विजय केसरी की कलम से
आखिर रूस ने यूक्रेन पर हमला शुरू कर ही दिया । इस हमले का परिणाम क्या होगा ? कोई भी ठीक से नहीं बता सकता है ! रूस के इस हमले ने यूक्रेन में भयंकर तबाही मचा दी है । अब तक कई जानें चली गई । जिस समय मैं यह लेख लिख रहा हूं, भारत सरकार रूस – यूक्रेन हमले पर दिल्ली में अपने सहयोगी मंत्रियों के साथ बैठक कर रही है । सरकार यूक्रेन में रह रहे भारतीय छात्रों एवं अन्य भारतीयों की सुरक्षा पर भी विमर्श कर रही है।
इसके साथ ही विश्व भर के देशों की निगाहें रूस – यूक्रेन युद्ध पर टिकी हुई है । अमेरिकी सरकार इस युद्ध पर गंभीरता से विचार कर रही है । अमेरिकी सरकार की इस युद्ध में क्या भूमिका होगी ? इस पर भी विचार कर रही है। अमेरिकी सरकार पहले ही यह बात कह चुकी है कि अगर रूस ने यूक्रेन पर हमला कर दिया तो अमेरिका, यूक्रेन के साथ खड़ा रहेगा। अमेरिकी सरकार ने यूक्रेन के साथ अपनी दोस्ती के मद्देनज़र यह बात जरूर कह दी, किंतु सीधे युद्ध में उतरना अमेरिकी सरकार के लिए भी भारी पड़ सकता है । युद्ध में सीधा उतरने के लिए सबसे पहले अमेरिकी सरकार को देश की सीनेट से मंजूरी लेनी होगी ।
यूरोप के सभी देशों का यूक्रेन का साथ देने के लिए युद्ध में उतरने की आशंका
रूस ने यूक्रेन पर जिस अंदाज में हमला किया है, उससे प्रतीत होता है कि रूसी सरकार ने युद्ध के अंतिम परिणाम पर भी विचार विमर्श कर लिया हो । रूस के इस हमले पर यूरोप के सभी देश गंभीरता पूर्वक विचार विमर्श कर रहे हैं । इस आशंका से भी इनकार नहीं किया जा सकता है कि यूरोप के सभी देश यूक्रेन का साथ देने के लिए युद्ध में उतर जाएं । कई देशों ने रूस के इस हमले पर कई तरह की पाबंदियां लगा दी हैं ।इन पाबंदियों का और रूसी सरकार पर कया असर होता है ? अभी कुछ भी कहना उचित नहीं होगा। रूस के इस हमले को यूरोप के सभी देश अर्थात नाटो तीव्र विरोध कर रहा है । नाटो के प्रवक्ता ने कहा है कि यह रूसी सरकार की बर्बरता पूर्ण कार्रवाई है। संपूर्ण यूरोप के देश रूस के खिलाफ खड़ा है । ऐसी संभावना से भी इनकार नहीं किया जा सकता है कि अगर नाटो इस युद्ध में सीधे प्रवेश कर जाता है, तो इस युद्ध की दिशा ही बदल जाएगी । तब इस युद्ध को विश्व युद्ध में बदलते देर न लगेगा। यह कोई मामूली युद्ध नहीं है । रूस के यूक्रेन पर हमला के साथ ही विश्व के कई चीजों की कीमतें बढ़ गईं । भारत में सेंसेक्स काफी नीचे चला गया है । सोना, पेट्रोलियम पदार्थों के दाम बढ़ गए हैं ।
भारत सहित विश्व के भर के लोगों का ध्यान युद्ध पर चला गया है, विश्व बाजार की रौनक ही गायब हो गई है
रूस – यूक्रेन युद्ध पर थोड़ी चर्चा करना जरूरी समझता हूं । रूस ने अपने क्रूज और बैलिस्टिक मिसाइलों से यूक्रेन के कई शहरों हमला शुरू कर दिया है । रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने हमले का ऐलान किया । पुतिन ने हमले की पुष्टि कर दी है और कहा कि क्रूज और बैलेस्टिक मिसाइलों से यूक्रेन के शहरों को रूस निशाना बना रहा है । इस बीच यूक्रेन ने 5 रूसी जंगी जहाज मार गिराने का दावा किया है । यूक्रेन की राजधानी कीव के हवाई अड्डे को खाली करा लिया गया है । रूस और यूक्रेन के बीच शुरू हुई जंग की तस्वीरें सामने आने लगी हैं । भारत सहित विश्व के भर के लोगों का ध्यान युद्ध पर चला गया है । विश्व बाजार की रौनक ही गायब हो गई है, ऐसी सूचना आ रही है । रूस का दावा है कि उसने यूक्रेन के खाली इलाकों में बमबारी की है और सैन्य ठिकानों को निशाना बनाया है । यूक्रेन के एक एयरबेस और सेना के अड्डों को तबाह करने का रूस दावा कर रहा है । यूक्रेन के अलग-अलग शहरों से बमबारी के बाद की तबाही की तस्वीरें और वीडियो लोग शेयर कर रहे हैं । हालांकि गनीमत की बात यह है कि ज्यादा संख्या में लोगों के हताहत होने की खबर नहीं है । जिसका पूरी दुनिया को डर था । रूस जिस आक्रामक तरीके से यूक्रेन पर आक्रमण कर रहा है , जमीनी स्तर पर भयंकर तबाही की ही तस्वीर सामने आएगी। यूक्रेन जवाबी कार्रवाई जरूर कर रहा है लेकिन रूस की सैन्य शक्ति के आगे वह ज्यादा समय तक टिका नहीं सकता है । यूक्रेन की सरकार को इस पर गंभीरता से विचार करने की जरूरत होगी।
