रांची : राजस्व उप निरीक्षक ने मांगा म्यूटेशन के एवज में पैसा, नहीं देने पर कर दिया रिजेक्ट
इस मामले में झारखंड सरकार के अबुआ साथी डिजिटल प्लेटफार्म पर ह्वाट्सऐप के माध्यम से शिकायत भी दर्ज कर दी है। साथ ही राष्ट्रीय शिकायत पोर्टल पर भी अपनी शिकायत दर्ज करने की बात कही है।

झारखंड की राजधानी रांची के कुछ अंचल कार्यालय में तैनात राजस्व उप निरीक्षक अपनी आदतों से बाज नहीं आ रहे है. एक तरफ राज्य सरकार राजस्व से जुड़े मामलों में तेजी लाने की हर कोशिश कर रही है लेकिन अंचल कर्मी अपनी चढ़ावे की आदतों से बज नहीं आ रहे है. जब तक इन कर्मियों को कुछ चढ़ावा नहीं मिलेगा, तब-तक एक पत्ता भी हिलने का नाम नहीं ले रहा है. एक ऐसा ही मामला रांची के नामकुम अंचल से निकल कर सामने आया है. अंचल के बड़ाम मौज की 10 डिसमिल जमीन के म्यूटेशन के लिए नेहा परमार ने ऑनलाइन आवेदन किया गया था, लेकिन रिजेक्ट कर दिया गया. इसके पिछे के कारण आप सनुकर दग रह जायेंगे. पहले आवेदनकर्ता नेहा परमार से राजस्व कर्मचारी राजेश कुमार ने म्यूटेशन के एवज में 5000 रुपए प्रति डिसमिल का डिमांड किया, डिमांड पूरा नहीं होने पर आवेदन रिजेक्ट कर दिया.
झारखंड सरकार से की गई है शिकायत
पीड़िता नेहा परमार ने इस मामले में झारखंड सरकार के अबुआ साथी डिजिटल प्लेटफार्म पर ह्वाट्सऐप के माध्यम से शिकायत भी दर्ज कर दी है। साथ ही राष्ट्रीय शिकायत पोर्टल पर भी अपनी शिकायत दर्ज करने की बात कही है। पीड़िता ने आगे बताया कि यदि इस मामले में जल्द ही जांच कर उचित कार्रवाई नहीं की जाएगी तो फिर मुख्यमंत्री के पास शिकायत करेंगी।
उसी खाता-प्लॉट का पूर्व में हुआ है म्यूटेशन
जिस खाता प्लॉट का राजस्व उप निरीक्षक राजेश कुमार ने म्यूटेशन रिजेक्ट किया है, उसी खाता नंबर 171, प्लाट नंबर - 2160,2161 का म्यूटेशन पूर्व में राजस्व कर्मचारी राजेश कुमार ने निशा कुमार के नाम से म्यूटेशन किया है, जिसका केस नंबर- 1633/2025-2026 है. लेकिन नेहा परमार का उसकी खाता-प्लॉट का म्यूटेशन इस लिए रिजेक्ट कर दिया गया की उन्होंने राजस्व कर्मचारी राजेश कुमार को 5000 रुपए प्रति डिसमिल के हिसाब से पैसा नहीं दिया था.
ACB ने पूर्व में भ्रष्टाचार के आरोप में की थी कर्रवाई
एसीबी को राजेश कुमार के ठिकानों से म्यूटेशन के लिए लंबित जमीन के मूल दस्तावेज सहित कई अन्य आपत्तिजनक कागजात मिले थे. एसीबी ने सभी दस्तावेजों को खंगाला था. राजस्व उप निरीक्षक राजेश कुमार पर अवैध गतिविधियों में संलिप्तता का आरोप था. एसीबी ने यह कार्रवाई पूर्व में गिरफ्तार शहर अंचल के अंचलाधिकारी मुंशी राम की गिरफ्तारी मामले में की गई थी. मुंशी राम के विरुद्ध जांच के क्रम में ही राजस्व उप निरीक्षक राजेश कुमार की भूमिका संदिग्ध पाई गई थी. इसके बाद ही एसीबी ने राजेश कुमार के विरुद्ध जांच शुरू कर दी थी. राजेश कुमार पूर्व में गुमला के घाघरा व रांची के शहर अंचल में भी कार्यरत रहे हैं.