नेक्सस का जाल बिछाए जाने की खबरें झारखंड से आती हैं  तो स्वाभाविक है कि चिंता की लकीरें खींच जाती।
   रांची का एक डॉक्टर इश्तियाक अल-कायदा मॉड्यूल का लीडर निकला । सर्व विदित है कि डॉक्टर को  भगवान का दूसरा रूप कहा और माना जाता है। ‌ हमारा समाज डॉक्टरी के पेशे को एक पवित्र पेशे के  रूप में देखता है।  वहीं डॉक्टर इश्तियाक जैसे पढ़े लिखे युवक जो एक संभ्रांत घर से आते हैं। अच्छे फ्लैट में रहते हैं । अच्छे लोगों से मिलते जुलते हैं ।  इनका कनेक्शन अलकायदा जैसे खूंखार आतंकवादी संगठन से कैसे  हुआ ? वह  बीते कितने वर्षों से  अलकायदा माॉड्यूल के एक लीडर के रूप में काम कर रहा है ?  अब तक उसने झारखंड के किन-किन जिलों में  कितने युवकों को इस अलकायदा मॉड्यूल ल का सदस्य बनाया है ? गंभीरता से जांच होनी चाहिए । अभी अलकायदा माॉड्यूल संगठन में और कितने युवक  शामिल हैं ? इसकी भी जांच होनी चाहिए।  चूंकि  यह संगठन देश में आतंकवादी घटनाओं को अंजाम देखकर अस्थिर करना चाहता है। अलकायदा  माॉड्यूल देश में आतंकवादी घटनाओं को अंजाम देकर  इस्लामिक  राज्य कायम को करना चाहता  हैं। ऐसे आतंकवादी संगठनों को झारखंड सहित देश के किसी भी हिस्से में प्रश्रय करें नहीं मिलना चाहिए।  अंकुरण से पहले ही कुचल देना लाजमी है। 
  उत्तर प्रदेश, झारखंड, राजस्थान समेत देशभर में आतंक के नये माड्यूल पर एटीएस ने शिकंजा कसते हुए जब 16 ठिकानों पर छापामारी की तो उसमें रांची के बरियातू के जोड़ा तालाब निवासी डॉ इश्तियाक को गिरफ्तार किया गया।  डॉक्टर इश्तियाक को  पूरे माड्यूल का मास्टरमाइंड माना जा रहा है। इश्तियाक के अलावा हजारीबाग के व्यवसाई फैजान,  लोहरदगा के हिंजला निवासी अलताफ अंसारी को  पुलिस ने भिवंडी से गिरफ्तार किया।  वहीं एटीएस की टीम ने हजारीबाग के लोसिंघना थाना क्षेत्र के लोसिंघना चौक से मोहम्मद फैजान को गिरफ्तार किया है। गिरफ्तार संदिग्ध आतंकी मोहम्मद फैजान अहमद अलकायदा इंडियन सबकॉन्टिनेंट का सक्रिय सदस्य बताया जा रहा है। गिरफ्तार संदिग्ध का नाम फैजान अहमद है। मोहम्मद फैजान अहमद होलसेल का व्यापार हजारीबाग में करता है। अपनी पहचान छुपा कर आतंकी संगठन के लिए काम कर रहा था। इसके माता-पिता मंडई में रहते हैं और यह खुद लोहसिंघना में रह था। ऐसी जानकारी मिली है कि फैजान एक पढ़ा लिखा युवक है।  बिल्कुल शांत स्वभाव का है। उसके ज्यादे दोस्त भी नहीं हैऋ वह  सिर्फ अपने व्यवसाय से मतलब रखता है। वह अपने मजहब का पक्का है।  ऐसे में उसका अलकायदा मॉड्यूडल के लिए काम करना किसी बड़े खतरे की ओर इशारा कर रहा है।‌ एटीएस और झारखंड पुलिस विभाग को फैजान से बहुत ही चतुराई के साथ पूछताछ करनी होगी।  फैजान अब तक अलकायदा मॉड्यूल ल से कितने युवकों को जोड़ पाया है ? उसका इस अलकायदा मॉड्ऊल से जूड़कर  क्या करने की मंशा थी ? पता लगाने की जरूरत है।
 यह भी खबरें आ रही हैं कि हजारीबाग के फैजान के इस्तियाक अहमद से गहरे संबंध रहे थे। डॉक्टर इश्तियाक हजारीबाग आए थे और फैजान से मुलाकात की थी। यह भी जानकारी उभर कर सामने आ रही है कि दोनों  हजारीबाग के एक होटल में भोजन भी किये थे।  जबकि डॉक्टर इश्तियाक की गिरफ्तार पहले ही हो चुकी थी। डॉक्टर इश्तियाक से  एटीएस की टीम ने दो लैपटॉप, एक किताब, मोबाइल फोन और कुछ इलेक्ट्रॉनिक गैजट्स भी जब्त किए गये हैं।