पूरी दुनिया डरी-सहमी और आशंकित
दरअसल, यूक्रेन से विवाद में रूस के राष्ट्रपति ब्लादिमीर पुतिन ने युद्ध की तरफ कदम आगे बढ़ा दिया है । यूक्रेन पर चढ़ाई का ऐलान कर दिया है । देश के नाम पैगाम में पुतिन ने यूक्रेन के खिलाफ जंग का ऐलान किया और उस घमासान की शुरुआत कर दी, जिसे लेकर पूरी दुनिया डरी-सहमी और आशंकित थी । रूस के राष्ट्रपति ब्लादिमीर पुतिन ने बेहद सख्त और सीधे शब्दों में युद्ध का पैगाम भेजा है। अपने संदेश में पुतिन ने कहा है, ‘ये हमारा मामला है इसमें बाहरी कोई देश दखल देने की हिमाकत ना करे, अगर किसी ने दखल देने की जुर्रत की को नतीजा भुगतने को तैयार रहे, दखल देने वालों को ऐसे नतीजे भुगतने जो पहले कभी ना देखे-ना सुने गए’ ।
आगे राष्ट्रपति ब्लादिमीर पुतिन ने कहा, ‘सारे फैसले हो चुके हैं। अब कदम वापसी का रास्ता बंद हो गया । दुनिया सुन रही है । सब समझ रही है । यूक्रेन ने रेडलाइन पार कर लिया है । अब सेना हथियार डाले, वापस जाए।’ पुतिन आमादा हैं । यूक्रेन पर पश्चिमी देशों की पकड़ उन्हें कतई मंजूर नहीं है । यूक्रेन की नाटो से दोस्ती रूस से आर-पार की लड़ाई मान रही है। अभी कुछ भी अंदाजा लगाना मुश्किल है। रूस की पुतीन सरकार ने युद्ध के परिणाम पर विचार विमर्श के बाद ही यूक्रेन पर हमला का निर्णय लिया है।
रुस ने आर-पार की लड़ाई की ठान लिया है
राष्ट्रपति ब्लादिमीर पुतिन ने यूक्रेन में पश्चिमी देशों की दखल को रूस के खिलाफ साजिश की तरह लिया है । उसने ठान लिया है कि आर-पार की लड़ाई का वक्त आ गया है । यूक्रेन की आड़ में उनकी असली लड़ाई तो अमेरिका एंड कंपनी से है । सुरक्षा परिषद की बैठक मे रूस ने जो कुछ कहा उससे उसके खतरनाक इरादे को लेकर कोई शक नहीं रह जाता ।
रूस को जवाब देने के मूड में यूक्रेन की सरकार है। लेकिन यह भी सच है कि यूक्रेन सरकार, रूसी सेना का जवाब देने की स्थिति में नहीं है । दुनिया यह मानती है कि रूस पूरी दुनिया को हथियार है । तब समझा जा सकता है कि रूसी सेना के पास कितने अत्याधुनिक हथियार उपलब्ध है । रूसी सैन्य शक्ति की ताकत के आगे यूक्रेन बिल्कुल बौना है । यह सर्वविदित है कि रूस की पुतिन सरकार ने यूक्रेन पर हमला क्यों किया ? यूक्रेन सरकार की यूरोपीय देशों के साथ होते मधुर संबंध और नाटो के सदस्य बनने की इच्छा के चलते रूस की पुतिन सरकार ने यह हमला किया है । रूस की सरकार यह नहीं चाहती है कि यूक्रेन नाटो का सदस्य बने। यह सच है कि यूक्रेन कभी सोवियत रूस का ही अंग था । राष्ट्रपति पुतिन ने इस हमले को अपना निजी मामला बताया है। साथ ही किसी भी देश को इस युद्ध में हस्तक्षेप न करने की चेतावनी भी दी है।
समझौते के तमाम रास्ते बंद हो चुके : यूक्रेन
यूक्रेन से आने वाली खबरें बता रही हैं कि समझौते के तमाम रास्ते बंद हो चुके है । अब रूस की सेना के खिलाफ मजबूत कार्रवाई यूक्रेन किस से ना कर रही है । यूक्रेन के गृह मंत्री ने कीव और खारकीव में बैलेस्टिक मिसाइल से हमले की पुष्टि कर दी है ।कीव हवाई अड्डे को खाली करा लिया गया है । यूक्रेन ने ईंट का जवाब पत्थर से देने की ठान ली है । यूक्रेन की सरकार लड़ने और जीतने का दावा कर रही है । यूक्रेन सरकार जो भी दावा कर ले, रूसी सेना के आगे ज्यादा दिनों तक टिक नहीं सकती है।
अमेरिकी सरकार सहित विश्व के सभी देश रूस – यूक्रेन युद्ध पर गंभीरता से विचार कर रही हैं। भारत सरकार भी इस विषय पर गंभीरतापूर्वक विचार कर रही है । तीस हजार से ज्यादा नागरिक अभी भी यूक्रेन में है । उनकी जान की सुरक्षा के प्रति भारत सरकार पूरी तरह प्रतिबद्ध दिख रही है। यह भी सत्य है कि सोवियत रूस भारत का पक्का दोस्त रहा है। भारत-पाक युद्ध के समय रूस ने अपनी दोस्ती पूरी निष्ठा के साथ निभाई। रूस – यूक्रेन युद्ध पर भारत की स्थिति जी तटस्थता की रही है । मेरी दृष्टि में भारत तटस्थत रहे । यही सबसे उचित कदम होगा। अगर यूरोप के देश इस यु युद्ध में कूद पड़ते हैं, तो विश्वयुद्ध से इनकार नहीं किया जा सकता है।