प्रधानमंत्री मत्स्य संपदा योजना की चतुर्थ वर्षगांठ समारोह में पर्ल कल्चर के लिए हजारीबाग जिला चयनित 

झारखंड के मत्स्य निदेशालय के अधिकारियों संग मत्स्य कृषक  भी हुए शामिल। प्रगतिशील मत्स्य कृषक राजेंद्र तिवारी को मिला एनएफडीपी का प्रमाण पत्र ।

प्रधानमंत्री मत्स्य संपदा योजना की चतुर्थ वर्षगांठ समारोह में पर्ल कल्चर के लिए हजारीबाग जिला चयनित 

रांची/नई दिल्ली। प्रधानमंत्री मत्स्य संपदा योजना (पीएमएमएसवाई) की चतुर्थ वर्षगांठ समारोह का आयोजन नई दिल्ली स्थित प्रवासी भारतीय केन्द्र, सुषमा स्वराज भवन, चाणक्यपुरी में किया गया।

सरकारी योजनाओं का लाभ उठाएं, मत्स्य उत्पादन में आत्मनिर्भरता लाएं : राजीव रंजन 

इस कार्यक्रम का उद्घाटन राजीव रंजन (ललन सिंह) मंत्री, केन्द्रीय  मात्सियकी, पशुपालन एवं डेयरी मंत्रालय द्वारा किया गया। इस अवसर पर उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार की कल्याणकारी योजनाओं से पूरे देश के मत्स्यपालक लाभान्वित हो रहे हैं। उन्होंने मछली पालन को रोजगार का एक माध्यम बनाने की अपील करते हुए कहा कि सरकारी योजनाओं का भरपूर लाभ उठाएं और मत्स्य उत्पादन में आत्मनिर्भरता लाएं। 
समारोह में जार्ज कुरियन, राज्य मंत्री, मात्सियकी, पशुपालन एवं डेयरी मंत्रालय के में साथ डाॅ. अभिलाक्ष लिखी, (भाप्रसे) सचिव, सागर मेहरा, (भाप्रसे) संयुक्त सचिव माति्स्यकी, पशुपालन एवं डेयरी मंत्रालय, भारत सरकार,   जेके जेना, डीडीजी (माति्स्यकी),  विजय बेहरा, मुख्य कार्यपालक पदाधिकारी, राष्ट्रीय मात्सिस्यकी विकास बोर्ड, हैदराबाद उपस्थित थे।


समारोह में झारखंड के मत्स्य निदेशालय के निदेशक डाॅ.एचएन द्विवेदी, उप मत्स्य निदेशक अमरेन्द्र कुमार भी शामिल हुए। विभागीय अधिकारियों के साथ झारखंड के दस प्रगतिशील मत्स्य कृषक भी समारोह में भाग लेने पहुंचे थे। इनमें राजेन्द्र कुमार तिवारी,(पर्ल कल्चर के किसान) को नेशनल फिशरीज डिजिटल प्लेटफॉर्म  (एनएफडीपी) का प्रमाण-पत्र भी दिया गया। क्लस्टर एप्रोच के तहत हजारीबाग जिला को पूरे देश मे पर्ल कल्चर के लिए चुना गया। यहां जल्द ही मत्स्य पालन के अलावा मोती पालन भी किया जा सकेगा। विभागीय अधिकारियों ने बताया कि प्रधानमंत्री मत्स्य संपदा योजना के सफल कार्यान्वयन के कारण ही भारत मत्स्य उत्पादन में द्वितीय स्थान पर आ गया है। मत्स्य उत्पादन के साथ साथ मत्स्य कृषकों को विपरीत परिस्थितियों में काम करने के कारण प्रधानमंत्री दुर्घटना बीमा योजना शुरू की गई है। जिसका  प्रीमियम सरकार वहन करती है। आकस्मिक दुर्घटना होने पर पांच लाख रूपए राशि प्रदान की जाती है। 
समारोह में  केन्द्रीय अनुसंधान संस्थान को अलग-अलग मातिस्यकी के क्षेत्रों में काम करने के लिए सेंटर फॉर एक्सीलेंस के रूप में चुना गया। 
 कार्यक्रम में धन्यवाद ज्ञापन  नेशनल फिशरी डेवलपमेंट बोर्ड (एनएफडीबी), हैदराबाद के सीईओ विजय बेहरा द्वारा किया गया। वर्षगांठ समारोह में देश के विभिन्न राज्यों से मत्स्य विभाग के पदाधिकारियों और मत्स्य कृषकों ने भाग लिया। उक्त जानकारी झारखंड मत्स्य निदेशालय अंतर्गत मत्स्य किसान प्रशिक्षण केंद्र के मुख्य अनुदेशक प्रशांत कुमार दीपक ने दी।