  इस संबंध में यह लिखना जरूरी हो जाता है कि ऐसा पहली बार नहीं हुआ है कि झारखंड का आतंकी कनेक्शन पहली बार निकला है। इससे पहले भी आतंकियों ने झारखंड के रास्ते देश को दहलाने की साजिश का कई बार पर्दाफाश हो चुका है। अब तक झारखंड के विभिन्न जिलों में पच्चीस से ज्यादा आतंकियों को पकड़ा गया है। इन सबों  के सम्बंध विभिन्न आतंकी संगठनों से तो है ही, साथ  ही इनके संबंध अफगानिस्तान, पाकिस्तान, भारत, बर्मा व बांग्लादेश आदि देशों  के आतंकवादी संगठनों से हैं।  ये इन देशों में काफी सक्रिय हैं। इन आतंकियों का काम झारखंड में आतंक का प्रचार, समान विचारधारा वाले युवाओं को कट्टरपंथी बनाने और भारत के खिलाफ युद्ध छेड़ने के लिए लोगों को संगठन में भर्ती करना है। ऐसी खबरें भी आ रही है कि अलकायदा, सिम्मी, इंडियन मुजाहिद्दीन, लश्कर ए तैयबा समेत कई दूसरे आतंकी संगठनों के लिए ये काम करते रहे हैं। अंडरवर्ल्ड सरगना दाउद इब्राहिम के गिरोह के लिए भी ये काम कर चुके थे।
  जिस हजारीबाग जिले से फैजान की गिरफ्तारी हुई है। इससे पूर्व भी इस जिले में आतंकवादी संगठन खड़ा करने की सूचनाएं मिलती रही हैं।‌ ।2002 में हजारीबाग के ही सदर थाना क्षेत्र के खिरगांव मुहल्ले में 28 जनवरी को दो आतंकी मारे गये थे। इदरीश की घटनास्थल पर और सलीम नामक आतंकी की इलाज के दौरान मौत हो गयी थी। सलीम के बयान के अनुसार, दोनों आतंकी पाकिस्तानी और लश्कर-ए-तोएबा संगठन से जुड़े थे। 2012 में 29 फरवरी को हजारीबाग स्थित पगमिल मोहल्ले के कश्मीर हाउस से लश्कर के आतंकी तौफिक को गिरफ्तार किया गया था। उसकी निशानदेही पर दिल्ली में उसके एक साधी एहतेशाम को गिरफ्तार किया गया था। 2020 में दिसम्बर माह में मानगो सहारा सिटी में छापेमारी कर अब्दुल माजिद कुट्टी को गिरफ्तार किया था।  2023 में जुलाई माह में लोहरदगा से आतंकी संगठन इस्लामिक स्टेट आफ इराक एंड सीरिया के आतंकी फैजान उर्फ फेज की गिरफ्तारी हुई थी। यह  भी सूचना मिली है कि  फैजान सोशल मीडिया पर लोगों को दहशत फैलाने का काम कर रहा था।  2023 में सितम्बर माह में आतंकी संगठन आइएसआइएस के झारखंड मॉड्यूल केस में एनआइए की टीम ने रतलाम के खजूरी देवड़ा निवासी राहुल सेन उर्फ उमर उर्फ उमर बहादुर को गिरफ्तार किया था।
झारखंड के विभिन्न जिलों जिसमें खासकर हजारीबाग, लोहरदगा रांची जमशेदपुर आदि जिलों में अलकायदा मॉड्यूल संगठन को खड़ा करने के लिए एक बड़ा नेक्सस कार्यरत है । समय-समय पर गुप्त सूचना के आधार पर केंद्रीय एटीएस टीम छापामारी करती है, तब आतंकवादी संगठन से जुड़े लोगों को गिरफ्तार कर ले जाती हैं।  अब सवाल यह उठता है कि जब झारखंड में आतंकवादी संगठनों के जुड़े होने के बार-बार प्रमाण मिलते रहते हैं, तब झारखंड की पुलिस क्या करती रहती है ? झारखंड की पुलिस ऐसे आतंकवादी संगठनों के रोकथाम  के लिए अब तक क्या कार्रवाई की है ?  झारखंड की पुलिस ऐसे संदिग्ध लोगों को पहचान करने में विफल क्यों रह रही है ?  यह बड़ा अहम सवाल है।  अगर गुप्त सूचना के आधार पर केंद्रीय एटीएस की टीम हजारीबाग से फैजान, रांची से डॉक्टर इश्तियाक और लोहरदगा से मोहम्मद अल्ताफ आदि को आतंकवादी संगठनों से जुड़े होने के चलते गिरफ्तार नहीं करती, तब  ये लोग छूटें सांड  की तरह अलकायदा माॉड्यूल  संगठन को बढ़ाते रहते। झारखंड सरकार को इस प्रांत में फैल रहे आतंकवादी संगठनों के प्रसार पर बहुत सख्ती के साथ विराम लगाने की जरूरत है ।इस मुद्दे को लेकर किसी भी तरह की राजनीति नहीं की जानी चाहिए। पक्ष और विपक्ष दोनों को इस मुद्दे पर गंभीरता पूर्वक बातचीत कर एक ऐसी राह निकालनी चाहिए, जिससे कि इस क्षेत्र में आतंकवादी संगठनों को फैलने का कोई अवसर न मिले।