कैंसर मरीज़ों की आवाज़ बने पत्रकार रवि प्रकाश जिंदगी की जंग हार गये

रवि प्रकाश की डेढ़ महीने से मुंबई में कार-टी सेल थेरेपी चल रही थी। आपको बता दें कि रवि पिछले 4 साल से इस बीमारी से जूझ रहे थे।

कैंसर मरीज़ों की आवाज़ बने पत्रकार रवि प्रकाश जिंदगी की जंग हार गये
लंग कैंसर की बीमारी से लंबे समय से जूझ रहे बीबीसी के सहयोगी पत्रकार रवि प्रकाश का शुक्रवार को मुंबई में निधन हो गया। उन्हें इसी महीने की शुरुआत में अमेरिका में वर्ल्ड कैंसर कॉन्फ्रेंस में पेशेंट एडवोकेसी एडुकेशनल अवॉर्ड से सम्मानित किया गया था। इनके निधन पर सम्पूर्ण पत्रकारिता जगत में शोक़ की लहर है। विदित हो कि पत्रकार रवि प्रकाश पूर्वी चम्पारण के श्रीपुर घोड़ासहन के रहने वाले हैं।

रवि प्रकाश की डेढ़ महीने से मुंबई में कार-टी सेल थेरेपी चल रही थी। आपको बता दें कि रवि पिछले 4 साल से इस बीमारी से जूझ रहे थे। साल 2023 में उनकी बीमारी बढ़ कर दिमाग में फैल गयी थी। 

झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने उनके निधन पर दुख जताया। सीएम सोरेन ने कहा कि जिंदादिल इंसान हमेशा अमर रहते हैं। आप बहुत याद आएंगे रवि भाई।

बता दें कि 7 सितंबर को ही अमेरिका के तटीय शहर सैन डियेगो में उन्हें वर्ल्ड लंग कैंसर कांफ्रेंस (WCLC-2024) में पेशेंट एडवोकेसी एडुकेशनल अवार्ड दिया गया था। इस पुरस्कार को पाने वाले वे भारत के इकलौते व्यक्ति थे। यह अवार्ड इस लिए भी खास है क्योंकि वे खुद कैंसर के मरीज होते हुए भी कैंसर मरिजों की आवाज़ बने। इस अवार्ड को जीतने वाले बाकी विजेता या तो केयरगिवर्स थे या फिर लंग कैंसर के लिए काम करने वाली संस्थाओं के प्रतिनिधि थे। उन्होंने अवार्ड लेते समय झारखंडी आदिवासी परिधान पहना था और अंतर्राष्ट्रीय मंच पर सरना धर्म कोड का प्रदर्शन किया था। रवि ने कैंसर के इलाज की कठिनाई, खर्च, सरकार की सुविधाओं और योजनाओं की कमियों को लेकर कई लेख लिखे हैं।