हैप्पी गाडफादर्स डे
आइये कोशिश करें कि हम कायदे के गाडफादर बनायेंगे और हर साल फादर्स डे के अगले दिन गाडफादर्स डे मनायेंगे।
मन लिया जी फादर्स डे। समझदार खुलेआम फादर्स डे मनाते हैं, परम समझदार चुपके चुपके गाडफादर्स डे मनाते हैं।
अभिषेक बच्चन, अखिलेश यादव, उमर अबदुल्ला हैप्पी फादर्स डे बोलें, तो समझ आता है। पर दुनिया में सब तरह के फादर हैं। मेरा एक मित्र है, डीआईजी है, पिताजी उसे बचपन में हलवाई की दुकान पर बर्तन मांजने के काम में लगाना चाहते थे। बच्चा पैरों पर जल्दी खड़ा हो जाये, ये उनका सद्विचार था।
फादर कायदे के ना मिलें, पावरफुल ना मिलें, तो नसीब का दोष है। पर गाडफादर कायदे का ना मिलें, तो समझो कि कहीं ना कहीं पुरुषार्थ में, कर्मठता में कहीं कमी रह गयी।
कुछ समझदार बंदे फादर इन ला में गाडफादर तलाश लेते हैं। मेरे जानकार हैं एक साहित्यकार टाइप, एक वरिष्ठ साहित्यकार की बेटी के साथ कुछ मामला जमा लिया। मान लीजिये कि फादर इन ला साहित्यकारजी का नाम गोपालजी था। मित्र गोपालजी के दामाद हो गये। कई पुरस्कार मिले उन्हे, बस हुआ ये कि लोग उनका नाम भूल गये, सब जगह उन्हे लोग गोपालजी का दामाद ही बुलाते थे। एक हाऊसिग सोसाइटी में फ्लैट मिलने थे, वहां तक उनका नाम गोपालजी का दामाद नोट कर लिया गया। बाद में उनके असली नाम की खोज मची। शुक्र रहा कि दामादजी को अपना नाम याद था, वरना तो वह खुद भी सभी जगह अपना नाम यही बताते थे कि गोपालजी का दामाद हूं।
पुरस्कार और फ्लैट ऐसे ही नहीं मिल जाते। अपना नाम खत्म करके गोपालजी का दामाद करना पड़ता है।
स्मगलर्स और नेताओं में एक चलन यह रहा है कि आगे बढ़ने के लिए अपने गाडफादर को गोली देनी पड़ती है। गाडफादर हटने को तैयार ना होता। उसके साथ वही सलूक करना पड़ता है, जो आम तौर पर अब बेटे फादर के साथ करते हैं, लात मारकर हटाना पड़ता है।
गाडफादर के साथ एक सुविधा यह है कि वह चाहे जितने चेंज किये जा सकते हैं। अभी हमारा समाज पिछड़ा है और बाप को चेंज करने की परमीशन नहीं देता। हालांकि समझदार लोग चुपके से यह भी कर लेते हैं, एक परम सक्सेसफुल बंदे को मैंने 378 लोगों से ये कहते हुए सुना था कि आप तो मेरे बाप जैसे हैं। एक बार मैंने बहुत गुस्सा होकर उसे डांटा और कहा-अबे कभी अपनी मां से भी पूछ ले कि 378 बाप बना रहा है तू तो।
पर जी सक्सेसफुल आदमी फोकस्ड रहता है फादर बनाता है, गाडफादर बनाता है। डांट ना सुनता।
आइये कोशिश करें कि हम कायदे के गाडफादर बनायेंगे और हर साल फादर्स डे के अगले दिन गाडफादर्स डे मनायेंगे।
तमंचा तिहाड़वी ने कुछ शेर भेजे हैं-
शोहरत है वो अपने रास्ते आप बनाता है
कम लोग जाने हैं कि वो चुपचाप बनाता है
तुम समझो हो बहुत बिजी रहे वो काम में
पर समझदार है वो रोज नये बाप बनाता है