Monday, April 29, 2024
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झारखंड विधानसभा के बजट सत्र के अंतिम दिन प्रथम पाली में हंगामे की भेंट चढ़ा प्रश्नकाल

साहिबगंज-मनिहारी घाट के पास गिट्टी लदे ट्रक गंगा में डूबने की घटना पर सदन में शोर-शराबा

  • देशपत्र डेस्क

रांची। झारखंड विधानसभा के बजट सत्र के अंतिम दिन शुक्रवार को सदन में प्रथम पाली में शोर-शराबे के कारण प्रश्नकाल बाधित हुआ। सदन में स्पीकर के आसन ग्रहण करते ही भाजपा के विरंची नारायण और अनंत ओझा ने साहिबगंज-मनिहारी घाट के बीच स्टीमर दुर्घटना का मुद्दा उठाते हुए सरकार से जवाब मांगा। इस पर संसदीय कार्य मंत्री आलमगीर आलम ने कहा कि मामले से संबंधित जानकारी प्राप्त करने की दिशा में प्रयास जारी है। दोषी व्यक्तियों पर कार्रवाई की जाएगी। श्री आलम के जवाब से असंतुष्ट भाजपा विधायक वेल में आ गए और हंगामा करने लगे। इस बीच सरकार विरोधी नारे भी लगाए गए।भाजपा विधायकों के सवालों का समर्थन करते हुए कांग्रेस के विधायक प्रदीप यादव और झामुमो विधायक लोबिन हेम्ब्रम ने भी इस मुद्दे पर सरकार को संज्ञान लेने और त्वरित कार्रवाई करने की मांग की।
पूर्व मुख्यमंत्री बाबूलाल मरांडी ने बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को इससे संबंधित प्रेषित पत्रों की प्रतिलिपि को लहराते हुए उक्त घटना की सीबीआई जांच की मांग की। श्री मरांडी ने कहा कि साहिबगंज से मनिहारी घाट के बीच अवैध रूप से गिट्टी व बालू लदे ट्रकों का परिचालन होता है। इसमें पुलिस-प्रशासन की भी संलिप्तता रहती है। उन्होंने साहिबगंज के उपायुक्त और पुलिस अधीक्षक को अविलंब निलंबित करने की मांग की। इस बीच सदन में शोर-शराबा होता रहा। विपक्ष की ओर से सरकार विरोधी नारे सदन में गूंजते रहे। हंगामा कर रहे भाजपा विधायकों को स्पीकर अपने-अपने स्थान पर बैठने का लगातार अनुरोध करते रहे, लेकिन उनके अनुरोध का कोई असर नहीं हुआ। अंततः स्पीकर ने 11:25 पर सभा की कार्यवाही अपराह्न 12 बजे तक के लिए स्थापित कर दी।

  • स्थानीय व नियोजन नीति के मुद्दे पर झामुमो विधायक लोबिन हेंब्रम ने सरकार को घेरा
    रांची। झारखंड सरकार द्वारा स्थानीय एवं नियोजन नीति के बारे में मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन द्वारा दिए गए बयान पर झामुमो विधायक लोबिन हेम्ब्रम ने सदन में तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त की। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री द्वारा 1932 के खतियान आधारित नियोजन नीति नहीं बनाने संबंधी बयान से झारखंडवासियों को गहरा आघात पहुंचा है। जब झारखंड की जनता के हित में स्थानीय नीति नहीं बनाई जाएगी, तो सदन में उनके रहने का क्या औचित्य है? श्री हेम्ब्रम के इस वक्तव्य पर विपक्षी सदस्यों की ओर से सरकार विरोधी नारेबाजी शुरू हो गई। भाजपा विधायक मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के विरोध में नारे लगाते हुए वेल में आ गए। हो-हंगामा होता देख स्पीकर ने सभा की कार्यवाही अपराह्न दो बजे के लिए पुनः स्थापित कर दी।विपक्ष के रवैये से स्पीकर हुए नाराज कहा, ‘अंतिम दिन आसन को बख्श दीजिए’ शुक्रवार को विधानसभा के बजट सत्र के दौरान प्रथम पाली में भाजपा विधायकों द्वारा वेल में आकर हो-हंगामा करने और सरकार विरोधी नारेबाजी किए जाने से नाराज विधानसभा अध्यक्ष रविंद्र नाथ महतो विपक्षी सदस्यों से अपने अपने सीटों पर बैठने का आग्रह करते रहे, लेकिन उनका अनुरोध बेअसर रहा। इससे नाराज होकर स्पीकर ने कहा कि बजट सत्र सुचारु रूप से चलाने में सत्ता और विपक्ष की महत्वपूर्ण भूमिका रही है। आज अंतिम दिन है आसन को बख्श दीजिए। यही नहीं, भाजपा विधायकों द्वारा बार-बार हंगामा करने पर स्पीकर के तेवर तल्ख भी दिखे। उन्होंने वेल में आकर हो-हल्ला कर रहे भाजपा विधायकों को कहा कि आप लोगों में न तौर-तरीका है, न सलीका।
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